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पीसी शर्मा ने शिवराज को बताया 'पावर पीड़ित', बीजेपी ने भी किया पलटवार - मंदसौर में शिवराज सिंह ने

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने जनता से बिजली के बिल नहीं भरने की अपील की थी. जिस पर जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि इस तरह लोगों को उकसाना गैरकानूनी है. शिवराज सिंह को गरीब जनता का बिल वहां से भरना चाहिए जो उन्होंने 15 साल में कमाया है.

जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने शिवराज पर कसा तंज
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Published : Sep 25, 2019, 8:37 PM IST

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इन दिनों कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. पिछले दिनों मंदसौर में शिवराज सिंह ने वहां की जनता से बिजली के बिल नहीं भरने की अपील की थी. पूर्व मुख्यमंत्री की इस अपील के बाद सियासत तेज हो गई है. जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को पिछले 8-9 महीने से कुछ हो गया है. जब से उनकी पावर गई है, तब से वह पावर पीड़ित हो गए हैं.

जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने शिवराज पर कसा तंज

जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने कहा कि बिजली के बिल का जवाब मुख्यमंत्री ने मंदसौर में दिया है. उन्होंने कहा कि इस तरह से जनता को बिल नहीं भरने के लिए उकसाना गैरकानूनी है. इसमें एक चीज बड़ी स्पष्ट है कि बिजली के बिल में जो समस्या आई है, उसे शिवराज सिंह ने खड़ा किया है. चुनाव के ठीक पहले चुनाव जीतने के लिए उन्होंने कहा था कि बिजली के पूरे बिल माफ. सिर्फ 200 रूपये लगेंगे और 200 रूपये के कुछ बिल भी जारी कर दिए. लेकिन इसके लिए बजट की व्यवस्था शिवराज सिंह ने नहीं की.

मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि शिवराज ने चुनाव के समय 22 हजार 385 घोषणाए की थी. उन्होंने सोचा था कि सरकार बन जाएगी. लेकिन यह 86वीं घोषणा फेल हो गई और अभी यह भार मध्य प्रदेश सरकार पर आ गया है. शिवराज सिंह को गरीब जनता का बिल वहां से भरवाना चाहिए, जो उन्होंने 15 साल में कमाया है.

मामले में बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि बिजली संकट बड़ा है. बिजली के बिल किसी गरीब आदमी के यहां इतने आने लगे कि साल भर भी आमदनी न हो. सरकार को संवेदनशीलता के साथ विचार कर समाधान करना चाहिए. अगर गरीब बिजली के बिल चुकाएंगे तो उनके टपरे तक बिक जायेंगे.

भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इन दिनों कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. पिछले दिनों मंदसौर में शिवराज सिंह ने वहां की जनता से बिजली के बिल नहीं भरने की अपील की थी. पूर्व मुख्यमंत्री की इस अपील के बाद सियासत तेज हो गई है. जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि शिवराज सिंह चौहान को पिछले 8-9 महीने से कुछ हो गया है. जब से उनकी पावर गई है, तब से वह पावर पीड़ित हो गए हैं.

जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने शिवराज पर कसा तंज

जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा ने कहा कि बिजली के बिल का जवाब मुख्यमंत्री ने मंदसौर में दिया है. उन्होंने कहा कि इस तरह से जनता को बिल नहीं भरने के लिए उकसाना गैरकानूनी है. इसमें एक चीज बड़ी स्पष्ट है कि बिजली के बिल में जो समस्या आई है, उसे शिवराज सिंह ने खड़ा किया है. चुनाव के ठीक पहले चुनाव जीतने के लिए उन्होंने कहा था कि बिजली के पूरे बिल माफ. सिर्फ 200 रूपये लगेंगे और 200 रूपये के कुछ बिल भी जारी कर दिए. लेकिन इसके लिए बजट की व्यवस्था शिवराज सिंह ने नहीं की.

मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि शिवराज ने चुनाव के समय 22 हजार 385 घोषणाए की थी. उन्होंने सोचा था कि सरकार बन जाएगी. लेकिन यह 86वीं घोषणा फेल हो गई और अभी यह भार मध्य प्रदेश सरकार पर आ गया है. शिवराज सिंह को गरीब जनता का बिल वहां से भरवाना चाहिए, जो उन्होंने 15 साल में कमाया है.

मामले में बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि बिजली संकट बड़ा है. बिजली के बिल किसी गरीब आदमी के यहां इतने आने लगे कि साल भर भी आमदनी न हो. सरकार को संवेदनशीलता के साथ विचार कर समाधान करना चाहिए. अगर गरीब बिजली के बिल चुकाएंगे तो उनके टपरे तक बिक जायेंगे.

Intro:भोपाल।पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह इन दिनों कमलनाथ सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं।पिछले दिनों मंदसौर में शिवराज सिंह ने वहां की जनता से बिजली के बिल नहीं भरने की अपील की थी। पूर्व मुख्यमंत्री की इस अपील के बाद सियासत तेज हो गई है। बीजेपी जहां शिवराज सिंह के साथ खड़ी नजर आ रही है।तो दूसरी तरफ कांग्रेस शिवराज सिंह पर तंज कसते हुए नजर आ रही है। कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान को पिछले 8-9 महीने से कुछ हो गया है। जब से उनकी पावर गई है, तो वह पावर पीड़ित हो गए हैं।Body:पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की अपील के बाद मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि देखिए संकट बड़ा है। बिजली के बिल किसी गरीब आदमी के यहां इतने आने लगे कि साल भर भी आमदनी ना हो। हजारों में बिजली के बिल आ रहे हैं। मासिक आमदनी तो छोड़िए, बिल का किसी प्रकार का आधार बनता हो तो बात समझ में आती है। गरीब जनता खाए या बिजली का बिल भरे। कोई उनके घरों और छोटी सी झोपड़ी में कारखाने नहीं चल रहे हैं ।सरकार को संवेदनशीलता के साथ विचार कर समाधान करना चाहिए। अगर वह बिजली के बिल चुकाएंगे तो उनके टपरे तक बिक जायेंगे।Conclusion:इस मामले में कमलनाथ सरकार के जनसंपर्क मंत्री पी सी शर्मा का कहना है कि बिजली के बिल का जवाब मुख्यमंत्री ने मंदसौर में दिया है। बिजली में उन्होंने रियायत दी है। ऐसा है कि शिवराज सिंह चौहान जी पता नहीं 8-9 महीने से कैसे परेशान हो गए हैं। जो उनकी पावर गई है,यह केवल अब पावर पीड़ित हैं। वहीं उन्होंने कहा कि इस तरह से जनता को बिल नहीं भरने के लिए उकसाना गैरकानूनी है। इसमें एक चीज बड़ी स्पष्ट है कि बिजली के बिल में जो समस्या आई है, उसे शिवराज सिंह ने खड़ा किया है। चुनाव के ठीक पहले चुनाव जीतने के लिए उन्होंने कहा था कि बिजली के पूरे बिल माफ। सिर्फ 200 रूपये लगेंगे और 200 रूपये के कुछ बिल भी जारी कर दिए।लेकिन इसके लिए बजट की व्यवस्था शिवराज सिंह ने नहीं की। अगर वह बजट का प्रावधान कर देते कि यह जो पैसा माफ किया है, वह कहां से व्यवस्था होगी, तो उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है।22 हजार 385 घोषणा उन्होंने की थी और सोचा था कि सरकार बन जाएगी। लेकिन यह 86वीं घोषणा फेल हो गई और अभी यह भार मध्य प्रदेश सरकार पर आ गया है। यह कह रहे हैं कि उन्होंने जो फर्जी घोषणा की है, वह बिल तो आएंगे। क्योंकि आपने बजट का प्रावधान ही नहीं किया ।यह पहले की सब बिल हैं। अभी तो गरीब लोग सौ यूनिट जला रहे हैं और उनका 100 रूपये बिल आ रहा है। शिवराज सिंह को गरीब जनता का बिल वहां से भरवाना चाहिए, जो उन्होंने 15 साल में कमाया है।
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