भोपाल। राजधानी भोपाल में विकास कार्यों के लिए काटे जा रहे पेड़ों का अनोखे अंदाज में विरोध किया गया. लोगों ने काटे गए पेड़ों के अवशेषों के श्रद्धांजलि देकर विरोध जताया. दरअसल शहर में मेट्रो को लेकर जोरशोर से काम चल रहा है. बताया जा रहा है कि साकेत नगर में एम्स हॉस्पिटल की बाउंड्री के किनारे मेट्रो स्टेशन के पास 3 दिन पहले करीबन 40 पेड़ों को काट दिया गया था. जिसका विरोध जताते हुए स्थानीय लोगों ने श्रद्धांजलि दी. लोगों ने सरकार से मांग की है कि विकास हो, लेकिन शहर की हरियाली का विनाश न किया जाए.
सुप्रीम कोर्ट भी जता चुका आपत्ति: पर्यावरण प्रेमी उमाशंकर तिवारी के मुताबिक उनके द्वारा लगातार सरकार से मांग की जा रही है कि प्रदेश में विकास पेड़ों की कीमत पर न हो. उन्होंने कहा कि एक पेड़ को बड़ा होने में सालों लग जाते हैं, ऐसे में बड़ा पेड़ काटने पर एक पौधा लगाना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों एक मामले में सुप्रीम कोर्ट भी लगातार काटे जा रहे पेड़ों को लेकर आपत्ति दर्ज करा चुके हैं. उमाशंकर तिवारी का कहना है कि शहर में पहले बीआरटीएस के नाम पर हजारों पेड़ों को काटा गया. अब मेट्रो के नाम पर पेड़ों को काटा जा रहा है. इसी तरह स्मार्ट सिटी, कोलार रोड़ चौड़ीकरण और अन्य विकास कार्यों के नाम पर लगातार पेड़ों की कटाई जारी है. स्थिति तो यह है कि पेड़ों को काटने के लिए परमीशन भी नहीं ली जाती.
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3 साल में कट चुके 8 हजार 754 पेड़: विकास योजनाओं के चलते भोपाल में पिछले 3 सालों में 8 हजार 754 पेड़ों को काटा जा चुका है. इसकी जानकारी विधानसभा सत्र के दौरान सरकार ने दी थी. सरकार ने बताया था कि भोपाल में सबसे ज्यादा विकास कार्यों के नाम पर पेड़ों को काटा गया है. इस दौरान इंदौर में सिर्फ 92 पेड काटे गए हैं. हालांकि इस दौरान भोपाल में इन तीन सालों में 83 हजार 255 पौधों को लगाया गया हैं.