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17 सितंबर को होगा भोपाल के 85 वार्डों का आरक्षण घोषित, कलेक्टर ने जारी किए आदेश

भोपाल में 85 वार्डों में एक बार फिर से आरक्षण की कवायद शुरू हो गई है. कलेक्टर के द्वारा जारी किए गए आदेश में बताया गया है कि आगामी नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के परिपेक्ष में कुल 85 वार्डों का आरक्षण 17 सितंबर को किया जाएगा.

Nagar Palika Parishad, Bhopal
नगर पालिका परिषद, भोपाल
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Published : Sep 10, 2020, 11:44 AM IST

भोपाल। नगर निगम के 85 वार्डों में एक बार फिर से आरक्षण की कवायद शुरू हो गई है. इस संबंध में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया के द्वारा आदेश जारी करते हुए बताया गया है कि 27 सितंबर को समन्वय भवन में समस्त 85 वार्डों को लेकर आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

Nagar Palika Parishad, Bhopal
नगर पालिका परिषद, भोपाल

हालांकि इससे पहले भी तीन बार तिथियां घोषित हो चुकी हैं, लेकिन किसी ना किसी कारण की वजह से हर बार आरक्षण की प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ा है. आरक्षण की जानकारी मिलने के बाद नेता भी सक्रिय हो गए हैं.

क्योंकि नगर निगम भोपाल के महापौर और पार्षद का कार्यकाल फरवरी माह में ही समाप्त हो चुका है और वर्तमान में बिना पार्षद और महापौर के ही नगर निगम का कामकाज प्रशासक और भोपाल संभागायुक्त कविंद्र कयामत के द्वारा देखा जा रहा है.

कलेक्टर के द्वारा जारी किए गए आदेश में बताया गया है कि आगामी नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के परिपेक्ष में मध्य प्रदेश नगर पालिका (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं के लिए ) वार्डों का आरक्षण निगम नियम 1994 के अंतर्गत नगर पालिक निगम भोपाल के अंतर्गत आने वाले कुल 85 वार्डों का आरक्षण 17 सितंबर को किया जाएगा.

कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखते हुए समन्वय भवन टीटी नगर के ऑडिटोरियम हॉल में अत्यंत सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा, इसके अलावा ऑडिटोरियम हॉल के बाहर टीवी स्क्रीन पर आरक्षण की कार्रवाई को देखने की व्यवस्था की जाएगी.

इससे पहले तीन बार 85 वार्डो के आरक्षण को लेकर तारीखों का ऐलान किया गया था, लेकिन उससे पहले ही कई कारणों की वजह से यह प्रक्रिया स्थगित करना पड़ी थी. लेकिन अब जिला प्रशासन के अधिकारी भी आरक्षण की प्रक्रिया को पूरा करने पर जोर दे रहे हैं.

इस बार 85 में से 43 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे. इसमें से 25 अनारक्षित, 11 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 6 अनुसूचित जाति (अजा) और 1 अनुसूचित जनजाति (अजजा) महिला के लिए आरक्षित किए जाएंगे.

वर्ष 2014 में 85 वार्ड में से जो 21 वार्ड पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुए थे, वे अनारक्षित श्रेणी में रखे जाएंगे. जबकि अजजा के दो और अजा के 12 वार्ड यथावत रहेंगे. जो वार्ड पहले महिलाओं के लिए थे, वे अब मुक्त हो जाएंगे और जो मुक्त होंगे वे महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगे.

हालांकि, वर्ष 2014 में जो 50 वार्ड अनारक्षित थे. अब उनमें से ही ओबीसी के 21 नए वार्ड का चयन लॉटरी पद्धति के माध्यम से किया जाएगा. यही नहीं इन 21 वार्ड में से ही 11 ओबीसी महिला वार्ड भी लॉटरी से चुने जाएंगे, बचे हुए 29 वार्ड में वर्ष 2014 में ओबीसी हुए 21 वार्ड जोड़कर वापस 50 वार्ड अनारक्षित श्रेणी में रखे जाएंगें और उसमें से 25 वार्ड महिलाओं के लिए लॉटरी से तय किए जाएंगे, जिला प्रशासन ने पूरी आरक्षण प्रक्रिया की तैयारी कर ली है.

हालांकि बताया जा रहा है कि अजा और अजजा के वार्ड तय हैं. उनका चुनाव लॉटरी प्रक्रिया से नहीं होगा. केवल ओबीसी मुक्त, ओबीसी महिला और अनारक्षित मुक्त और अनारक्षित महिला का चुनाव ही लॉटरी के माध्यम से ही किया जाएगा.

वहीं दूसरी ओर अनारक्षित व ओबीसी सीट से चुनाव लड़ने वाले पूर्व पार्षदों का टिकट लेने का गणित गड़बड़ आने लगा है. अब सभी को आरक्षण का इंतजार है ताकि वे अपना वार्ड तय करने के बाद ही वहां पर चुनाव प्रचार शुरू कर सकें. हालांकि नगर निगम का कार्यकाल फरवरी में समाप्त होने के बाद से ही महापौर और 85 पार्षदों का लंबे समय से कोई अता-पता नहीं है. कोरोना संकट काल के दौरान भी ज्यादातर पार्षद अपने वार्डों से नदारद ही रहे हैं.

