भोपाल। सूखीसेवनिया पुलिस ने एक फरार सीरियल किलर मनीराम सेन को गिरफ्तार किया है. हत्या के जिस आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, वो बीस साल पहले भी पांच लोगों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा काट चुका है. आरोपी लोगों को जमीन में गड़े सोने के खजाने का लालच देकर मौत के घाट उतार देता था. 6 लोगों की बेरहमी से हत्या करने वाले मनीराम के गिरफ्तार करने वाले टीआई चैन सिंह 20 साल पहले भी इस हत्यारे को पकड़ा चुके थे. इस बार भी उन्होने ही इसे पकड़ा और कत्ल की सारी गुत्थी सुलझाई.
आरोपी पर था बीस हजार का इनाम
पुलिस ने आरोपी को सागर के राहतगढ़ से गिरफ्तार किया है. उस पर बीस हजार रूपए का इनाम घोषित था. सूखी सेवनिया पुलिस के अनुसार आठ नवंबर को करीब ढाई बजे बरखेड़ी अब्दुल्लागंज के जंगल में एक मंदिर के पास से सैय्यद आदिल वहाब जो भोपाल के अशोका गार्डन का रहने था कि लाश मिली थी. पास में एक पत्थर मिला था. उसकी सिर कुचलकर हत्या की गई थी.
74 लोगों से हुई पूछताछ
हत्या के आरोपी की तलाश के लिए बिलखिरिया, अवधपुरी, पिपलानी और सूखीसेवनिया पुलिस की एक संयुक्त टीम बनाई गई थी. आरोपित की तलाश के लिए मृतक के करीबियों को मिलाकर करीब 74 लोगों से पूछताछ की गई थी. इसमें आरोपित मनीराम सेन की पहचान हुई. जिससे पता चला कि आरोपी के साथ आदिल वहाब को अक्सर देखा जाता था. इसी आधार पर आरोपित की तलाश की जा रही थी.
आरोपी मोबाइल नहीं रखता था. इसलिए उसकी लोकेशन ट्रेस नहीं हो पा रही थी. बाद में मुखबिर तंत्र और आसपास के जिलों को इसके बारे में जानकारी दी गई. सोमवार रात उसकी राहतगढ़ जिला सागर में होने की जानकारी मिली. पिपलानी पुलिस ने राहतगढ़ पुलिस की मदद से उसे गिरफ्तार किया.
आजीवन कारावास की सजा काट चुका है आरोपी
आरोपी मनीराम सेन विदिशा जिले के मानोरा गांव का निवासी है.
साल 2000 में मनीराम ने 5 लोगों की हत्या में की थी. आजीवन कारावास की सजा काट 2017 में जेल से बाहर आया था.
वर्ष 2006 में भी आरोपी फरार हो गया था. बाद में उसे एमपी पुलिस ने गुजरात से गिरफ्तार किया था.
पूर्व में जिन पांच लोगों की मनीराम ने हत्या की थी उन्हे भी जमीन में गड़े खजाने का लालच दिया था.
पैसा लेकर लोगों को वापस न करना पड़े, इसलिए जंगल में ले जाकर वह लोगों की हत्या कर देता था. बाद में उसे डेढ़ साल फरारी के बाद गिरफ्तार किया गया. आजीवान कारावास की सजा पूरी करने के बाद अशोका गार्डन के नबाव कॉलोनी में रहने आ गया.
कौन हैं वो अधिकारी जिन्होने सीरियल किलर को पकड़ा?
मनीराम सेन की गिरफ्तारी में इस बार भी अहम रोल रहा टीआई चैन सिंह का रहा. 20 साल पहले चैन सिंह जब हवलदार थे तब पहली बार उन्होने ही इस साइको सीरियल किलर को गिरफ्तार किया था. अब जब वो प्रोन्नत होकर टीआई बन चुके हैं तब भी उन्होने ही मनीराम को पकड़ा और छठे कत्ल की गुत्थी को सुलझाई. भोपाल के पिपलानी थाने के टीआई चैन सिंह रघुवंशी को अवधपुरी थाने की पुलिस के साथ काम करने का आदेश मिला. उन्होने ही ग्यारसपुर हत्याकांड मामले में आरोपी को खोजकर पकड़ा था. पिछली बार की तरह ही इस बार भी सुराग लगाने और गिरफ्तारी की जिम्मेदारी उनके कंधों पर ती.
आदिल बहाव को उतारा मौत के घाट
आदिल बहाव को आरोपित ने जमीन में गड़ा खजाना दिलाने का लालच दिया. आदिल से 17 हजार रूपए लिए. आदिल बार-बार मनीरात सेन से रुपए वापस करने या खजाना दिलाने की बात करता था. घटना के दिन आरोपित ने आदिल को उसी के स्कूटर से सूखी सेवनिया के जंगल में ले गया. पूजा के बहाने उसे एक जूट के बोरे पर बिठाकर पीछे से सिर पर पत्थर मारकर हत्या की. हत्या के बाद आरोपी मौके से फरार हो गया.
छत्तीसगढ़ भागने की फिराक में था आरोपी
आरोपी मनीराम सेन जब जेल में था तो उसकी पहचान हत्या के मामले में जेल काट रहे एक आरोपी से हुई थी. उसने बताया था कि छत्तीसगढ़ के रायगढ़ का जंगल फरारी काटने के लिए सबसे अच्छा है. आरोपी फरारी काटने के लिए छत्तीसगढ़ के रायगढ़ के जंगल में उसके दोस्त के पास जा रहा था. इलाहाबाद से जब आरोपी सागर पहुंचा तो तुरंत वहां की पुलिस ने धर दबोचा और सुखीसेवनिया पुलिस के हवाले कर दिया. इससे पहले भी मनीराम उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में फरारी काट चुका है.
एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि पूछताछ में पुलिस ने पाया कि वह टोल बूथ से बात करता था. किसी भी तरह का मोबाइल और अन्य सामग्री का इस्तेमाल नहीं करता था. जिससे वो ट्रेस नहीं हो पा रहा था. आरोपी अपनी लोकेशन बदलता रहता था. पुलिस लंबे समय से उसकी तलाश कर रही थी. आखिर में उसे पकड़ लिया गया.