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द्रौपदी मुर्मू आज आदिवासियों को देंगी सौगात, लागू होगा पेसा एक्ट, जानें क्या है इसमें मिलने वाली सुविधाएं - जानिए क्या है पेसा एक्ट

द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार मध्य प्रदेश के दौरे पर आ रही हैं (president draupadi murmu visit mp). राष्ट्रपति भोपाल में भी कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी. 15 नवंबर यानी आज राष्ट्रपति एमपी आएंगी. यहां वे पेसा एक्ट लागू करने का ऐलान करेंगी. जानिए क्या है पेसा एक्ट और क्या हैं इसमें प्रावधान.

PESA act implemented in mp
द्रौपदी मुर्मू आदिवासियों को देंगी सौगात
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Published : Nov 14, 2022, 10:27 PM IST

Updated : Nov 15, 2022, 7:12 AM IST

भोपाल। प्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर 15 नवंबर यानी आज से पेसा एक्ट लागू होने जा रहा है (President Draupadi Murmu visit MP). राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में शहडोल में होने वाले कार्यक्रम में इस एक्ट को लागू करने का ऐलान होना है (PESA Act in MP) . इस एक्ट के जरिए आदिवासियों के अधिकारों को संरक्षण दिया जाएगा. पेसा एक्ट के तहत अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार पंचायतों के प्रावधानों में किया जाएगा. पेसा एक्ट में कई प्रावधान किए जा रहे हैं. हालांकि एक्ट में सीआरपीसी से जुड़े प्रावधानों को लेकर गृह विभाग ने अपनी चिंता जाहिर की है.

गृह विभाग ने इसलिए जताई चिंता: पेसा एक्ट यानी पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार अधिनियम को अनुसूचित क्षेत्रों में विशेष पंचायत व्यवस्था लागू करने के लिए बनाया गया था. इस एक्ट को जनप्रतिनिधि दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में बनी समिति की अनुशंसा पर बनाया गया था. बाद में इस अधिनियम को 24 दिसंबर 1996 को राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया गया था. मध्यप्रदेश राज्य में भले ही यह कानून अब लागू किया जा रहा हो, लेकिन इसके पहले राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्रप्रदेश, ओडिसा, हिमाचल, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्य इसे लागू कर चुके हैं.

PESA act implemented in mp
एमपी में लागू होगा पेसा एक्ट
पेसा एक्ट में यह हैं प्रावधान:

पेसा एक्ट जनजातीय समुदाय को स्वशासन का अधिकार प्रदान करता है.

इसका उद्देश्य सहयोगी लोकतंत्र के तहत ग्राम प्रशासन स्थापित करना और ग्राम की सभी गतिविधियों का केन्द्र बनाना है.

इसमें जनजातीय समुदाय की परंपराओं और रिवाजों की सुरक्षा और संरक्षण के भी प्रावधान हैं.

पेसा एक्ट के बाद ग्राम सभाओं के अधिकार बढ़ जाएंगे. पंचायत क्षेत्र में आने वाले तमाम संसाधनों को लेकर पंचायत से ही परिमीशन लेना होगी. यहां तक कि आदिवासियों पर केस करने को लेकर पुलिस को भी पहले ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी. ऐसे तमाम विवाद पंचायत स्तर पर ही सुलझाए जाएंगे.

पंचायत क्षेत्र में शराब की बिक्री या रोक को लेकर अंतिम निर्णय पंचायत का ही होगा. पंचायत चाहेगी तो पंचायत के अंदर नशीले पदार्थों का निर्माण, परिवहन और विक्रय पर रोक लगा सकेगी.

पंचायत क्षेत्र में लगने वाले बाजार-मेले आदि की फीस तय करने और इसे अनुमति देने का अधिकार ग्राम सभा को होगा.

तेंदुपत्ता संग्रहण और बेचने का काम भी ग्राम पंचायत कराएगी.

राष्ट्रपति चुनाव: NDA उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने गोवा के सांसदों, विधायकों से की मुलाकात

12350 गांवों में लागू होगा कानून: 15 नवंबर बिरसा मुंडा जयंती पर सरकार द्वारा इसे लागू करने के ऐलान के साथ ही यह कानून प्रदेश के 12 हजार 350 गांवों में लागू हो जाएगा. प्रदेश के 20 जिलों की इन 12 हजार पंचायतों में यह कानून लागू होने के बाद पंचायतें पावरफुल हो जाएंगी. हालांकि इसमें बड़ी चिंता गृह विभाग द्वारा जताई गई. दरअसल कानून में है कि पुलिस को किसी की गिरफ्तारी के पहले ग्राम सभा को सूचना देनी होगी. इसको लेकर गृह विभाग द्वारा आपत्ति जताई गई कि ऐसा होने पर आरोपी को पकड़ा ही नहीं जा सकेगा. हालांकि तय किया गया है कि पुलिस द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध करने के बाद ग्राम सभा इसका कारण पूछ सकेगी.

