भोपाल। भोपाल में संघ का शक्ति प्रदर्शन चल रहा था. इस मौके पर संघ के दूसरे नंबर के पदाधिकारी दत्तात्रेय होसबोले ने जनप्रतिनिधियों के कैरेक्टर को लेकर बड़ी बात कह दी है. उन्होंने कहा कि, "चरित्र निर्माण भी भारत के लिए जरूरी है और खास तौर से जनप्रतिनिधि या समाज का प्रतिनिधित्व करने वालों का चरित्र भी चरित्रवान होना चाहिए(RSS Dattatreya Hosabale big statement). उन्होंने कहा कि कई बार ऐसी स्थिति भी आती है कि सोचना पड़ता है कि, किसके चरित्र को देख आगे बढ़े." जाहिर है संघ ने उन जनप्रतिनिधि और नेताओं को संदेश दे दिया जिनके कैरेक्टर को लेकर सवाल उठते हैं.
विश्व में सम्मानजनक स्थान दिलाने का काम संघ का: पिछले 15 अगस्त के भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि, "देशहित में सरकार अनेक योजनाएं बना रही है, लेकिन नागरिकों के भी कुछ कर्तव्य हैं. हमें भी अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए. तभी जाकर हमारा देश विश्वगुरु बनेगा." संघ 95 साल से राष्ट्र साधना में लगा है. संघ का काम सामूहिक कर्मयोग है. समाज को सामर्थ्यवान बनाने, भारत को विश्व में सम्मानजनक स्थान दिलाने का काम संघ का है.
![hosabale raised questions on ministers character](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-bho-rss-sammelan_11122022202837_1112f_1670770717_1040.jpg)
संघ में होती है कितनी शाखाएं: संघ कार्य का मुख्य आधार शाखाएं हैं. शाखाओं में शारीरिक, बौद्धिक, व्यवस्था, सेवा, संपर्क एवं प्रचार आदि कार्यविभागों के माध्यम से स्वयंसेवकों का प्रशिक्षण किया जाता है. इस प्रशिक्षण से कार्यकर्ताओं के गुणों का विकास होता है और उनकी योग्यता और कुशलता भी बढ़ती है, जिससे वे समाज संगठन और राष्ट्र उन्नति के कार्य में यथाशक्ति कुशलतापूर्वक योगदान देते हैं. शाखाओं में स्वयंसेवक जो प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं, उसकी एक झलक स्वयंसेवक द्वारा इस कार्यक्रम में प्रस्तुत की गई.
3 माह से कर रहे थे अभ्यास: इस कार्यक्रम की तैयारी के लिए पिछले 3 महीने से स्वयंसेवक प्रांत शाखाओं पर अभ्यास कर रहे थे. साथ ही नगर केंद्र पर रात्रिकालीन अभ्यास के लिए 104 शाखाओं को अभ्यास केंद्र के रूप में चयन किया गया था. बाद में ये अभ्यास बढ़कर 214 शाखाओं तक पहुंचा(Hosabale raised questions on ministers character). शारीरिक अभ्यास की दृष्टि से कुल 3 हजार 300 स्वयंसेवकों ने अभ्यास प्रारंभ किया. गुणवत्ता के आधार पर अंतिम सूची 3 हजार 166 चयनित स्वयंसेवकों की बनी. शाखा स्तर पर कुल 125 शिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया. जिला केंद्र पर 2 बार एकत्रीकरण किए गए, जिसमें कुल 1 हजार 527 स्वयंसेवक उपस्थित रहे.