भोपाल। आदमपुर छावनी में नगर निगम भोपाल रोजाना सैकड़ों टन कचरा डंप करता है, जिस वजह से आदमपुर छावनी के आसपास करीब 12 से ज्यादा गांव दूषित हवा और पानी के साथ जीवन जीने को मजबूर हैं. छावनी में लाखों टन कचरा जमा है, जिससे दूर-दूर बदबू और प्रदूषण फैल रहा है. जिसकी वजह से यहां कई बीमारियों से भी लोग ग्रसित हो रहे हैं. विधानसभा क्षेत्र आदमपुर छावनी के दौरे पर पहुंचे प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने जब वहां के हालात देखे, जिसके बाद अब उन्होंने खुद मोर्चा संभाला है.
गुरुवार को जब प्रोटेम स्पीकर दौरे पर आदमपुर छावनी पहुंचे, तो वहां का आलम देखा और कहा कि, आदमपुर छावनी में कचरे की वजह से इतनी बदबू आती है कि, एक मिनट खड़े नहीं रहा जाता. इंदौर की तर्ज पर भोपाल में भी कचरा निष्पादन की उचित व्यवस्था हो, इसलिए प्रोटेम स्पीकर शर्मा, नगर निगम आयुक्त केवीएस चौधरी और स्थानीय लोग भोपाल से इंदौर में NEPRA कंपनी द्वारा संचालित ट्रेंचिंग ग्राउंड में आधुनिक मशीनों के जरिए कचरा निष्पादन की प्रक्रिया का अवलोकन करने पहुंचे.
किया कई मॉडलों का अवलोकन
बता दें, इंदौर और भोपाल में रोजाना करीब 600 टन सूखा और गीला कचरा निकलता है. इंदौर के देव गुराड़िया में NEPRA कंपनी द्वारा रोजाना 300 टन सूखे कचरे का निष्पादन किया जाता है. PPP (प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप) मॉडल पर 30 करोड़ से निर्मित ट्रेंचिंग ग्राउंड से निगम प्रशासन को सालाना आय भी होती है. प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने इंदौर दौरे के दौरान महिंद्रा ग्रुप द्वारा संचालित चोइतराम मंडी के हरे कचरे और बचे हुए भोजन से बनने वाले BIO-CNG और खाद के निर्माण प्लांट का भी अवलोकन किया. जानकारी के मुताबिक रोजाना इस प्लांट से 20 टन गीले कचरे का निष्पादन कर BIO-CNG और खाद बनाई जाती है. भोपाल में इस प्लांट की क्षमता 300 टन होगी.
भोपाल में भी करेंगे लागू
प्रोटेम स्पीकर रामेश्वर शर्मा ने बताया कि, नगर निगम भोपाल द्वारा शहर का 90 प्रतिशत कचरा आदमपुर छावनी में डंप किया जाता है, इस दौरान आसपास के क्षेत्र में लोगों को काफी बदबू का सामना भी करना पड़ता है. इंदौर में नवाचार करते हुए कचरे को निष्पादन करने के लिए आधुनिक तकनीक का सहारा लिया गया है. इसके माध्यम से निष्पादन में किसी प्रकार की बदबू भी नहीं आती है.
उन्होंने कहा कि, इंदौर जैसी व्यवस्था को भोपाल में भी लागू किया जाएगा, क्योंकि हमारा उद्देश है कि, भोपाल हर हाल में स्वच्छ और साफ-सुथरा रहे. इसके लिए इंदौर नगर निगम और भोपाल नगर निगम के अधिकारियों के बीच आपसी सामंजस्य स्थापित किया जाएगा. निश्चित रूप से जो मॉडल इंदौर में तैयार किया गया है, उसी के तहत भोपाल में भी अब नया प्लांट स्थापित किया जाएगा. उससे जो कचरे के ढे़र स्थापित हो रहे हैं, उससे भी निजात मिल सकेगी और कचरे का सदुपयोग भी किया जा सकेगा.