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प्रदेश भर में आदर्श आचार संहिता लागू, जानें क्या होते हैं नियम

चुनाव आचार संहिता, चुनाव आयोग के वो निर्देश हैं, जिसका पालन इलेक्शन खत्म होने तक हर दल और हर प्रत्याशी को करना होता है.

सुनील अरोड़ा
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Published : Mar 10, 2019, 6:33 PM IST

भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों के एलान के साथ ही देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. चुनाव आचार संहिता, चुनाव आयोग के वो निर्देश हैं, जिसका पालन इलेक्शन खत्म होने तक हर दल और हर प्रत्याशी को करना होता है.

सुनील अरोड़ा

क्या है आचार संहिता-
1. 1966 के बाद से चुनावी प्रक्रिया में आचार संहिता का रोल प्रस्तावित किया गया.
2. आचार संहिता एक ऑर्डर के रूप में लागू होती है, जो बताती है कि कैंडिडेट को कैसा आचरण करना चाहिए.
3. आचार संहिता के तहत सरकार और अफसरों के आचरण की गाइडलाइन होती है.
4. आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग हर क्षेत्र के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करता है जो ध्यान रखते हैं कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं.
5. हर कैंडिडेट के लिए लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन व्यय की सीमा निर्धारित की जाती है.
6. इस दौरान सियासी दल मतदाताओं को किसी तरह का लालच न दे सकें इस बात का भी ध्यान रखा जाता है.
7. आचार संहिता लागू होने के बाद केंद्र या प्रदेश सरकार किसी भी तरह की नई घोषणा नहीं कर सकती.
8. इस दौरान किसी भी तरह के सरकारी लोकार्पण और शिलान्यास के काम नहीं किए जा सकते.
9. सरकारी खर्च पर ऐसा कोई काम नहीं किया जा सकता जिससे किसी भी राजनीतिक दल को चुनावी फायदा मिले.
10. आचार संहिता लागू होने के बाद सभी सरकारी कर्मचारी, चुनाव आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं और उन्हें चुनाव आयोग के हिसाब से ही काम करना होता है.

भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों के एलान के साथ ही देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. चुनाव आचार संहिता, चुनाव आयोग के वो निर्देश हैं, जिसका पालन इलेक्शन खत्म होने तक हर दल और हर प्रत्याशी को करना होता है.

सुनील अरोड़ा

क्या है आचार संहिता-
1. 1966 के बाद से चुनावी प्रक्रिया में आचार संहिता का रोल प्रस्तावित किया गया.
2. आचार संहिता एक ऑर्डर के रूप में लागू होती है, जो बताती है कि कैंडिडेट को कैसा आचरण करना चाहिए.
3. आचार संहिता के तहत सरकार और अफसरों के आचरण की गाइडलाइन होती है.
4. आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग हर क्षेत्र के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करता है जो ध्यान रखते हैं कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं.
5. हर कैंडिडेट के लिए लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन व्यय की सीमा निर्धारित की जाती है.
6. इस दौरान सियासी दल मतदाताओं को किसी तरह का लालच न दे सकें इस बात का भी ध्यान रखा जाता है.
7. आचार संहिता लागू होने के बाद केंद्र या प्रदेश सरकार किसी भी तरह की नई घोषणा नहीं कर सकती.
8. इस दौरान किसी भी तरह के सरकारी लोकार्पण और शिलान्यास के काम नहीं किए जा सकते.
9. सरकारी खर्च पर ऐसा कोई काम नहीं किया जा सकता जिससे किसी भी राजनीतिक दल को चुनावी फायदा मिले.
10. आचार संहिता लागू होने के बाद सभी सरकारी कर्मचारी, चुनाव आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं और उन्हें चुनाव आयोग के हिसाब से ही काम करना होता है.

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भोपाल। लोकसभा चुनाव 2019 की तारीखों के एलान के साथ ही देश भर में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. चुनाव आचार संहिता, चुनाव आयोग के वो निर्देश हैं, जिसका पालन इलेक्शन खत्म होने तक हर दल और हर प्रत्याशी को करना होता है. 

क्या है आचार संहिता-

1. 1966 के बाद से चुनावी प्रक्रिया में आचार संहिता का रोल प्रस्तावित किया गया. 

2. आचार संहिता एक ऑर्डर के रूप में लागू होती है, जो बताती है कि कैंडिडेट को कैसा आचरण करना चाहिए. 

3. आचार संहिता के तहत सरकार और अफसरों के आचरण की गाइडलाइन होती है.

4. आचार संहिता के दौरान चुनाव आयोग हर क्षेत्र के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करता है जो ध्यान रखते हैं कि नियमों का पालन हो रहा है या नहीं.  

5. हर कैंडिडेट के लिए लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचन व्यय की सीमा निर्धारित की जाती है.

6. इस दौरान सियासी दल मतदाताओं को किसी तरह का लालच न दे सकें इस बात का भी ध्यान रखा जाता है. 

7. आचार संहिता लागू होने के बाद केंद्र या प्रदेश सरकार किसी भी तरह की नई घोषणा नहीं कर सकती. 

8. इस दौरान किसी भी तरह के सरकारी लोकार्पण और शिलान्यास के काम नहीं किए जा सकते.

9. सरकारी खर्च पर ऐसा कोई काम नहीं किया जा सकता जिससे किसी भी राजनीतिक दल को चुनावी फायदा मिले.

10. आचार संहिता लागू होने के बाद सभी सरकारी कर्मचारी, चुनाव आयोग के कर्मचारी बन जाते हैं और उन्हें चुनाव आयोग के हिसाब से ही काम करना होता है.

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