ETV Bharat / state

गेहूं की अच्छी पैदावार से सहकारी बैंकों को उम्मीद, बढ़ सकती है रिकवरी

author img

By

Published : Feb 6, 2021, 8:24 AM IST

Updated : Feb 6, 2021, 8:57 AM IST

प्रदेश के सहकारी बैंकों को गेहूं की अच्छी पैदावार से रिकवरी बढ़ने की उम्मीद है. अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक प्रदीप मिश्रा के मुताबिक रबी फसल की वसूली का समय 28 जून तक निर्धारित है. उम्मीद है कि इस समय वसूली पिछले साल से बेहतर होगी.

Good wheat yield
गेहूं की अच्छी पैदावार

भोपाल। सहकारी बैंकों को एक बार फिर गेहूं की अच्छी पैदावार से वसूली में बढ़ोतरी की उम्मीद है. प्रदेश के 38 जिला सहकारी बैंकों में 4,252 सहकारी समितियों के माध्यम से 13,800 करोड रुपए का किसानों को ऋण वितरित किया गया था. पिछले साल का मिलाकर बैंकों को करीब 25 हजार करोड़ रुपए की रिकवरी करना है. हालांकि अभी तक इस में से सिर्फ 17 फीसदी वसूली ही हो सकी है.

सहकारिता मंत्री का बयान
11 बैंकों ने की 10 फीसदी की वसूली
किसानों को रबी सीजन में 0 फीसदी ब्याज पर 13,800 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है. पिछले सीजन की करीब 11 हजार करोड़ रुपए बकाया रह गए थे. इस तरह करीब 25 हजार करोड़ रुपए की किसानों से वसूली की जानी है. बताया जाता है कि वसूली को लेकर कई बैंकों की रफ्तार बेहद धीमी है. दतिया, सतना, जबलपुर, भिंड, टीकमगढ़, रीवा,सीधी, ग्वालियर, दतिया की वसूली की धीमी रफ्तार को लेकर सहकारिता विभाग द्वारा वसूली में तेजी को लेकर चेताया गया है. अभी तक कुल 17 फीसदी वसूली ही हो सकी है. हालांकि रवि फसल के उपार्जन के बाद इसमें तेजी आने की उम्मीद है. गेहूं का उपार्जन कार्य मार्च माह से शुरू होने जा रहा है. अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक प्रदीप मिश्रा के मुताबिक रबी फसल की वसूली का समय 28 जून तक निर्धारित है. उम्मीद है कि इस समय वसूली पिछले साल से बेहतर होगी. सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के मुताबिक गेहूं का उपार्जन 15 मार्च से शुरू होने जा रहा है. किसानों को इस बार पिछले साल के मुकाबले 5 हजार करोड़ ज्यादा ऋण दिया गया है. पिछले साल 8 हजार करोड़ का ऋण दिया था, जबकि इस साल 13,800 करोड़ का ऋण दिया गया.
कोरोना काल में 10 फीसदी ज्यादा हुई वसूली
कोरोना का काल के बावजूद प्रदेश के सरकारी बैंकों की वसूली दस फीसदी ज्यादा हुई है. किसानों ने प्रदेश के 38 जिला सहकारी बैंकों में 4,252 सहकारी समितियों के जरिए 1 लाख 51 हजार 621 करोड़ों पर जमा कराए थे. यह राशि पिछले साल की अपेक्षा दसवीं भी ज्यादा थी. किसानों पर बैंकों के 26 हजार करोड़ रुपए बकाया थे. हालांकि इसके पीछे मुख्य वजह समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी और गेहूं की बंपर पैदावार रही. 130 लाख टन गेहूं खरीद कर सरकार ने किसानों के खातों में 22 हजार करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया था.

भोपाल। सहकारी बैंकों को एक बार फिर गेहूं की अच्छी पैदावार से वसूली में बढ़ोतरी की उम्मीद है. प्रदेश के 38 जिला सहकारी बैंकों में 4,252 सहकारी समितियों के माध्यम से 13,800 करोड रुपए का किसानों को ऋण वितरित किया गया था. पिछले साल का मिलाकर बैंकों को करीब 25 हजार करोड़ रुपए की रिकवरी करना है. हालांकि अभी तक इस में से सिर्फ 17 फीसदी वसूली ही हो सकी है.

सहकारिता मंत्री का बयान
11 बैंकों ने की 10 फीसदी की वसूली
किसानों को रबी सीजन में 0 फीसदी ब्याज पर 13,800 करोड़ रुपए का ऋण दिया गया है. पिछले सीजन की करीब 11 हजार करोड़ रुपए बकाया रह गए थे. इस तरह करीब 25 हजार करोड़ रुपए की किसानों से वसूली की जानी है. बताया जाता है कि वसूली को लेकर कई बैंकों की रफ्तार बेहद धीमी है. दतिया, सतना, जबलपुर, भिंड, टीकमगढ़, रीवा,सीधी, ग्वालियर, दतिया की वसूली की धीमी रफ्तार को लेकर सहकारिता विभाग द्वारा वसूली में तेजी को लेकर चेताया गया है. अभी तक कुल 17 फीसदी वसूली ही हो सकी है. हालांकि रवि फसल के उपार्जन के बाद इसमें तेजी आने की उम्मीद है. गेहूं का उपार्जन कार्य मार्च माह से शुरू होने जा रहा है. अपेक्स बैंक के प्रबंध संचालक प्रदीप मिश्रा के मुताबिक रबी फसल की वसूली का समय 28 जून तक निर्धारित है. उम्मीद है कि इस समय वसूली पिछले साल से बेहतर होगी. सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया के मुताबिक गेहूं का उपार्जन 15 मार्च से शुरू होने जा रहा है. किसानों को इस बार पिछले साल के मुकाबले 5 हजार करोड़ ज्यादा ऋण दिया गया है. पिछले साल 8 हजार करोड़ का ऋण दिया था, जबकि इस साल 13,800 करोड़ का ऋण दिया गया.
कोरोना काल में 10 फीसदी ज्यादा हुई वसूली
कोरोना का काल के बावजूद प्रदेश के सरकारी बैंकों की वसूली दस फीसदी ज्यादा हुई है. किसानों ने प्रदेश के 38 जिला सहकारी बैंकों में 4,252 सहकारी समितियों के जरिए 1 लाख 51 हजार 621 करोड़ों पर जमा कराए थे. यह राशि पिछले साल की अपेक्षा दसवीं भी ज्यादा थी. किसानों पर बैंकों के 26 हजार करोड़ रुपए बकाया थे. हालांकि इसके पीछे मुख्य वजह समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी और गेहूं की बंपर पैदावार रही. 130 लाख टन गेहूं खरीद कर सरकार ने किसानों के खातों में 22 हजार करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया था.
Last Updated : Feb 6, 2021, 8:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.