भोपाल। एम्स भोपाल को जून 2020 से ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने मध्यप्रदेश राज्य के लिए कोविड-19 की चिकित्सीय प्रबंधन के लिए उत्कृष्टता केंद्र के रूप में नामित किया है. उत्कर्ष उत्कृष्टता केंद्र के तौर पर कार्य करते हुए एम्स भोपाल राज्य में कोविड-19 के लिए निर्धारित अस्पतालों के परामर्शदाता संस्थान एवं चिकित्सीय उत्कृष्टता केंद्र के रूप में कार्य कर रहा हैं. यह स्पार्क मॉडल सेंटर एम्स भोपाल के संकाय सदस्यों ने कोविड-19 रोगियों के इलाज के दौरान अर्जित ज्ञान कौशल और अनुभव के प्रचार के लिए लगातार काम कर रहा है. देश में यह पहला केंद्र है जहां राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज एवं जिला अस्पतालों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसके तहत लगातार प्रशिक्षण के लिए कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है.
इसी कड़ी में संस्था के निर्देशक प्रोफेसर सरवन सिंह के नेतृत्व में एम्स भोपाल में उत्कृष्टता केंद्र के अंतर्गत कोविड-19 की गहन देखभाल और प्रबंधन पर एक व्यवहारिक कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस पहल को राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन , स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, स्वास्थ्य शिक्षा निदेशालय मध्यप्रदेश ने भी पूरा सहयोग किया. इस प्रथम कार्यशाला में राज्य के 11 मेडिकल कॉलेजों को शामिल किया गया, जिसमें विदिशा, सागर ,रीवा, छिंदवाड़ा ,दतिया, देवास, जबलपुर, शहडोल, रतलाम, शिवपुरी और खंडवा के 21 स्वास्थ्य पेशेवरों ने भी भाग लिया.
कार्यशाला में 11 चिकित्सक एवं 10 नर्स भी शामिल हुई, विभिन्न डीसीएच के स्वास्थ्य देखभाल दलों को व्यवहारिक एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण देने के उद्देश्य से ही इस कार्यशाला का आयोजन किया गया था.
तीन दिवसीय कार्यशाला के प्रतिभागियों को चिकित्सकीय एवं गहन देखभाल और प्रबंधन कोविड-19 का विशेष औषधीय उपचार का प्रशिक्षण दिया गया. इस दौरान औषधि अंत: क्रिया, पुरानी बीमारियों का प्रबंधन, ऑक्सीजन वितरण और उपकरण, शव प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल कर्मियों की सुरक्षा के लिए संक्रमण नियंत्रण प्रक्रिया से संबंधित अभ्यास का प्रशिक्षण प्रदान किया गया.
वहीं दूसरे दिन मैकेनिकल वेंटिलेशन पर आधे दिन का व्यवहारिक प्रशिक्षण भी दिया गया, इस प्रशिक्षण के लिए संवादात्मक एवं सहभागितापरक अधिगम प्रक्रिया को अपनाया गया. जिसमें प्रस्तुतीकरण ,प्रदर्शन ,व्यवहारिक प्रशिक्षण ,केस डिस्कशन तथा क्लीनिकल राउंड के अंतर्गत कोविड आईसीयू और कोविड वार्ड का दौरा सम्मिलित किया गया था. प्रतिभागियों को प्रशिक्षण के लिए छोटे-छोटे समूह में बांटा गया था , ताकि प्रशिक्षणार्थी पर व्यक्तिगत ध्यान दिया जा सके और सामाजिक दूरी के मापदंड का पालन भी सुनिश्चित किया जा सके. सभी प्रतिभागियों को परिसर में रहने के लिए आवास भी उपलब्ध कराए गए हैं.
प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण से काफी लाभ महसूस करते हुए इस कार्य की सराहना भी की, उन्होंने महसूस किया है कि कार्यशाला उन्हें कोविड-19 प्रबंधन में नवीनतम विकास के साथ अध्ययन करने में मदद कर रही है. और वे उपरोक्त को अपने संबंधित केंद्रों पर प्रभावी रूप से लागू करने में सक्षम होंगे. सभी प्रतिभागियों ने इस पहल और निरंतर सलाह के लिए एम्स भोपाल के प्रति आभार भी व्यक्त किया.
आने वाले महीनों में संपूर्ण राज्य में क्रिटिकल केयर मैनेजमेंट की क्षमता में विस्तार के लिए स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारियों जिसमें (चिकित्सक नर्स, पैरामेडिक्स भी शामिल होंगे इसके अलावा अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान भोपाल ने यह निर्णय लिया है कि इसी तरह की 30 और कार्यशाला अलग-अलग स्थानों पर आयोजित की जाएंगी . इस तरह की कार्यशाला उसे कोरोना संक्रमण से बचाव और मरीज के उपचार करने में काफी मदद मिलेगी .