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18 साल बाद एक ही परिवार के 5 लोग पहुंचे घर, काट रहे थे उम्रकैद की सजा, ऐसे मिली रिहाई - SATNA JAIL 13 PRISONERS RELEASED

सतना केंद्रीय जेल से गणतंत्र दिवस के अवसर पर 13 कैदियों को रिहा कर दिया गया. इसमें से एक परिवार के 5 कैदी भी थे.

CHHATARPUR FAMILY 5 MEMBER OUT JAIL
एक ही परिवार के 5 सदस्यों की रिहाई (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 26, 2025, 8:26 PM IST

Updated : Jan 26, 2025, 10:07 PM IST

सतना: गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश भर के जेलों से आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों की रिहाई की गई. इसी के तहत सतना केंद्रीय जेल में बंद 13 कैदियों की रिहाई की गई. जिनमें से सतना जिले के 2 कैदी, पन्ना के 2 कैदी, छतरपुर के 8 और उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के 1 कैदी को आजादी मिली है, इन सभी बंदियों को रिहाई के दौरान जेल अधीक्षक द्वारा श्रीफल और भगवत गीता दी गई, जेल में मिले परिश्रम की राशि चेक के माध्यम से दी गई. इनमें से एक परिवार के 5 कैदियों की रिहाई की भी रिहाई हुई है.

एक ही परिवार के 5 सदस्यों की रिहाई

दरअसल, रिहा हुए 13 कैदियों में एक ही परिवार के 5 कैदी थे, जो हत्या के जुर्म में सजा काट रहे थे. पांचों को साल 2008 में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. अब 18 साल 10 महीने की सजा काटने के बाद सभी को रिहाई मिली है. जिनका नाम सोहनलाल अहिरवार उम्र 38 वर्ष, राजेश अहिरवार (48), मनोज अहिरवार उम्र (46), मैयादीन अहिरवार उम्र (64) और भरोसा अहिरवार (65) है. ये छतरपुर जिले के जुझार नगर थाना क्षेत्र के खेराकसार गांव निवासी हैं.

सतना सेंट्रल जेल से 13 कैदियों की रिहाई (ETV Bharat)

तीन लोगों की हत्या के चलते हुई थी आजीवन कारावास

इन्होंने 15 मार्च 2006 को तीन एकड़ जमीन के विवाद में अपने एक चचेरे भाई समेत परिवार के 3 लोगों की लाठी-डंडे और फावड़े से हत्या कर दी थी. घटना के 2 साल बाद नवंबर 2008 में कोर्ट ने पांचों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. हालांकि बाद में अपराधियों के वकील की पिटीशन पर हाईकोर्ट ने एक राज्यस्तरीय जांच कमेटी गठित की थी. विगत दो माह पहले राज्य स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कैदियों को सजा में छूट का लाभ मिला. जिसके चलते उन्हें आज 18 साल 10 माह के बाद आजादी मिली है.

श्रीफल, भगवत गीता देकर किया गया विदा

सतना जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने बताया कि "आज केंद्रीय जेल सतना से 26 जनवरी के अवसर पर 13 बंदियों की रिहाई की गई, जिसमें बंदियों को भागवत गीता और श्रीफल देकर उन्हें विदा किया गया. भगवत गीता इसलिए दी गई कि बंदी उसमें दिए गए उपदेशों को पढ़ेंगे और अपने जीवन में उसका पालन करेंगे, जिससे कि वह समाज में अच्छे नागरिक के रूप में जीवन यापन कर सके."

सतना: गणतंत्र दिवस के अवसर पर प्रदेश भर के जेलों से आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों की रिहाई की गई. इसी के तहत सतना केंद्रीय जेल में बंद 13 कैदियों की रिहाई की गई. जिनमें से सतना जिले के 2 कैदी, पन्ना के 2 कैदी, छतरपुर के 8 और उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के 1 कैदी को आजादी मिली है, इन सभी बंदियों को रिहाई के दौरान जेल अधीक्षक द्वारा श्रीफल और भगवत गीता दी गई, जेल में मिले परिश्रम की राशि चेक के माध्यम से दी गई. इनमें से एक परिवार के 5 कैदियों की रिहाई की भी रिहाई हुई है.

एक ही परिवार के 5 सदस्यों की रिहाई

दरअसल, रिहा हुए 13 कैदियों में एक ही परिवार के 5 कैदी थे, जो हत्या के जुर्म में सजा काट रहे थे. पांचों को साल 2008 में उम्र कैद की सजा सुनाई गई थी. अब 18 साल 10 महीने की सजा काटने के बाद सभी को रिहाई मिली है. जिनका नाम सोहनलाल अहिरवार उम्र 38 वर्ष, राजेश अहिरवार (48), मनोज अहिरवार उम्र (46), मैयादीन अहिरवार उम्र (64) और भरोसा अहिरवार (65) है. ये छतरपुर जिले के जुझार नगर थाना क्षेत्र के खेराकसार गांव निवासी हैं.

सतना सेंट्रल जेल से 13 कैदियों की रिहाई (ETV Bharat)

तीन लोगों की हत्या के चलते हुई थी आजीवन कारावास

इन्होंने 15 मार्च 2006 को तीन एकड़ जमीन के विवाद में अपने एक चचेरे भाई समेत परिवार के 3 लोगों की लाठी-डंडे और फावड़े से हत्या कर दी थी. घटना के 2 साल बाद नवंबर 2008 में कोर्ट ने पांचों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. हालांकि बाद में अपराधियों के वकील की पिटीशन पर हाईकोर्ट ने एक राज्यस्तरीय जांच कमेटी गठित की थी. विगत दो माह पहले राज्य स्तरीय कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कैदियों को सजा में छूट का लाभ मिला. जिसके चलते उन्हें आज 18 साल 10 माह के बाद आजादी मिली है.

श्रीफल, भगवत गीता देकर किया गया विदा

सतना जेल अधीक्षक लीना कोष्टा ने बताया कि "आज केंद्रीय जेल सतना से 26 जनवरी के अवसर पर 13 बंदियों की रिहाई की गई, जिसमें बंदियों को भागवत गीता और श्रीफल देकर उन्हें विदा किया गया. भगवत गीता इसलिए दी गई कि बंदी उसमें दिए गए उपदेशों को पढ़ेंगे और अपने जीवन में उसका पालन करेंगे, जिससे कि वह समाज में अच्छे नागरिक के रूप में जीवन यापन कर सके."

Last Updated : Jan 26, 2025, 10:07 PM IST
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