भोपाल। राज्य सरकार प्रदेश की मंडी परिसरों में राइस मिल स्थापित करने की संभावनाएं तलाशेगी और इसके लिए नीति बनाई जाएगी. इसके साथ ही प्रदेश में संचालित मिल सरकारी धान की मिलिंग करने से इंकार न कर सकें. इसके लिए नियमों में संशोधन किया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने इसके लिए मिलिंग कंट्रोल ऑर्डर में संशोधन के निर्देश दिए हैं.
राज्य मंत्रालय में खरीफ फसल के उपार्जन और धान मिलिंग नीति की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को चावल की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि उचित मूल्य उपभोक्ताओं को अच्छी गुणवत्ता का चावल प्रदान किए जाने के लिए जरूरी है कि मिलों को जिस गुणवत्ता का धान मिलिंग के लिए दिया जाता है. उसी गुणवत्ता का चावल उनसे प्राप्त किया जाए. गुणवत्ता नियंत्रण पर सर्वाधिक ध्यान दिया जाना चाहिए, कार्य में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
गुणवत्ता नियंत्रण के जिम्मेदार पर भी हो कार्रवाई
बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने बताया कि चावल की गुणवत्ता में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा द्वारा प्रकरण दर्ज करके कार्रवाई की जा रही है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि इस बार प्रदेश में कहीं भी थोड़ी सी भी गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए
40 लाख मैट्रिक टन धान का संभावित लक्ष्य
धान की खरीदी के लिए इस साल 40 लाख मैट्रिक टन का संभावित लक्ष्य रखा गया है. पिछले साल 25 लाख 80 हजार मैट्रिक टन का लक्ष्य था. इस बार धान का बोया गया रकबा 34.25 लाख हेक्टेयर है, और पंजीकृत किसानों की संख्या 7 लाख 24 हजार है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि खरीदे गए अनाज के त्वरित परिवहन एवं समुचित भंडारण की अच्छी व्यवस्था होनी चाहिए. कोशिश की जाए कि भंडारण के लिए कम से कम अस्थाई कैब बनाए जाएं. खरीफ 2020-21 उपार्जन वर्ष में धान का समर्थन मूल्य 1868 रुपये, ज्वार का 2620 रुपए तथा बाजरे का 2150 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है.