भोपाल। प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले की पीड़िता की मौत हो गई है. नाबालिग ने दो दिन पहले नींद की गोलियां खाई थीं. तबियत बिगड़ने पर उसे सोमवार देर रात हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां इलाज के दौरान नाबालिग ने दम तोड़ दिया है. इसकी पुष्टि ASP रामसनेही मिश्रा ने की है. भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने मामले में जांच करने के आदेश दिए हैं.
क्या है पूरा मामला ?
प्यारे मियां यौन शोषण मामले में पिछले 6 महीने से 5 फरियादी बालिका गृह में रह रही हैं. उनके से एक नाबालिग ने 2 दिन पहले नींद की गोलियां खा ली थी. जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी और उसे हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था. नाबालिग की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर उसके परिजन भी अस्पताल पहुंचे, उन्होंने बाल गृह पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. नाबालिग की मां कहना है कि अगर उसकी बेटी ने कोई नशीली पदार्थ खाई है, तो ये आया कहां से. बाल गृह में कैसे पहुंचा. जहां एक चॉकलेट नहीं पहुंच सकती है. वहां इस तरह की लापरवाही कैसे हुई.
तीन दिन पहले वार्डन और नाबालिग की मां के बीच हुआ था झगड़ा
ये भी सामने आया है कि तीन दिन पहले बाल गृह की अधीक्षिका और नाबालिग की मां के बीच झगड़ा हुआ था. ऐसा कहा जा रहा है कि इस दौरान मारपीट तक हो गई थी. पुलिस ने मामला शांत कराया था. बताया जा रहा है कि नाबालिग की मां उसे घर ले जाना चाहती थी, लेकिन वार्डन ने परमिशन नहीं दी.
एक और पीड़िता की बिगड़ी थी तबीयत
इस केस जुड़ी एक और पीड़िता की तबीयत खराब हुई थी. जिसे जेपी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. हालांकि अब बताया जा रहा है कि उसकी हालत में सुधार है और उसे वापस बाल गृह पहुंचा दिया गया है.
कलेक्टर ने दिए थे जांच के आदेश
मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अविनाश लवानिया ने मंगलवार को न्यायायिक जांच के आदेश दिए हैं. जिसके बाद बुधवार को अपर मजिस्ट्रेट माया अवस्थी ने जांच शुरू कर दी है. इस कड़ी में नेहरू नगर स्थित बालिका ग्रह में जांच दल भी पहुंचा था. इस पूरे मजिस्ट्रियल जांच की अधिकारी माया अवस्थी नियुक्त की गई है.
8 बिंदुओं पर की जाएगी जांच
- क्या घटना के लिए कोई जिम्मेदार है?
- फरियादी नाबालिग की तबीयत किन परिस्थितियों में बिगड़ी और उसने क्या खाद्य पदार्थ दिया जाता था.
- यदि अखाद्य पदार्थ दिया गया है, तो इसके अलावा चार अन्य नाबालिक पीड़िता ने भी तो नहीं लिया अखाद्य पदार्थ.
- क्या शासकीय बालग्रह बाल कल्याण समिति द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाता रहा या नहीं.
- यह जो घटना घटी है, इस घटनाक्रम में उस दिन कौन-कौन मौजूद रहे और उनकी क्या-क्या भूमिकाएं रही है.
- इस तरह की घटना फिर दोबारा ना हो इसको लेकर सुझाव जांच के दौरान साक्ष्य आमंत्रित किए गए हैं.
- कोई भी व्यक्ति इस विषय पर यदि साक्ष्य और तथ्य हो तो मदद के लिए दे सकता है.
कोहेफिजा पुलिस जांच में जुटी
पूरे मामले में कोहेफिजा पुलिस मामला दर्ज करेगी और उसके बाद संबंधित कमला नगर थाना पुलिस घटनास्थल स्थल की जांच करेगी, जहां नाबालिग ने नींद की गोलियां खाईं थी, इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच पहले ही शुरू हो चुकी है.
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मामले को दबाने की कोशिश !
सिलसिलेवार हुए घटनाक्रम के साथ बाल गृह और अस्पताल प्रबंधन के रवैए ने कई सवाल खड़ कर दिए हैं. सूत्रों के हवाले से खबर आई है कि बच्ची के दिमाग की नस फट गई है. इस बात को नाबालिग के परिजनों ने भी स्वीकार किया था. परिजनों का ये भी कहना है कि उनकी बच्ची पहले ही मार दिया गई थी. क्योंकि बच्ची कोई हरकत नहीं कर रही थी. ऊपर से अस्पताल प्रबंधन साफ-साफ कुछ बता नहीं रहा है. मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है.
अभी बच्चियों की गवाही नहीं हुई है
बता दें आरोपी प्यारे मियां के खिलाफ नाबालिग बच्चियों से यौन शोषण के कई मामले दर्ज हैं. प्यारे मियां फिलहाल जेल में है. यह मामला जिला कोर्ट में चल रहा है. इस मामले में अभी बच्चियों की गवाही कोर्ट में होना है. हालांकि कोर्ट में सुनवाई नहीं होने के कारण लंबे समय से बच्चियां बाल गृह में रह रहीं हैं.