भोपाल। प्रदेश में जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर 15 नवंबर यानी आज से पेसा एक्ट लागू होने जा रहा है (President Draupadi Murmu visit MP). राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति में शहडोल में होने वाले कार्यक्रम में इस एक्ट को लागू करने का ऐलान होना है (PESA Act in MP) . इस एक्ट के जरिए आदिवासियों के अधिकारों को संरक्षण दिया जाएगा. पेसा एक्ट के तहत अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार पंचायतों के प्रावधानों में किया जाएगा. पेसा एक्ट में कई प्रावधान किए जा रहे हैं. हालांकि एक्ट में सीआरपीसी से जुड़े प्रावधानों को लेकर गृह विभाग ने अपनी चिंता जाहिर की है.

गृह विभाग ने इसलिए जताई चिंता: पेसा एक्ट यानी पंचायत अनुसूचित क्षेत्रों का विस्तार अधिनियम को अनुसूचित क्षेत्रों में विशेष पंचायत व्यवस्था लागू करने के लिए बनाया गया था. इस एक्ट को जनप्रतिनिधि दिलीप सिंह भूरिया की अध्यक्षता में बनी समिति की अनुशंसा पर बनाया गया था. बाद में इस अधिनियम को 24 दिसंबर 1996 को राष्ट्रपति द्वारा अनुमोदित किया गया था. मध्यप्रदेश राज्य में भले ही यह कानून अब लागू किया जा रहा हो, लेकिन इसके पहले राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, आंध्रप्रदेश, ओडिसा, हिमाचल, छत्तीसगढ़ सहित कई राज्य इसे लागू कर चुके हैं.

PESA act implemented in mp
एमपी में लागू होगा पेसा एक्ट
पेसा एक्ट में यह हैं प्रावधान:

पेसा एक्ट जनजातीय समुदाय को स्वशासन का अधिकार प्रदान करता है.

इसका उद्देश्य सहयोगी लोकतंत्र के तहत ग्राम प्रशासन स्थापित करना और ग्राम की सभी गतिविधियों का केन्द्र बनाना है.

इसमें जनजातीय समुदाय की परंपराओं और रिवाजों की सुरक्षा और संरक्षण के भी प्रावधान हैं.

पेसा एक्ट के बाद ग्राम सभाओं के अधिकार बढ़ जाएंगे. पंचायत क्षेत्र में आने वाले तमाम संसाधनों को लेकर पंचायत से ही परिमीशन लेना होगी. यहां तक कि आदिवासियों पर केस करने को लेकर पुलिस को भी पहले ग्राम सभा को जानकारी देनी होगी. ऐसे तमाम विवाद पंचायत स्तर पर ही सुलझाए जाएंगे.

पंचायत क्षेत्र में शराब की बिक्री या रोक को लेकर अंतिम निर्णय पंचायत का ही होगा. पंचायत चाहेगी तो पंचायत के अंदर नशीले पदार्थों का निर्माण, परिवहन और विक्रय पर रोक लगा सकेगी.

पंचायत क्षेत्र में लगने वाले बाजार-मेले आदि की फीस तय करने और इसे अनुमति देने का अधिकार ग्राम सभा को होगा.

तेंदुपत्ता संग्रहण और बेचने का काम भी ग्राम पंचायत कराएगी.

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12350 गांवों में लागू होगा कानून: 15 नवंबर बिरसा मुंडा जयंती पर सरकार द्वारा इसे लागू करने के ऐलान के साथ ही यह कानून प्रदेश के 12 हजार 350 गांवों में लागू हो जाएगा. प्रदेश के 20 जिलों की इन 12 हजार पंचायतों में यह कानून लागू होने के बाद पंचायतें पावरफुल हो जाएंगी. हालांकि इसमें बड़ी चिंता गृह विभाग द्वारा जताई गई. दरअसल कानून में है कि पुलिस को किसी की गिरफ्तारी के पहले ग्राम सभा को सूचना देनी होगी. इसको लेकर गृह विभाग द्वारा आपत्ति जताई गई कि ऐसा होने पर आरोपी को पकड़ा ही नहीं जा सकेगा. हालांकि तय किया गया है कि पुलिस द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध करने के बाद ग्राम सभा इसका कारण पूछ सकेगी.

Last Updated : Nov 15, 2022, 7:12 AM IST
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