भोपाल। पन्ना की महारानी जितेश्वरी देवी को जुगल किशोर मंदिर से निकाले जाने का विवाद अब पूरे राजपूत साज की प्रतिष्ठा का सवाल हो गया है. राजनीतिक रंग ले रही इस लडाई में पन्ना महारानी जितेश्वरी देवी ने मंत्री ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह पर आरोप लगाए. अब पूरी राजपूत महापंचायत जितेश्वरी देवी के साथ खड़ी हो गई है. राजपूत महापंचायत का कहना है कि "इस पूरे मामले मे षड़यंत्र किया गया है. इसलिए महारानी जितेश्वरी के खिलाफ जो मामला दर्ज हुआ है, उसकी निष्पक्ष जांच कराई जाए. राजपरिवार के सदस्यों को धार्मिक अनुष्ठान में आने से रोकने वाले पंडों-पुजारियों पर अपराध दर्ज हो. राजपूत महापंचायत ने तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है और पूरे प्रदेश में ज्ञापन सौंपे हैं. अगर चार दिन में उनकी मांगे पूरी नहीं हुई तो राजपूत पन्ना का घेराव करेंगे. पन्ना राज परिवार का सम्मान जुगल किशोर मंदिर में प्रवेश कराएंगे. पन्ना की महारानी जितेश्वरी ने कहा है कि इस सबके पूछे मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह हैं. उन्होंने कहा कि मंदिर में पुजारियों ने उनसे अभद्र व्यवहार किया और विधवा कहने के साथ गालियां दी.
महारानी की आन की लड़ाई राजपूत लड़ेंगे: पन्ना के जुगल किशोर मदिर में महारानी जितेश्वरी देवी को खदेड़ा जाना फिर उनकी गिरफ्तारी के साथ बढ़ा विवाद अब एमपी में राजपूत समाज के सम्मान की लड़ाई में तब्दील हो चका है. 17 बरस के महाराज छत्रसाल द्वितीय का वीडियो सामने आने के बाद अब ये सवाल भी उठ रहे है कि क्या मंदिर प्रशासन जानबूझकर पन्ना राजघराने को चार सौ साल पुरानी परंपरा निभाने से रोक रहा था. सोशल मीडिया पर अब वो वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिनमें महारानी जितेश्वरी को मंदिर के प्रवेश द्वार पर ही रोका जा रहा है. राजपूत मपांचायत के अध्यक्ष राघवेन्द्र सिंह तोमर ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि "राजपूत महापंचायत राजपरिवार के न्याय की इस लड़ाई में पूरी राजपूत महापंचायत उनके साथ खड़ी है. जो मंदिर राज परिवारों की देन है, उन मंदिरों में राज परिवार के लोग ही नहीं जा सकते, ये किसने तय कर दिया. महारानी जितेश्वरी अकेली नहीं हैं, उनके साथ पूरा राजपूत समाज खड़ा है."
पन्ना राजपरिवार विवाद में राजपूत महापंचायत की डिमांड:
राजपूत महापंचायत ने सीएम शिवराज के सामने इस पूरे मामले से जुड़ी सात मांगे रखी हैं.
- राजमाता पन्ना जितेश्वरी देवी के खिलाफ दर्ज अपराध की निष्पक्ष जांच कराकर केस खत्म किया जाए.
- राजपरिवार के सदस्यों को महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने से रोकने वाले पंडो-पुजारी पर अपराध दर्ज किया जाए.
- झूठा अपराध दर्ज करने वाले पुलिस अधिकारी और जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो.
- पन्ना के एतिहासिक मंदिरों का मालिकाना हक पन्ना राजपरिवार को सौंपा जाए.
- पन्ना में राजवंशों की ओर से मंदिरों को दान में दी गई सैकड़ों एकड़ जमीन से पंडे पुजारियों का अतिक्रमण मुक्त करवाया जाए.
- पन्ना के समस्त ऐतिसाहिक मंदिरों की समितियों में जारी आर्थिक अनियमितता की ईओडब्ल्यू से जांच हो.
- पन्ना की महारानी को विधवा और महिला होने की वजह से गर्भ गृह में जाने से रोका गया, महिला शक्ति से ऐसी असामनता का बर्ताव करने वाले पुजारियों को गिरफ्तार किया जाए.
पन्ना का घेराव करेगी राजपूत महापंचायत: राजपूत महापंचायत ने चार दिन का अल्टीमेटम सरकार को दिया है. अगर चार दिन में ये कार्रवाई नहीं होती तो राजपूत महापंचायत पन्ना नगर का घेराव करेगी. पन्ना राजपरिवार के सदस्यों को सम्मान के साथ जुगल किशोर मंदिर लेकर जाया जाएगा.
पन्ना के मंदिर की बदइंतजामी के खिलाफ धरना: पन्ना के जुगल किशोर मंदिर में राजपरिवार की 300 वर्ष पुरानी परंपरा का उल्लंघन को लेकर और वीआईपी कल्चर के खिलाफ लोगों ने धरना शुरु कर दिया है. सात सूत्रीय मांगों को लेकर नगर के लोग अनशन पर बैठे हैं.
महारनी बोलीं, सबके पीछे मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह: पन्ना की महारानी जितेश्वरी ने आरोप लगाया है कि मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह इस सबके पीछे हैं. उन्हें वीआईपी कल्चर की आदत है. बलदाऊ मंदिर में उन्होंने चंवर ढुलाया. जबकि ये केवल राजपरिवार का अधिकार है. मंदिर के पुजारी ने मुझे अभद्र शब्द बोले और विधवा कहा. आरती नहीं लेने दी. इस सबके पीछे मंत्री बृजेन्द्र प्रताप सिंह हैं, जो हमे प्रताड़ित कर रहे हैं.