भोपाल। राजधानी के शाहपुरा-त्रिलंगा रोड के किनारे सड़क चौड़ीकरण में बाधा बन रहे 100 साल पुराने धर्मस्थल को नगर निगम, सीपीए और जिला प्रशासन ने अचानक बिना किसी जानकारी के तोड़ दिया, जिसके बाद यहां जमकर विवाद खड़ा हो गया. आसपास के लोगों ने यहां जमकर धरना प्रदर्शन किया.
एसडीएम कोलार राजेश श्रीवास्तव लोगों को समझाने के लिए पहुंचे, लेकिन लोगों का कहना था कि, 'यह धर्मस्थल 100 साल से ज्यादा पुराना है और यहां हजारों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है. यहां किसी भी प्रकार का स्थाई निर्माण नहीं किया गया है.
संस्कृति मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी का कहना है कि, यहां किसी भी प्रकार का स्थाई निर्माण नहीं किया गया है. इसके बावजूद प्रशासन और कमलनाथ सरकार तुष्टीकरण की राजनीति अपना रही है. बता दें कि, सीपीए शाहपुरा से बावड़िया कला तक 80 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण कर रहा है. वर्तमान में यह सड़क 24 फीट चौड़ी है. सड़क के चौड़ीकरण के बीच में शाहपुरा त्रिलंगा मार्ग पर बना धर्मस्थल बाधक बन रहा था. बीते एक माह से अधिकारी स्थानीय लोगों से लेकर धर्मस्थल में पूजन करने वाले लोगों के बीच आपसी सहमति बनाकर धर्मस्थल को दूसरी जगह शिफ्ट करने की योजना बना रहे थे.