भोपाल। राजधानी भोपाल में लगातार बढ़ रहे सब्जियों के दामों ने रहवासियों को खासा परेशान कर दिया है. एक तरफ कोरोना संक्रमण के कारण लोगों की जिंदगी बदल गई है, वहीं लगातार बढ़ रहे सब्जियों के दाम ने लोगों के घरों का बजट बिगाड़ कर रख दिया है. बारिश की शुरुआत के बाद सब्जियों के दामों में कुछ राहत दिखाई दी थी लेकिन एक बार फिर से शहर में सब्जियों के दाम तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. अब तो हालात ये हैं कि टमाटर और धनिया सबसे ज्यादा महंगे दामों में बिक रहा है. कई क्षेत्रों में तेज बारिश होने की वजह से मंडियों में सही मात्रा में सब्जियों की आवक न होने की वजह से सब्जियों के दामों में तेजी दर्ज की जा रही है .
मंडियों में नहीं आ रहीं सब्जियां
फुटकर व्यापारी राजा खान का कहना है कि बीते दिनों प्रदेश समेत कई राज्यों में हुई अत्यधिक बारिश के कारण सब्जी की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. इस वजह से भोपाल की थोक मंडी में भी कई राज्यों से आने वाली सब्जियों की आवक घट गई है, यही वजह है कि अब सब्जियां लगातार महंगी होती जा रही हैं. थोक करोंद मंडी में इन दिनों आलू-प्याज समेत कई सब्जियों की आवक करीब पांच हजार क्विंटल है, जो कि कुछ दिनों पहले तक यह आवक आठ हजार क्विंटल तक थी.
करोद मंडी से राजधानी के 80 फीसदी हिस्से में सब्जियां फुटकर व्यापारियों के जरिए ही लोगों के घर-घर तक पहुंचती हैं, लेकिन यहां आवक कम होने का सीधा असर सब्जियों के मूल्य पर पड़ा है. विट्ठल मार्केट, कोलार मार्केट, न्यू मार्केट, अवधपुरी, सरकारी प्रेस कंपलेक्स आदि जगहों पर फुटकर दुकानों में 30 से 40 रुपए किलो के भाव में ही सब्जियां मिल पा रही हैं.
लोगों की मजबूरी बनी महंगी सब्जियां
करोंद मंडी में थोक की तुलना में फुटकर में सब्जी के भाव दोगुने से ज्यादा है. टमाटर के थोक भाव 30 से 40 रुपए किलो हैं. इस कारण फुटकर बाजार में दोगुने भाव में बिक रहा है. वहीं भिंडी, फूलगोभी, गिलकी समेत कई सब्जियां भी फुटकर बाजार में ज्यादा दामों में बेची जा रही हैं. इससे आम लोगों को महंगी सब्जियां मजबूरी में खरीदना पड़ रही हैं.
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फुटकर व्यापारी राजा खान ने बताया कि ज्यादा बारिश के कारण सब्जियों की आवक पहले की तुलना में काफी कम हो रही है. टमाटर महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक से ही आता है. आवक कम होने से थोक में ही 30 से 40 रुपए प्रति किलो के भाव से मिल रहा है. इसके बाद लोडिंग ऑटो और अन्य खर्चे मिलाकर इस मूल्य में और ज्यादा इजाफा हो रहा है. यही वजह है कि टमाटर का मूल्य 70 से 80 रुपए प्रति किलो के भाव तक पहुंच चुका है. इसके अलावा फूल गोभी ,पत्ता गोभी ,गिलकी, भिंडी ,लौकी, करेला, परवल जैसी हरी सब्जियों की आवक भी काफी कम हो गई है. अगर ये आवक बढ़ती है तो निश्चित रूप से सब्जियों के दामों में कमी आएगी .