भोपाल। मध्यप्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार और निगम-मंडलों में नियुक्ति की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया की मुलाकात के सियासी मायने खोजे जा रहे हैं. सिंधिया ने मंत्रिमंडल विस्तार को मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार बताया है. सिंधिया सोमवार को भोपाल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बीजेपी विधायक कृष्णा गौर सहित अन्य नेताओं के आवास पर पहुंचकर सौजन्य मुलाकात की. साथ ही सिंधिया ने मुख्यमंत्री आवास पर मुख्यमंत्री चौहान से चर्चा की. हालांकि, इसे सौजन्य मुलाकात बताया जा रहा है. वहीं मंत्रिमंडल विस्तार व निगम-मंडल की नियुक्ति के सवाल पर सिंधिया का कहना है कि ये मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है.
सिंधिया का कहना है कि प्रदेश का विकास उनका लक्ष्य है और इसी पर मुख्यमंत्री से चर्चा हुई. खबर है कि इसके लिए सिंधिया को करीब 40 मिनट तक सीएम का इंतजार करना पड़ा, जबकि ये मुलाकात सिर्फ 10 मिनट तक ही चली. फिर वहीं से सिंधिया और शिवराज ओरछा गए, जहां केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की बेटी की शादी में शामिल होने के बाद सिंधिया दिल्ली प्रस्थान कर गए.
भले ही सिंधिया ने इस मुलाकात को विकास से जोड़ा है, पर इसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि उप-चुनाव जीतने वाले विधायक गोविंद सिंह राजपूत व तुलसी सिलावट को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है. इन दोनों को बिना विधायक रहते हुए छह माह की अवधि पूरा होने पर मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, इसलिए संभावना है कि दोनों विधायकों को बतौर मंत्री जल्दी शपथ दिलाई जा सकती है. वहीं विधानसभा का चुनाव हारने वाले एदल सिंह कंषाना, इमरती देवी और गिर्राज दंडौतिया को भी बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है.
मुख्यमंत्री निवास में हुई चर्चा को लेकर जब पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट से मंत्रिमंडल विस्तार पर सवाल किया गया तो उनका कहना था कि ये मुख्यमंत्री का विशेष अधिकार है और सिंधिया का निर्णय है कि सीएम अपनी इच्छा के अनुरूप ही काम करेंगे. साथ ही उम्मीद है कि मंत्रिमंडल से पहले प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा अपनी टीम की घोषणा कर सकते हैं. इसको लेकर भी सिंधिया चाहते हैं कि प्रदेश कार्यसमिति में उनके समर्थकों को शामिल किया जाए और इसको लेकर सिंधिया की प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ कुछ दिनों पहले दिल्ली में बैठक हो चुकी है.