भोपाल/आगराः जिले के दयालबाग क्षेत्र के जयराम बाग निवासी सचिन चौहान की अपहरण के बाद हत्या का मामला सामने आया था. पुलिस ने मामले का खुलासा किया है. पुलिस ने बताया कि सचिन की हत्या के पीछे पैसों के लेन-देन की वजह सामने आई है. आरोपियों के अनुसार सचिन पर 40 लाख रुपये की उधारी थी. जिसे वह चुका नहीं रह था. इन पैसों की खातिर ही सचिन के खास दोस्त सुमित असवानी ने अपने अन्य दोस्तों के साथ मिलकर सचिन की मौत की पटकथा लिखी थी.
ऐसे हुआ खुलासा
बता दें 21 जून को देर रात तक जब सचिन घर लौट कर नहीं आया तो सचिन की मां ने अपने बेटे की चिंता में अपने भतीजे से सचिन के नंबर पर कॉल मिलवाया. दूसरी तरफ से सचिन का फोन किसी और ने उठाया. सचिन के दोस्तों ने उसकी लोकेशन नोएडा बताई. अनीता को जब शक हुआ तो उन्होंने अपने बेटे से बात करने की इच्छा जाहिर की, लेकिन शातिरों ने यह कहते हुए फोन स्विच कर दिया कि नोएडा आने का कारण आपको सचिन ही बताएगा. इस बात के बाद सचिन का फोन स्विच ऑफ हो गया.
22 जून को भी सचिन घर नहीं लौटा तो सचिन के पिता सुरेश चौहान ने थाना न्यू आगरा में अपने बेटे की गुमशुदगी दर्ज करा दी. पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया. थाना पुलिस और एसटीएफ सचिन की तलाश में जुट गई. पुलिस ने सर्विलांस की मदद से सचिन के फोन की लोकेशन पता लगाई. पुलिस ने सचिन की कॉल डिटेल्स की भी जांच की थी. जिस पर आखिरी कॉल सचिन के दोस्त सुमित असवानी ने किया था. इसी से पुलिस की शक की सुई सचिन के दोस्तों पर अटक गई.
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रविवार की रात को इस हत्याकांड में शामिल एक आरोपी को एसटीएफ ने कमला नगर क्षेत्र से धर-दबोचा. गिरफ्तार आरोपी फर्जी दस्तावेज से एक सिम लेने की फिराक में था, लेकिन उससे पहले एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया. उसकी निशानदेही पर सचिन की हत्या में शामिल सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. पुलिस की कड़ी पूछताछ में सभी आरोपी टूट गए. उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया. आरोपियों के मुताबिक सचिन चौहान की हत्या की साजिश 25 दिन पहले ही रची जा चुकी थी. 21 जून को मौका पाकर सचिन को न्यू आगरा क्षेत्र में स्थित एक पानी के प्लांट पर ले जाया गया, जहां सभी ने शराब पी. उसी का फायदा उठा कर सचिन की हत्या कर दी गई. सचिन के मुंह पर लेमिनेशन वाली पॉलिथीन के रोल को कस कर लपेट दिया गया. जिससे दम घुटने से सचिन की मौत हो गई.
पीपीई किट में किया अंतिम संस्कार
एसएसपी मुनिराज जी के अनुसार आरोपियों ने पुलिस को चकमा देने के लिए एक प्लान बनाया था. सचिन की लाश को ठिकाने लगाने के लिए पीपीई किट का इस्तेमाल किया गया था. जिस बल्केस्वर घाट पर सचिन के शव को जलाया गया. वहां कोरोना डेडबॉडी का भी अंतिम संस्कार किया जा रहा था. सचिन की डेडबॉडी को पीपीई किट में लपेट कर कोरोना प्रोटोकॉल के तहत आरोपियों ने शव का अन्तिम संस्कार कर डाला. सचिन की पहचान छिपाने के लिए उसका नाम बदल कर रवि शर्मा कर दिया. जिसका सबूत पुलिस को घाट के एंट्री रजिस्टर से प्राप्त हुआ. पीपीई किट दिलीप मेडिकल से खरीदी गई थी. जिसकी पुष्टि केमिस्ट के रिकॉर्ड से हुई है.
2 करोड़ की फिरौती की करने वाले थे मांग
सचिन चौहान की हत्या 21 जून को ही कर दी गई थी, लेकिन हर्ष चौहान ने सुमित से कहा था कि सचिन को ठिकाने लगाने के बाद उसके पिता से 2 करोड़ की फिरौती की मांग करेंगे. इसके लिए सचिन का फोन ही इस्तेमाल किया जाएगा. पकड़े जाने के डर से सचिन के फोन का इस्तेमाल नहीं किया गया. आरोपी फिरौती के लिए फर्जी दस्तावेजों से एक सिम लेने की फिराक में थे, लेकिन उससे पहले पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
हत्यारे सुमित का चीन में है बड़ा कारोबार
हत्या का मास्टरमाइंड सुमित असवानी का चीन के शंघाई में गारमेंट इम्पोर्ट-एक्सपोर्ट का बड़ा व्यवसाय है. वह कोरोना की वजह से वर्ष 2019 में भारत लौट कर आया था. सचिन से सुमित की पहचान सचिन के ही चचेरे भाई हर्ष ने कराई थी. इस हत्या की साजिश के पीछे सचिन के चचेरे भाई हर्ष चौहान का भी हाथ था. हर्ष के पिता लेखराज चौहान का सचिन के पिता सुरेश चौहान के साथ कोल्डस्टोरेज में साझेदारी भी है. इस वारदात में हर्ष का नाम उजागर होने के बाद सचिन के स्वजन भी हैरान हैं.
यह हुए गिरफ्तार
1. सुमित असवानी निवासी तुलसी बिहार दयालबाग
2. हैप्पी खन्ना निवासी कमला नगर
3. मनोज बंसल निवासी कमला नगर
4. रिंकू निवासी कमला नगर
5. हर्ष चौहान निवासी सौरभ निकुंज दयालबाग न्यू आगरा