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पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को 7 साल की सजा, बैंक ऑफ महाराष्ट्र में किया था गबन - CRICKETER NAMAN OJHA FATHER

बैतूल के बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में हुए गबन के मामले में अदालत ने पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को 7 साल की सजा सुनाई है.

Former cricketer Naman Ojha's father sentenced to 7 years in bank fraud case
बैंक फ्रॉड के मामले में पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को 7 साल की सजा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 12 hours ago

Updated : 12 hours ago

बैतूल: पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को बैंक ऑफ महाराष्ट्र में गबन के मामले में कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है. बैतूल के बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में हुए फ्रॉड के चर्चित मामले में मुलताई अपर सत्र न्यायालय ने मंगलवार को फैसला सुनाया. न्यायालय ने गबन के मास्टरमाइंड अभिषेक रत्नम को 10 साल की सजा और 80 लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया. वहीं सह-आरोपियों, जिनमें पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय ओझा, बैंककर्मी धनराज और लखन शामिल हैं, को 7-7 साल की सजा और 7-7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

यह था मामला

यह मामला साल 2013 का है, जब जौलखेड़ा ग्राम पंचायत स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा में गबन का मामला सामने आया. मास्टरमाइंड अभिषेक रत्नम ने बैंक अधिकारियों के पासवर्ड का उपयोग कर गबन को अंजाम दिया. जांच के दौरान पता चला कि इस गबन में बैंक के अन्य कर्मचारी भी शामिल थे.

मुख्य आरोपी को 10 साल की सजा और 80 लाख का जुर्माना

न्यायालय ने गबन के मास्टरमाइंड अभिषेक रत्नम को 10 साल की सजा सुनाई और 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. अभिषेक ने बैंक की आंतरिक प्रणाली का दुरुपयोग करते हुए बड़ी रकम का गबन किया था. यह सजा बैंकिंग क्षेत्र में अनुशासन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.

न्यायालय ने सह-आरोपियों को भी दोषी ठहराया. विनय ओझा (पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता), धनराज और लखन को 7-7 साल की सजा और 7-7 लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया. केस की जांच के दौरान शाखा में पदस्थ कैशियर दीनानाथ राठौर की मृत्यु हो गई थी. इस गबन की जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.

आरोपियों ने बैंक की आंतरिक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग कर गबन को दिया अंजाम

गबन में शामिल आरोपियों ने बैंक की आंतरिक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किया, जिससे बैंक को करोड़ों का नुकसान हुआ. उस समय नमन ओझा के पिता विनय ओझा भी इसी शाखा में कार्यरत थे.

एजीपी राजेश साबले ने बताया "प्रकरण की विवेचना के दौरान शाखा में पदस्थ रहे कैशियर दीनानाथ राठौर की मौत हो गई थी. मामला साल 2013 का है. मास्टर माइंड आरोपी अभिषेक रत्नम ने बैंक अधिकारियों के पासवर्ड का उपयोग कर गबन किया था. गौरतलब है कि उस दौरान क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय ओझा भी इसी बैंक में पदस्थ थे."

बैतूल: पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता को बैंक ऑफ महाराष्ट्र में गबन के मामले में कोर्ट ने 7 साल की सजा सुनाई है. बैतूल के बैंक ऑफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में हुए फ्रॉड के चर्चित मामले में मुलताई अपर सत्र न्यायालय ने मंगलवार को फैसला सुनाया. न्यायालय ने गबन के मास्टरमाइंड अभिषेक रत्नम को 10 साल की सजा और 80 लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया. वहीं सह-आरोपियों, जिनमें पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय ओझा, बैंककर्मी धनराज और लखन शामिल हैं, को 7-7 साल की सजा और 7-7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है.

यह था मामला

यह मामला साल 2013 का है, जब जौलखेड़ा ग्राम पंचायत स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र की शाखा में गबन का मामला सामने आया. मास्टरमाइंड अभिषेक रत्नम ने बैंक अधिकारियों के पासवर्ड का उपयोग कर गबन को अंजाम दिया. जांच के दौरान पता चला कि इस गबन में बैंक के अन्य कर्मचारी भी शामिल थे.

मुख्य आरोपी को 10 साल की सजा और 80 लाख का जुर्माना

न्यायालय ने गबन के मास्टरमाइंड अभिषेक रत्नम को 10 साल की सजा सुनाई और 80 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. अभिषेक ने बैंक की आंतरिक प्रणाली का दुरुपयोग करते हुए बड़ी रकम का गबन किया था. यह सजा बैंकिंग क्षेत्र में अनुशासन और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है.

न्यायालय ने सह-आरोपियों को भी दोषी ठहराया. विनय ओझा (पूर्व क्रिकेटर नमन ओझा के पिता), धनराज और लखन को 7-7 साल की सजा और 7-7 लाख रुपये के जुर्माने से दंडित किया. केस की जांच के दौरान शाखा में पदस्थ कैशियर दीनानाथ राठौर की मृत्यु हो गई थी. इस गबन की जांच के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए.

आरोपियों ने बैंक की आंतरिक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग कर गबन को दिया अंजाम

गबन में शामिल आरोपियों ने बैंक की आंतरिक प्रक्रियाओं का दुरुपयोग किया, जिससे बैंक को करोड़ों का नुकसान हुआ. उस समय नमन ओझा के पिता विनय ओझा भी इसी शाखा में कार्यरत थे.

एजीपी राजेश साबले ने बताया "प्रकरण की विवेचना के दौरान शाखा में पदस्थ रहे कैशियर दीनानाथ राठौर की मौत हो गई थी. मामला साल 2013 का है. मास्टर माइंड आरोपी अभिषेक रत्नम ने बैंक अधिकारियों के पासवर्ड का उपयोग कर गबन किया था. गौरतलब है कि उस दौरान क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय ओझा भी इसी बैंक में पदस्थ थे."

Last Updated : 12 hours ago
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