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ओबीसी आरक्षणः पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट का होगा आंकलन, SC के फैसले पर खरी उतरी रिपोर्ट तो मिल सकता है रिजर्वेशन, फिर होगी सुनवाई

ओबीसी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में कल या परसों फिर से सुनवाई की जाएगी. सुनवाई कल होगी या परसों यह बेंच की उपलब्धता के आधार पर तय किया जाएगा.राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट का अध्यनन कर सुप्रीम कोर्ट इस बारे में अपना फैसला सुनाएगा. आयोग के आंकड़े अगर सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले के मुताबिक खरे उतरे तो ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिए जाने की परमीशन मिल सकती है. (petition filed for obc reservation in mp)

obc reservation
ओबीसी आरक्षण
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Published : May 17, 2022, 2:11 PM IST

Updated : May 17, 2022, 4:04 PM IST

भोपाल। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन पर सुनवाई हुई, हालांकि इस दौरान कोई फैसला नहीं लिया जा सका. इस मामले में अब बेंच की उपलब्धता के आधार पर कल या परसों फिर से सुनवाई होगी. इस दौरान राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट का अध्यनन किया जाएगा. रिपोर्ट के आंकड़े अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खरे उतरते हैं तो फिर ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है, हालांकि यह सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा कि आरक्षण दिया जाए या नहीं. दूसरी तरफ कांग्रेस ने कोर्ट को सौंपी गई आयोग की रिपोर्ट को रद्दी का पुलिंदा बताया है.

कांग्रेस ने रिपोर्ट पर उठाए सवाल: 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने वाले सैयद जफर ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका लगाई है, उसमें 946 पेज में से सिर्फ 86 पेज ही थोड़े काम के हैं. बाकी 860 पेज रद्दी की टोकरी में जाने लायक हैं. (petition filed for obc reservation in mp)

  • सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा लगाए गए आवेदन में 946 पेज में से 860 पेज रद्दी के लायक

    ओबीसी वर्ग को अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश स्तरीय आरक्षण देना संभव नहीं.

    प्रत्येक जनपद वार ओबीसी वर्ग को देना होगा अलग-अलग प्रतिशत में आरक्षण।@ChouhanShivraj @bhupendrasingho

    — SYED JAFAR (@SyedZps) May 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जनपदवार आरक्षण देने का ऐलानः सैयद जफर ने ट्वीट में कहा कि ओबीसी वर्ग को अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश स्तरीय आरक्षण देना संभव नहीं है. अब जनपद वार ओबीसी वर्ग को देना अलग-अलग प्रतिशत में आरक्षण देना होगा. ऐसे में कई जनपद पंचायत में ओबीसी वर्ग को आरक्षण मिलेगा ही नहीं. जनपदवार आरक्षण की प्रक्रिया में जनपदों को 25 से 30% तक आरक्षण मिल सकता है. (method of obc reservation distribution mp)

सिर्फ बयानों में हितैषी बन रही सरकारः याचिकाकर्ता सैयद जफर ने कहा कि जिस जनपद में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या ज्यादा होगी, वहां ओबीसी को ज्यादा आरक्षण मिलेगा. लेकिन प्रदेश सरकार ने 946 पेज के आवेदन में कहीं भी जनपदवार ओबीसी जनसंख्या का उल्लेख नहीं किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बयानों में तो ओबीसी वर्ग की हितैषी बन रही है, लेकिन नियम और कानून में ओबीसी वर्ग के लिए कोई काम नहीं कर रही. प्रदेश में ओबीसी वर्ग का आरक्षण समाप्त होना प्रदेश सरकार की प्रशासनिक चूक या बड़ा षड्यंत्र है. बाकी अभी बड़ा खुलासा होगा. (bjp government on obc reservation)

आरक्षण पर कांग्रेस का मंथन: निकाय चुनाव में कांग्रेस दे सकती है 27 फीसदी OBC आरक्षण

