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शहीद भवन में 'रास्ता मोड़ और पगडंडी' नाटक का मंचन, मार्मिक कहानी को लोगों ने सराहा

भोपाल के शहीद भवन में 'रास्ता मोड़ और पगडंडी' नाटक का मंचन किया गया. इस नाटक में दिखाया गया कि अगर कोई व्यक्ति किसी रोग से पीड़ित हो जाता है, तो किस तरह से समाज का नजरिया उसके प्रति बदल जाता है.

शहीद भवन में नाटक का मंचन
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Published : Nov 2, 2019, 2:36 PM IST

भोपाल। शहीद भवन में अखिलेश जैन के निर्देशन में 'रास्ता मोड़ और पगडंडी' नाटक का मंचन किया गया. इसके लेखक केके श्रीवास्तव हैं. यह नाटक बेहद मार्मिक विषय पर आधारित है.

इसमें बीमारी से पीड़ित एक बुजुर्ग की कहानी है, जो लोगों पर आश्रित है और जो खुद को दया का पात्र समझता है. ये दुखद नाटक था, लेकिन अंत में यह सुखद हो जाता है. नाटक का कथानक सत्य से बहुत नजदीक है. इसमें दिखाया गया है कि क्या किसी रोग का शिकार हो जाने के बाद मनुष्य सिर्फ रोगी बनकर रह जाता है, उसके प्रति लोगों की मानवीय संवेदनाएं खत्म हो जाती हैं, अगर नहीं तो फिर क्यों समाज उसे घृणा की दृष्टि से देखता है.

शहीद भवन में नाटक का मंचन

इसमें बुजुर्ग पात्र मुरालीलाल बीमारी से तंग आकर आत्महत्या करने का प्रयास करता है, लेकिन अंत में मानवता, स्नेह और प्यार की जीत होती है. इस नाटक को दर्शकों ने बहुत सराहा. निर्देशक अखिलेश जैन ने इसमें अभिनय भी किया, वहीं कलाकार अंकित, अनिल संसारे, साक्षी जैन, रूपा सोनी इस नाटक के मुख्य कलाकार थे.

भोपाल। शहीद भवन में अखिलेश जैन के निर्देशन में 'रास्ता मोड़ और पगडंडी' नाटक का मंचन किया गया. इसके लेखक केके श्रीवास्तव हैं. यह नाटक बेहद मार्मिक विषय पर आधारित है.

इसमें बीमारी से पीड़ित एक बुजुर्ग की कहानी है, जो लोगों पर आश्रित है और जो खुद को दया का पात्र समझता है. ये दुखद नाटक था, लेकिन अंत में यह सुखद हो जाता है. नाटक का कथानक सत्य से बहुत नजदीक है. इसमें दिखाया गया है कि क्या किसी रोग का शिकार हो जाने के बाद मनुष्य सिर्फ रोगी बनकर रह जाता है, उसके प्रति लोगों की मानवीय संवेदनाएं खत्म हो जाती हैं, अगर नहीं तो फिर क्यों समाज उसे घृणा की दृष्टि से देखता है.

शहीद भवन में नाटक का मंचन

इसमें बुजुर्ग पात्र मुरालीलाल बीमारी से तंग आकर आत्महत्या करने का प्रयास करता है, लेकिन अंत में मानवता, स्नेह और प्यार की जीत होती है. इस नाटक को दर्शकों ने बहुत सराहा. निर्देशक अखिलेश जैन ने इसमें अभिनय भी किया, वहीं कलाकार अंकित, अनिल संसारे, साक्षी जैन, रूपा सोनी इस नाटक के मुख्य कलाकार थे.

Intro:रास्ता मोड़ और पगडंडी ..यह है नाम है आज शहीद भवन भोपाल में मंचित किए गए नाटक का. इसके निर्देशक श्री अखिलेश जैन और लेखक के के श्रीवास्तव ..विभा मिश्र स्मृति नाट्य समारोह आज तीसरे दिन इसका मंचन हुआ


Body:यह नाटक एक बुजुर्ग पर आधारित है जो किसी बीमारी के अंदर ग्रस्त है और अपने आपको लोगों पर आश्रित और और दया का पात्र समझता है दुखद नाटक है लेकिन अंत में यह सुखद हो जाता है नाटक का कथानक सत्य से बहुत नजदीक है क्या किसी रोग का शिकार हो जाने के बाद मनुष्य सिर्फ रोगी बनकर रह जाता है उसकी मानवीय संवेदनाएं समाप्त हो जाती हैं यदि नहीं तो फिर क्यों समाज उसे घृणा की दृष्टि से देखने लगता है बुजुर्ग पात्र मुरारीलाल के व्यथित चेहरे को हमेशा हम अपने आसपास ही पाते हैं आखिरकार मुरालीलाल बेचैनी से तंग आकर आत्महत्या का प्रयास करते हैं लेकिन अंत में मानवता स्नेह प्यार की जीत होती है


Conclusion:6 कलाकारों द्वारा अभिनीत इस नाटक को दर्शकों ने बहुत सराहा निर्देशक अखिलेश जैन ने निर्देशक के साथ साथ अभिनय भी किया अंकित अनिल संसारे साक्षी जैन रूपा सोनी इस नाटक के मुख्य कलाकार थे प्रकाश बहुत ही उत्तम था और मंच परिकल्पना अखिलेश जैन की थी मंच निर्माण देवेंद्र जोशी और चैतन्य कथा
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