भोपाल। नगर निगम के 85 वार्डों में एक बार फिर से आरक्षण की कवायद शुरू हो गई है. इस संबंध में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया के द्वारा आदेश जारी करते हुए बताया गया है कि 27 सितंबर को समन्वय भवन में समस्त 85 वार्डों को लेकर आरक्षण की प्रक्रिया पूरी की जाएगी.

Nagar Palika Parishad, Bhopal
नगर पालिका परिषद, भोपाल

हालांकि इससे पहले भी तीन बार तिथियां घोषित हो चुकी हैं, लेकिन किसी ना किसी कारण की वजह से हर बार आरक्षण की प्रक्रिया को स्थगित करना पड़ा है. आरक्षण की जानकारी मिलने के बाद नेता भी सक्रिय हो गए हैं.

क्योंकि नगर निगम भोपाल के महापौर और पार्षद का कार्यकाल फरवरी माह में ही समाप्त हो चुका है और वर्तमान में बिना पार्षद और महापौर के ही नगर निगम का कामकाज प्रशासक और भोपाल संभागायुक्त कविंद्र कयामत के द्वारा देखा जा रहा है.

कलेक्टर के द्वारा जारी किए गए आदेश में बताया गया है कि आगामी नगरीय निकायों के आम निर्वाचन के परिपेक्ष में मध्य प्रदेश नगर पालिका (अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग एवं महिलाओं के लिए ) वार्डों का आरक्षण निगम नियम 1994 के अंतर्गत नगर पालिक निगम भोपाल के अंतर्गत आने वाले कुल 85 वार्डों का आरक्षण 17 सितंबर को किया जाएगा.

कोविड-19 के प्रभाव को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखते हुए समन्वय भवन टीटी नगर के ऑडिटोरियम हॉल में अत्यंत सीमित संख्या में ही लोगों को प्रवेश दिया जाएगा, इसके अलावा ऑडिटोरियम हॉल के बाहर टीवी स्क्रीन पर आरक्षण की कार्रवाई को देखने की व्यवस्था की जाएगी.

इससे पहले तीन बार 85 वार्डो के आरक्षण को लेकर तारीखों का ऐलान किया गया था, लेकिन उससे पहले ही कई कारणों की वजह से यह प्रक्रिया स्थगित करना पड़ी थी. लेकिन अब जिला प्रशासन के अधिकारी भी आरक्षण की प्रक्रिया को पूरा करने पर जोर दे रहे हैं.

इस बार 85 में से 43 वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित किए जाएंगे. इसमें से 25 अनारक्षित, 11 अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 6 अनुसूचित जाति (अजा) और 1 अनुसूचित जनजाति (अजजा) महिला के लिए आरक्षित किए जाएंगे.

वर्ष 2014 में 85 वार्ड में से जो 21 वार्ड पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुए थे, वे अनारक्षित श्रेणी में रखे जाएंगे. जबकि अजजा के दो और अजा के 12 वार्ड यथावत रहेंगे. जो वार्ड पहले महिलाओं के लिए थे, वे अब मुक्त हो जाएंगे और जो मुक्त होंगे वे महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगे.

हालांकि, वर्ष 2014 में जो 50 वार्ड अनारक्षित थे. अब उनमें से ही ओबीसी के 21 नए वार्ड का चयन लॉटरी पद्धति के माध्यम से किया जाएगा. यही नहीं इन 21 वार्ड में से ही 11 ओबीसी महिला वार्ड भी लॉटरी से चुने जाएंगे, बचे हुए 29 वार्ड में वर्ष 2014 में ओबीसी हुए 21 वार्ड जोड़कर वापस 50 वार्ड अनारक्षित श्रेणी में रखे जाएंगें और उसमें से 25 वार्ड महिलाओं के लिए लॉटरी से तय किए जाएंगे, जिला प्रशासन ने पूरी आरक्षण प्रक्रिया की तैयारी कर ली है.

हालांकि बताया जा रहा है कि अजा और अजजा के वार्ड तय हैं. उनका चुनाव लॉटरी प्रक्रिया से नहीं होगा. केवल ओबीसी मुक्त, ओबीसी महिला और अनारक्षित मुक्त और अनारक्षित महिला का चुनाव ही लॉटरी के माध्यम से ही किया जाएगा.

वहीं दूसरी ओर अनारक्षित व ओबीसी सीट से चुनाव लड़ने वाले पूर्व पार्षदों का टिकट लेने का गणित गड़बड़ आने लगा है. अब सभी को आरक्षण का इंतजार है ताकि वे अपना वार्ड तय करने के बाद ही वहां पर चुनाव प्रचार शुरू कर सकें. हालांकि नगर निगम का कार्यकाल फरवरी में समाप्त होने के बाद से ही महापौर और 85 पार्षदों का लंबे समय से कोई अता-पता नहीं है. कोरोना संकट काल के दौरान भी ज्यादातर पार्षद अपने वार्डों से नदारद ही रहे हैं.

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