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मालेगांव मामले में विशेष अदालत में पेश हुईं प्रज्ञा ठाकुर, सोनिया गांधी के बयान पर किया पलटवार

मालेगांव विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर मुंबई के एक स्पेशल कोर्ट में पेश हुईं. वहीं कोर्ट से बाहर आकर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफा मांगे जाने को लेकर पलटवार भी किया.

Pragya Thakur
प्रज्ञा ठाकुर
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Published : Feb 28, 2020, 8:09 AM IST

भोपाल। 2008 मालेगांव विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी और बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर गुरुवार को मुंबई में एक विशेष NIA अदालत में पेश हुईं. उनकी पेशी से एक दिन पहले विशेष अदालत के न्यायाधीश वीएस पड़लकर ने सभी आरोपियों को पिछले साल मई में दिए गए हफ्ते में कम से कम एक बार अदालत में पेश होने के निर्देश पर संज्ञान लेने को कहा. वहीं यहां उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफा मांगे जाने को लेकर पलटवार भी किया.

सोनिया गांधी पर प्रज्ञा ठाकुर का पलटवार

सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि क्या कांग्रेस 1984 के दंगे और इमरजेंसी को भूल गई? कांग्रेस की नैतिकता 1984 के सिख विरोधी दंगों और 1975-77 के दौरान देश में लगी इमरजेंसी के दौरान कहां थी? वे किस आधार पर गृहमंत्री का इस्तीफा मांग सकते हैं.

कोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी

मालेगांव विस्फोट मामले में इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक तल्ख टिप्पणी में कहा था कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में मुकदमे में कोई प्रभावी प्रगति नहीं हुई है. हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से इस देरी पर सफाई भी देने को कहा.

भोपाल। 2008 मालेगांव विस्फोट मामले की मुख्य आरोपी और बीजेपी सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर गुरुवार को मुंबई में एक विशेष NIA अदालत में पेश हुईं. उनकी पेशी से एक दिन पहले विशेष अदालत के न्यायाधीश वीएस पड़लकर ने सभी आरोपियों को पिछले साल मई में दिए गए हफ्ते में कम से कम एक बार अदालत में पेश होने के निर्देश पर संज्ञान लेने को कहा. वहीं यहां उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफा मांगे जाने को लेकर पलटवार भी किया.

सोनिया गांधी पर प्रज्ञा ठाकुर का पलटवार

सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि क्या कांग्रेस 1984 के दंगे और इमरजेंसी को भूल गई? कांग्रेस की नैतिकता 1984 के सिख विरोधी दंगों और 1975-77 के दौरान देश में लगी इमरजेंसी के दौरान कहां थी? वे किस आधार पर गृहमंत्री का इस्तीफा मांग सकते हैं.

कोर्ट ने की थी तल्ख टिप्पणी

मालेगांव विस्फोट मामले में इससे पहले बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को एक तल्ख टिप्पणी में कहा था कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में मुकदमे में कोई प्रभावी प्रगति नहीं हुई है. हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से इस देरी पर सफाई भी देने को कहा.

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