भोपाल। मध्यप्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण सड़क का निर्माण कराने के लिए सरकार अधिकारियों को जवाबदारी से काम करने के लिए निर्देशित किया है, जिसके बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल की अध्यक्षता में राज्य ग्रामीण सड़क प्राधिकरण की समीक्षा बैठक मंत्रालय में आयोजित की गई. बैठक में मंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों का निर्माण समय सीमा में पूरा करने के निर्देश अधिकारियों को दिए, साथ ही जिन ठेकेदारों के द्वारा तय समय में सड़कों का निर्माण पूरा नहीं किया जा रहा है, उनके साथ किया गया अनुबंध तत्काल निरस्त करने के साथ ही उन्हें प्रदेश में ब्लैक लिस्टेड करने के निर्देश भी दिए गए हैं. मंत्री ने अधिकारियों को सख्त लहजे में कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों का निर्माण हर हाल में गुणवत्तापूर्ण और तय समय में पूरा होना चाहिए, यदि कोई भी ठेकेदार ऐसा नहीं कर रहा है तो उस पर तत्काल कार्रवाई की जाए.
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने राज्य ग्रामीण सड़क प्राधिकरण की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क की गुणवत्ता पर नियंत्रण सुनिश्चित करने के लिये राज्य-स्तरीय टीम गठित की जाए. बैठक के दौरान मंत्री ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में बनाई जा रही सड़कों को लेकर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी, इसलिए सभी को अपनी नैतिक जिम्मेदारी के साथ इस काम को पूरा करना है और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बेहतर सड़क बनाकर देनी है.
राज्य ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उमाकांत उमराव ने बैठक में बताया कि प्राधिकरण द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पहले और दूसरे चरण में बनाई गई 84 हजार 936 किलोमीटर सड़कों का संधारण किया जा रहा है. मंडी निधि से 250 आबादी तक वाले गांवों को संपर्कता प्रदान की जा रही है. इस योजना में 250 करोड़ की लागत से 380 किलोमीटर सड़कों का निर्माण पूरा किया गया है. इससे 281 गांव लाभान्वित हुए हैं, उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना में पूर्व में बनाई गई 10 हजार किलोमीटर कच्ची सड़कों में से 6707 किलोमीटर सड़कों का डामरीकरण किया गया है, वहीं वर्तमान में 428 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों के डामरीकरण का कार्य प्रगति पर है.