भोपाल। केंद्र सरकार ने 'कूड़ा मुक्त' शहरों की रेटिंग में राजधानी भोपाल काफी पिछड़ा हुआ है. भोपाल टॉप शहरों में भी जगह नहीं बना सका है, जिस पर अब सवाल उठने लगे हैं. नगर निगम के अधिकारियों की तरफ से लगातार दावे किए जाते रहे हैं कि वह शहर को कचरा मुक्त कर रहे हैं और डोर टू डोर कचरा उठा रहे हैं. तमाम दावों के बाद भी रेटिंग में सुधार क्यों नहीं हुआ.
ईटीवी भारत ने 'कूड़ा मुक्त' रेटिंग सामने आने के बाद भोपाल में कचड़ा प्रबंधन का रियलिटी चेक किया तो साफ हो गया कि शहर के कई इलाकों में अब भी कचरा सड़कों पर मौजूद है. लॉकडाउन होने के जरूर शहर फिलहाल साफ दिख रहा है, क्योंकि बाजार बिल्कुल बंद पड़े हुए हैं और लोग घरों के अंदर हैं. इन सबके बावजूद भी कई इलाकों में कचरा पड़ा हुआ देखा जा सकता है और इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि लॉकडाउन होने के हालात में जो जमीनी तस्वीर सामने आई है वो और भी खराब होती.
नगर निगम दावे करता है कि प्रत्येक कॉलोनी में वो सुबह शाम डोर टू डोर कचरा उठा रहा है, लेकिन भोपाल शहर की रेटिंग इस दावे पर कई तरह के सवाल उठा रही है. पिछली बार की रेटिंग में भोपाल को 2 स्टार मिले थे, जिसमें सुधार करते हुए इस बार 3 स्टार हासिल किए हैं. आपको बता दें कि भोपाल ने 7 स्टार के लिए अप्लाई किया था, जिससे वो काफी पिछड़ गया है.