भोपाल। कांग्रेस ने जीतू पटवारी ने सीएम शिवराज को लेकर विवादित बयान दिया था. उनके बयान पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ (Jitu Patwari Targets CM Shivraj). दरअसल राज्यपाल के अभिभाषण पर जीतू पटवारी अपनी बात कह रहे थे उसमें उन्होंने एक कहानी सुनाते हुए सीएम की तुलना बिना नाम लिए बंदर से कर दी. इस पर बीजेपी के विधायक भड़क गए. सदन में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ. इसी बीच बीजेपी के विधायकों ने राहुल गांधी का नाम लिए बिना कहा तुम्हारा पप्पू कहां है. बीजेपी विधायक उमाकांत शर्मा ने हंगामे के बीच कहा कमलनाथ वानरों के सरदार के भगत हैं. बंदर शब्द को विलोपित कराना चाह रहा था हालांकि अध्यक्ष की आसंदी पर बैठी हिना कांवरे ने कहा कि किसी का नाम नहीं लिया, शब्द को विलोपित नहीं किया गया. जिसके चलते सदन की करवाई को 5 मिनिट के लिए स्थगित करनी पड़ा.
2023 में BJP की विकास यात्रा और कांग्रेस की निकास यात्रा: वहीं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीता शरण शर्मा ने कहा कि कांग्रेस शासनकाल में भिंड मुरैना में अपहरण धंधा बन गया था. कांग्रेस नक्सल को बढ़ावा देती है. छत्तीसगढ़ नक्सल मामले में जांच हो जाये तो इसमें कांग्रेस नेताओं का हाथ है, यह बात सामने आ जाएगी. वहीं सीता शरण के आरोपों पर कांग्रेस नेताओं ने आपत्ति दर्ज कराई है.
बजट को कमलनाथ ने बताया चुनावी बजट: मध्यप्रदेश में बुधवार को विधानसभा में सरकार ने बजट पेश किया था. उसमें लगातार सदन में विपक्ष की तरफ से हंगामा किया गया, हालांकि मुख्यमंत्री ने खुद खड़े होकर सदन में अपील की थी कि पहले बजट सुन लिया जाए उसके बाद उस पर प्रतिक्रिया दी जाए, लेकिन उसके बाद भी कांग्रेस के विधायक लगातार बजट पर सवाल उठाते रहे. इसी बीच कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने भी बजट के बाद अपनी प्रतिक्रिया दी, उन्होंने कहा कि यह चुनावी बजट है. बजट के नाम पर प्रदेश का सत्यानाश किया गया है. सरकार बजट से जनता को गुमराह कर रही है. वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अधिवेशन के समय प्रियंका वाड्रा के स्वागत में बिछाए का गुलाब के फूलों से गुलाल बनाने की बात को लेकर भी प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है.
अहाते बंद होने से कमलनाथ विचलित: कमलनाथ के बयान पर पलटवार करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि "'मैं पहले ही कह चुका हूं कि जब से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्यप्रदेश में अहाते बंद किए हैं तब से कमलनाथ काफी आहत हैं और विचलित हैं. प्रदेश के इस बजट में गांव गरीब किसान मजदूर और सबसे ज्यादा हमारी जो माताएं बहने हैं उनको और उनके हितों को सामने रखकर यह बजट लाया गया है. यदि कमलनाथ इस बजट को सत्यानाशी या धोखे का बजट कहते हैं तो फिर से एक बार विचार करना पड़ेगा. क्योंकि इस पूरे बजट में ना तो कहीं आईफा अवार्ड दिख रहा है और ना ही सलमान और जैकलीन का इस बजट में कोई असर दिख रहा है, तो फिर कमलनाथ तो ऐसा कहेंगे ही''.
गुलाल-गुलाब पर सियासत जारी: वहीं छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन का भले ही समापन हो गया है लेकिन उसके बाद भी विवादों का दौर खत्म नहीं हो रहा है. अधिवेशन के समय जब प्रियंका गांधी आईं तो रायपुर की सड़क पर साढ़े 6 हजार किलो गुलाब बिछा दिए गए, इस पर प्रियंका का काफिला गुजरा, अब उन फूलों से गुलाल बनवाया जा रहा है, इसे लेकर सियासत तेज हो गई है. मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी इस पर पलटवार करते हुए कहा कि ''मैं इसे बिल्कुल अच्छा नहीं मानता हूं और जो गुलाब लोगों के पैरों के नीचे कुचले गए हो उन गुलाबों का गुलाल बनाकर जनजाति भाइयों के माथे पर लगाया जाए, यह जनजाति भाइयों का अपमान है. कांग्रेस की सोच हमेशा आदिवासी व जनजाति भाइयों के प्रति इसी प्रकार की रही है''.