भोपाल। जूडा की हड़ताल खत्म कराने के लिए आधी रात को एक डॉक्टर के घर पर पुलिस पहुंचती है. डॉक्टरों के माता-पिता पर इन पुलिस वालों ने दबाव बनाते हुए कहा कि आपके बच्चे जो कर रहे हैं वो गलत है, उन्हें समझाएं. गांधी मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष के सिंगरौली स्थित मकान पर 2 घंटे तक पुलिस बैठी रही. माता-पिता से बेवजह की पूछताछ करती रही. भोपाल में हड़ताल में शामिल जीएमसी के अध्यक्ष ने रात 2:00 बजे घर के फोटो और वीडियो जारी कर कहा कि वह सरकार के दबाव में नहीं आएंगे और हड़ताल जारी रहेगी.
पुलिस पर डॉक्टर के माता पिता पर दबाव बनाने का आरोप
जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल खत्म कराने सरकार तरह-तरह के हथकंडे अपनाने पर उतर आई है. बातों से जब सहारा नहीं बना तो सरकार ने पुलिस को आगे कर दिया है. दिनभर गांधी मेडिकल कॉलेज में बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा. जिसके बाद भी जूनियर डॉक्टरों पर दबाव नहीं बना तो मंगलवार देर रात कई स्टूडेंट्स के घर पर सरकार ने पुलिस को भेजकर उनके माता-पिता पर दबाव बनाने की कोशिश की. सिंगरौली के रहने वाले हरीश पाठक गांधी मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष हैं, वह यहां धरने पर बैठे है. मंगलवार देर रात 10:00 से 11:00 के बीच में उनके सिंगरौली स्थित मकान पर दो पुलिसकर्मी पहुंचे और बुजुर्ग माता-पिता से 2 से 3 घंटे तक पूछताछ करते रहे. जिसके बाद देर रात 2:00 बजे हरीश पाठक ने अपने सिंगरौली स्थित मकान में पहुंचे पुलिस कर्मियों के साथ माता पिता के फोटो जारी किए. साथ ही अपना एक वीडियो जारी किया है. वीडियो में डॉक्टर हरीश ने पूरी आपबीती कह सुनाई.
डॉक्टर ने जारी किया वीडियो
हरीश ने बताया कि उनके माता-पिता सिंगरौली में अकेले रहते हैं, साथ में सिर्फ एक बहन है. ऐसे में रात में दो पुलिसकर्मी उनके घर पहुंचे और माता-पिता को बेवजह परेशान करते हुए उनसे पूछताछ करने लगे. डॉ. हरीश ने आरोप लगाया कि पुलिस वालों ने धमकी भरे अंदाज में पिता को समझाना शुरू किया और कहा कि आपका बेटा जो कर रहा है वह गलत कर रहा है, उसको समझाओ. जिसके बाद 2 से 3 घंटे तक यह पुलिसकर्मी हरीश पाठक के घर में ही मौजूद रहे और उनके माता-पिता पर बेटे को समझाने का दबाव बनाते रहे. जूडा अध्यक्ष हरीश अपने इस वीडियो में इस दौरान भावुक भी नजर आए. नम आंखों से हरीश गुजारिश करते हुए दिखें कि आखिर उनका कसूर क्या है.
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पुलिस पर धमकाने के आरोप
भोपाल मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष हरीश का कहना है कि उनका कसूर क्या यही है कि उन्होंने साल भर पूरे कोविड काल में मरीजों की जान बचाई और सरकार ने उसका खामियाजा यह दिया कि उनके माता-पिता को रात में पुलिस भेज कर डराया और धमकाया जा रहा है. लेकिन बावजूद इसके वह पीछे हटने वाले नहीं है. उन्होंने सभी डॉक्टर से भी गुजारिश की है कि अब समय आ गया है, एकजुट होकर इस हड़ताल को जारी रखे. भले ही सरकार घर पर पुलिस भेजें या उन्हें पकड़कर जो भी करना चाहे करे.
धमकाने पर आई पुलिस- जूडा एसोसिएशन
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष अरविंद मीणा का कहना है कि सिर्फ हरीश के घर ही नहीं कई और डॉक्टरों के घर भी सरकार ने आधी रात को पुलिस भेजकर दबाव बनाने की कोशिश की है और उनके माता-पिता को डराया और धमकाया गया कि वह अपने बच्चों को समझाए. ऐसे में यह बड़ा ही अटपटा लगता है जब अपने अधिकारों के लिए ही इस देश में इन डॉक्टर को लड़ना पड़ रहा है जो दूसरों की जान बचाने का काम करते हैं, लेकिन सरकार इस स्तर पर भी आ जाएगी कि अब पुलिस भेजकर डॉक्टरों के माता-पिता को डराया और धमकाया जाए. ऐसा शायद डॉक्टरों ने सोचा भी नहीं होगा.