भोपाल। एमपी में कार्यकर्ता महाकुंभ में पीएम मोदी के भाषण का बड़ा हिस्सा महिलाओं को समर्पित था. उम्मीद के मुताबिक उन्होंने महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने पारित किये गए नारी शक्ति वंदन अधिनियम को लेकर भी कांग्रेस गठबंधन पर हमला बोला. पीएम मोदी ने कहा कि "घमंडिया गठबंधन ने मजबूरी में इस बिल का समर्थन बहुत खट्टे मन और बेमन से किया है. ये खट्टापन उनके बहानों में दिखाई देता है. आप देखिए इनके गठबंधन में जितने लोग हैं, जिन्होंने तीस साल तक इस कानून को पारित नहीं होने दिया. महिलाओं से जुड़े कमोबेश हर मुद्दे को उठाया और पूछा कि क्यों आजादी के इतने साल बाद मुझे महिलाओं के लिए टॉयलेट बनाने पड़े."
इस दौरान पीएम मोदी ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि "कांग्रेस और गठबंधन सरकार ने देश की पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू को राष्ट्रपति पद से रोकने का भरसक प्रयास किया. पीएम मोदी ने आगाह किया कि अब ये नया खेल खेलेंगे नारी शक्ति को बांटने की पूरी कोशिश करेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि मोदी ने माताओं-बहनों को जो गारंटी दी है पूरी की है."
मोदी है तो है हर गारंटी पूरी होने की गारंटी: पीएम मोदी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम के बहाने कांग्रेस और उसके गठबंधन पर खूब प्रहार किए. उन्होंने कहा कि "मोदी ने महिलाओं को जो गारंटी दी थी वह पूरी की. माताओं बहनों के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का कानून पारित हुआ. नारी शक्ति वंदन अधिनियम के साथ देश ने नया इतिहास रच दिया. उन्होंने कहा कि दशकों दशक से देश की माताएं बहनें इसका इंतजार कर रही थी. ये तक कहा जाने लगा कि शायद ये कभी नहीं हो पाएगा. आखिर मोदी है तो हर गांरटी पूरी होने की गारंटी है."
घमंडिया गठबंधन ने बेमन से किया महिला आरक्षण बिल का समर्थन: पीएम मोदी ने महिला आरक्षण बिल के बहाने घमंडिया गठबंधन पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि "घमंडिया गठबंधन ने मजबूरी में इस बिल का समर्थन किया. ये वे लोग हैं, जिन्होंने तीस साल तक इस कानून को पारित नहीं होने दिया. पार्लियामेंट में बिल फाड़े, हुड़दंग मचाया. स्पीकर पर हमले बोले. पीएम ने कहा अब इन्हें मजबूरी में ऊंगली उठानी पड़ी. उन्हें लगता है कि माताएं-बहने उनके चरित्र को जान गई हैं. उन्होंने कहा कि गठबंधन को नारी शक्तिवंदन अधिनियम का मजबूरी में समर्थन इसलिए करना पड़ा कि माताएं-बहने जाग गईं हैं. उन्होंने कहा कि माताओं-बहनों ने शाक्ति का परिचय करवा दिया है. इसलिए माताओं-बहनों से डरे हुए है.
पीएम ने कहा कि बीते नौ वर्षों में जिस तरह भारत की महिला सशक्त हुई हैं. उसे देखखर इन दलों की हिम्मत नहीं हुई कि नारी शक्ति अधिनियम का विरोध कर पाएं. वरना उन्होंने तो दशकों तक देश में सरकारें चलाई हैं. भारी बहुमत से सकारें चलाई हैं. तब क्यों नहीं कानून बनाया जो बहाने ये आज बना रहे हैं, तब क्यों नहीं ये सबकुछ कर दिया सच्चाई ये है कि इनकी नीयत में खोट है."
नारी शक्ति को बांटेगा घमंडिया गठबंधन: प्रधानमंत्री ने आगाह करते हुए कहा कि माता बहनों याद रखना. मौका मिलते ही घमंडिया गठबंधन के लोग माताओं बहनों को धोखा देने का तय करके बैठे हैं. कांग्रेस के घमंडिया साथी वहीं है, जिन्होंने इस कानून को रोकने को हर मर्यादा तोड़ी है. इनकी सोच आज भी नहीं बदली है. ये लोग बौखलाए हुए हैं. ये नया खेल खेलेंगे, यह पक्का मानिए. नारी शक्ति को बांटने की पूरी कोशिश करेंगे. नारी शक्ति एक ना हो इसलिए भांति-भांति की अफवाहे फैलाएंगे. देश की हर माता-बहन और बेटी को सावधान रहना होगा. सतर्क रहना होगा. एकजुट रहना ही होगा. माताएं बहने एकजुट रहेंगी.
तो क्या मोदी को आकर टायलेट बनवाने पड़ते: पीएम मोदी ने रसोई से सेना के मैदान तक महिलाओं की बदली जिंदगी को एक-एक कर गिनाया. कांग्रेस और बीजेपी सरकार के दौर का फर्क बताया. उन्होंने कहा कि "ये वहीं है जिन्होंने देश की सेनाओं में अग्रिम पंक्तियों में बेटियों को रोक कर रखा. इनकी नीयत सही होती तो महिलाओं के नाम पक्के घर कर देते. आजादी के इतने साल बाद ये काम मुझे करना पड़ रहा है. इन्हें नहीं दिखता था, सब कुछ पुरुष के नाम पर है. महिला के नाम पर कुछ नहीं. क्या मोदी को आकर के टॉयलेट बनाने पड़ते. टॉयलेट भी मुझे बनाने पड़े. अंधेरा का इंतजार करती माताएं बहनों को देखखर क्यों इन नेताओं की आंख में पानी नहीं आया. बहनों को धुएं में रहने को मजबूर होना पड़ता था. करोड़ों बहनों तक गैस सिलेंडर पहुंचाने क्यों मोदी को पहल करनी पड़ी. पानी की बूंद-बूंद के लिए महिलाएं तरसती थी, घर घर तक नल पहुंचाया. महिलाओं के हित में क्या किया बताइए. क्यों मुझे आज आयुष्मान योजना के तहत मुफ्त ईलाज की व्यवस्था करनी पड़ती. इन्होंने महिलाओं को बैंकों से भी दूर रखा. देश की करोड़ो महिलाओं के जन धन खाते आपके इस सेवक को खुलवाने पड़े. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी कोशिश यही थी, बहनों की समृद्धि का रास्ता खुले बेटियां अपने पैरों पर खड़ी हो सके.