ETV Bharat / state

मध्यप्रदेश में पानी पर पुलिस का पहरा, बीजेपी बोली- सरकार नहीं चला पा रही कांग्रेस - एमपी न्यूज

मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में जल संकट गहराया हुआ है.राज्य के बड़े हिस्से में नल-जल योजना असफल साबित हो रही है,तालाबों में पानी बहुत कम बचा है, ऐसी स्थितियों में पानी को लेकर तनाव की आशंका बढ़ रही है.जिसके चलते गृह विभाग ने जल स्रोतों पर पहरा लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

मध्यप्रदेश में पानी पर पुलिस का पहरा
author img

By

Published : Jun 7, 2019, 8:08 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में जल संकट गहराया हुआ है, लोगों को पानी के लिए मीलों का रास्ता तय करने के बाद ही पानी मिल पा रहा है, पानी को लेकर संघर्ष की आशंका बढ़ी है, जिसके चलते गृह विभाग ने जल स्रोतों पर पहरा लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

मध्यप्रदेश में पानी पर पुलिस का पहरा


राज्य के बड़े हिस्से में नल-जल योजना असफल साबित हो रही है, कुंए और नलकूप सूखने के कगार पर हैं, तालाबों में पानी बहुत कम बचा है, ऐसी स्थितियों में पानी को लेकर तनाव की आशंका बढ़ रही है, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, गृह विभाग ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जल स्त्रोतों के पास सुरक्षा बलों की तैनाती करें.


एक सूत्र ने बताया कि जल स्त्रोतों पर पानी को लेकर किसी तरह का विवाद न हो, इसके लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया जा रहा है. अभी ये तय नहीं है कि जल स्त्रोत पर कितने जवानों की तैनाती होगी.
गृह विभाग की इस पहल पर भाजपा ने चुटकी ली है. प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा, बिजली विभाग को लेकर सरकार इंटेलिजेंस का सहारा ले रही है और पानी के लिए सुरक्षा बल का. कांग्रेस सरकार चला ही नहीं पा रही है. उनके बयान पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में जल संकट को देखते हुए आपदा प्रबंधन के तहत सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए जाते हैं. इस व्यवस्था पर सवाल उठाना जनविरोधी, बचकाना और हास्यास्पद है.
दूसरी ओर सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश के कुल 378 नगरीय निकायों में से 258 में प्रतिदिन जलापूर्ति की जा रही है. इस बार जल प्रदाय की स्थिति बीते सालों के मुकाबले कहीं बेहतर है. एक दिन के अंतराल पर जल प्रदाय करने वाले निकायों की संख्या 96 है. दो दिन के अंतराल पर जल प्रदाय करने वाले निकायों की संख्या 28 और तीन दिन के अंतराल पर जल प्रदाय करने वाले निकायों की संख्या एक है.

भोपाल। मध्यप्रदेश के कई हिस्सों में जल संकट गहराया हुआ है, लोगों को पानी के लिए मीलों का रास्ता तय करने के बाद ही पानी मिल पा रहा है, पानी को लेकर संघर्ष की आशंका बढ़ी है, जिसके चलते गृह विभाग ने जल स्रोतों पर पहरा लगाने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

मध्यप्रदेश में पानी पर पुलिस का पहरा


राज्य के बड़े हिस्से में नल-जल योजना असफल साबित हो रही है, कुंए और नलकूप सूखने के कगार पर हैं, तालाबों में पानी बहुत कम बचा है, ऐसी स्थितियों में पानी को लेकर तनाव की आशंका बढ़ रही है, आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, गृह विभाग ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए हैं कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जल स्त्रोतों के पास सुरक्षा बलों की तैनाती करें.


एक सूत्र ने बताया कि जल स्त्रोतों पर पानी को लेकर किसी तरह का विवाद न हो, इसके लिए सुरक्षा बलों को तैनात किया जा रहा है. अभी ये तय नहीं है कि जल स्त्रोत पर कितने जवानों की तैनाती होगी.
गृह विभाग की इस पहल पर भाजपा ने चुटकी ली है. प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा, बिजली विभाग को लेकर सरकार इंटेलिजेंस का सहारा ले रही है और पानी के लिए सुरक्षा बल का. कांग्रेस सरकार चला ही नहीं पा रही है. उनके बयान पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में जल संकट को देखते हुए आपदा प्रबंधन के तहत सुरक्षा व्यवस्था के निर्देश दिए जाते हैं. इस व्यवस्था पर सवाल उठाना जनविरोधी, बचकाना और हास्यास्पद है.
दूसरी ओर सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश के कुल 378 नगरीय निकायों में से 258 में प्रतिदिन जलापूर्ति की जा रही है. इस बार जल प्रदाय की स्थिति बीते सालों के मुकाबले कहीं बेहतर है. एक दिन के अंतराल पर जल प्रदाय करने वाले निकायों की संख्या 96 है. दो दिन के अंतराल पर जल प्रदाय करने वाले निकायों की संख्या 28 और तीन दिन के अंतराल पर जल प्रदाय करने वाले निकायों की संख्या एक है.

Intro:प्रदेश में लगातार बिजली और पानी की किल्लत को लेकर सरकार की परेशानी खत्म नहीं हो रही है |और इसे लेकर विपक्ष भी कमलनाथ सरकार पर लगातार हमला बोल रहा है, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह ने बिजली-पानी को लेकर एक बार फिर सरकार पर हमला बोला। सिंह का कहना है बिजली और पानी के मुद्दे पर सरकार फेल हो गई है । उन्होंने कहा सरकार बिजली व सुधारने के लिए पुलिस की इंटेलीजेंस विंग का इस्तेमाल कर रही है ,तो वहीं पानी पर पुलिस का पहरा लगा रे लगा रही है। जबकि जनता को राहत देने के लिए सीएम और मंत्री को मैदान में उतरना पड़ता है


Body:प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्रियों को से स्थितियां सम्भाले नहीं जा रहे हैं इसलिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए । सिंह का कहना है मध्यप्रदेश में दुर्भाग्यपूर्ण स्थितियां लगातार निर्मित हो रही है कहीं बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए इंटेलिजेंस तो कहीं पानी के लिए सुरक्षित करने के लिए पुलिस लगा रही है। सरकार आखिर चाहती क्या है । सरकार को यह भी नहीं पता कि जनता को राहत देने के लिए मंत्री और सीएम को मैदान में उतरना पड़ता है जबकि यहां व्यक्तिगत हितों में मंत्री और सीएम व्यस्त है


Conclusion:bjp का आरोप है कि सरकार मैनेजमेंट नहीं कर पा रही है और सिर्फ मुख्यमंत्री व मंत्री बला टालने की कोशिश कर रहे हैं । आपको बता दें प्रदेश में कानून-व्यवस्था सुधारने के लिए सरकार ने फैसला लिया है कि प्रदेश के सभी जो जल स्रोत हैं उन पर पुलिस तैनात की जाएगी,जिससे पानी की समस्या को लेकर को अराजकता का माहौल न बने, यानी कि अब मध्य प्रदेश में पुलिस के पहरे में रहेगा पानी
बाइट- राकेश सिंह, प्रदेश अध्यक्ष bjp
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.