भोपाल| राजधानी भोपाल के श्यामला हिल्स स्थित मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में मुक्ताकाश मंच ने एकाग्र श्रृंखला 'उत्तराधिकार' का आयोजन किया. जिसमें गायन, वादन और भरतनाट्यम की प्रस्तुतियां कालाकारों ने दी. दिल्ली से आए अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कलाकार अजय प्रसन्ना ने अपने साथी कलाकारों के साथ राग यमन में बांसुरी वादन कर सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
राग यमन के बाद अजय प्रसन्ना ने साथी कलाकारों के साथ 'याद पिया की आए' प्रस्तुत करते हुए अपनी प्रस्तुति को विराम दिया. बांसुरी वादन के बाद अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मुंबई की संध्या पूरेचा ने अपने साथी कलाकारों के साथ भरतनाट्यम नृत्य की शुरुआत वृंदावनी वेणी बाजे पर नृत्य प्रस्तुत कर की. इस प्रस्तुति में कलाकारों ने अपने नृत्याभिनय कौशल से कलिका मर्दन और गोवर्धन गिरधारी प्रस्तुत किया. जिसमें श्री कृष्ण के रूप को मंच पर जीवंत किया गया. वृंदावनी वेणी बाजे के बाद कलाकारों ने संत जनाबाई केंद्र प्रस्तुत कर सभी दर्शकों को भाव से भर दिया.
संग्रहालय में जनाबाई जो असल में एक नौकरानी है, उसके कार्य कौशल को कलाकारों ने नृत्य के माध्यम से दर्शकों के बीच प्रस्तुत किया. इसके बाद कलाकारों ने वेणाबाई पर केंद्रित नृत्य प्रस्तुत किया. इस प्रस्तुति में रामदास की शिष्य वेणाबाई उन्हीं के सानिध्य में राम भक्ति करती हैं. रामनवमी के दिन राम चंद्र ने स्वयं रमाबाई के रूप में आकर उनकी सहायता की प्रस्तुति के अंत में संध्या पूरेचा ने अपने साथी कलाकारों के साथ मुक्ताबाई पर केंद्रित नृत्य पेश करते हुए अपनी प्रस्तुति को विराम दिया.