वहीं बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केशवानी का कहना है कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिले. इसलिए उसने सुप्रीम कोर्ट में जल्द चुनाव कराने की याचिका लगा दी. लेकिन ओबीसी वर्ग कांग्रेस को आने वाले चुनावों में सबक सिखा देगा

भोपाल। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की मॉडिफिकेशन एप्लीकेशन पर सुनवाई हुई, हालांकि इस दौरान कोई फैसला नहीं लिया जा सका. इस मामले में अब बेंच की उपलब्धता के आधार पर कल या परसों फिर से सुनवाई होगी. इस दौरान राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट का अध्यनन किया जाएगा. रिपोर्ट के आंकड़े अगर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर खरे उतरते हैं तो फिर ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है, हालांकि यह सुप्रीम कोर्ट ही तय करेगा कि आरक्षण दिया जाए या नहीं. दूसरी तरफ कांग्रेस ने कोर्ट को सौंपी गई आयोग की रिपोर्ट को रद्दी का पुलिंदा बताया है.

कांग्रेस ने रिपोर्ट पर उठाए सवाल: 50 फीसदी से ज्यादा आरक्षण दिए जाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाने वाले सैयद जफर ने शिवराज सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका लगाई है, उसमें 946 पेज में से सिर्फ 86 पेज ही थोड़े काम के हैं. बाकी 860 पेज रद्दी की टोकरी में जाने लायक हैं. (petition filed for obc reservation in mp)

  • सुप्रीम कोर्ट में सरकार द्वारा लगाए गए आवेदन में 946 पेज में से 860 पेज रद्दी के लायक

    ओबीसी वर्ग को अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश स्तरीय आरक्षण देना संभव नहीं.

    प्रत्येक जनपद वार ओबीसी वर्ग को देना होगा अलग-अलग प्रतिशत में आरक्षण।@ChouhanShivraj @bhupendrasingho

    — SYED JAFAR (@SyedZps) May 17, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

जनपदवार आरक्षण देने का ऐलानः सैयद जफर ने ट्वीट में कहा कि ओबीसी वर्ग को अब सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर प्रदेश स्तरीय आरक्षण देना संभव नहीं है. अब जनपद वार ओबीसी वर्ग को देना अलग-अलग प्रतिशत में आरक्षण देना होगा. ऐसे में कई जनपद पंचायत में ओबीसी वर्ग को आरक्षण मिलेगा ही नहीं. जनपदवार आरक्षण की प्रक्रिया में जनपदों को 25 से 30% तक आरक्षण मिल सकता है. (method of obc reservation distribution mp)

सिर्फ बयानों में हितैषी बन रही सरकारः याचिकाकर्ता सैयद जफर ने कहा कि जिस जनपद में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या ज्यादा होगी, वहां ओबीसी को ज्यादा आरक्षण मिलेगा. लेकिन प्रदेश सरकार ने 946 पेज के आवेदन में कहीं भी जनपदवार ओबीसी जनसंख्या का उल्लेख नहीं किया है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार बयानों में तो ओबीसी वर्ग की हितैषी बन रही है, लेकिन नियम और कानून में ओबीसी वर्ग के लिए कोई काम नहीं कर रही. प्रदेश में ओबीसी वर्ग का आरक्षण समाप्त होना प्रदेश सरकार की प्रशासनिक चूक या बड़ा षड्यंत्र है. बाकी अभी बड़ा खुलासा होगा. (bjp government on obc reservation)

आरक्षण पर कांग्रेस का मंथन: निकाय चुनाव में कांग्रेस दे सकती है 27 फीसदी OBC आरक्षण

वहीं बीजेपी प्रवक्ता दुर्गेश केशवानी का कहना है कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिले. इसलिए उसने सुप्रीम कोर्ट में जल्द चुनाव कराने की याचिका लगा दी. लेकिन ओबीसी वर्ग कांग्रेस को आने वाले चुनावों में सबक सिखा देगा

Last Updated : May 17, 2022, 4:04 PM IST
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