इंदौर: गणतंत्र दिवस के अवसर पर इंदौर केंद्रीय जेल और जिला जेल में कैद कुल 18 कैदियों को रिहा किया गया है. रिहा किए गए सभी कैदी गंभीर अपराध के मामले में जेल में बंद थे. इन कैदियों को आचरण में सुधार की वजह से रिहा किया गया है. यह फैसला मध्य प्रदेश शासन के आदेश के बाद लिया गया है. जेल से रिहा होने से पहले सभी कैदियों को जेल के अंदर उनके काम का पैसा दिया गया.
कैदियों को रिहा करते समय दिए गए पैसेह
हर साल की तरह इस वर्ष भी मध्य प्रदेश की जेलों में कैद कुछ कैदियों को अच्छे आचरण के आधार पर छोड़ा गया है. इस साल मध्य प्रदेश सरकार ने कुछ कैदियों के अच्छे आचरण के आधार पर रिहाई करने के आदेश दिए हैं. इसी के चलते रविवार (26 जनवरी) को इंदौर सेंट्रल जेल और जिला जेल में बंद कुल 18 कैदियों को रिहा कर दिया गया. वहीं, जेल के अंदर बंद कैदियों ने अपने भविष्य में भरण पोषण करने को लेकर उन्होंने कई तरह के काम भी सीखे. इसमें कुर्सी बनाने, पेंटिग समेत कई काम शामिल हैं. साथ ही जेल के अंदर कैदियों ने कई तरह के काम भी किए हैं.
21 साल के बाद हुए रिहा
18 कैदियों ने जेल के अंदर विभिन्न तरह का काम कर तीन लाख 50 हजार रुपए इकट्ठा किए हैं. जिसे जेल प्रबंधक ने रिहा करते समय कैदियों के सुपुर्द किया. वहीं, सबसे ज्यादा मेहनत संतोष नामक कैदी ने किया. उन्होंने 21 साल जेल के अंदर बिताया, इस दौरान विभिन्न काम कर 53 हजार रुपए कमाया. सभी पैसों को रिहाई के समय जेल प्रबंधक ने उनके हाथ में थमा दिया. जेल से आजाद होने के बाद कैदियों ने फिर कभी अपराध नहीं करने की बात कही.
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सेंट्रल जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने कहा, " ऐसे 18 बंदी हैं, जो पात्र पाए गए हैं. जिन्होंने जेल के अंदर अनुशासन के तहत अपनी सजा पूरी की है. जिसके बाद शासन द्वारा 18 कैदियों के रिहाई की मुहर लगाई गई है. सभी आज जेल से रिहा हुए हैं." साल भर में चार बार ऐसे महत्वपूर्ण समय आते हैं, जिसमें जेल से बंदियों को रिहा किया जाता है. इसमें 26 जनवरी, 15 अगस्त और गांधी जयंती समेत भीमराव अंबेडकर जयंती शामिल हैं.