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राजधानी में कोरोना का कहर, महामारी की चपेट में 15 से 55 साल के लोग सबसे ज्यादा

भोपाल में हर दिन कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोत्तरी हो रही है. अगर कोरोना से प्रभावित वर्ग की बात करें तो सबसे ज्यादा 15-55 साल के लोग कोरोना की चपेट में हैं.

People aged 15-55 are much older than Corona
कोरोना योद्धा
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Published : Apr 25, 2020, 11:21 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के कहर के चलते इंदौर के बाद राजधानी भोपाल दूसरा हॉटस्पॉट बन चुका है. हर दिन यहां संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. आंकड़ों की बात करें तो अब तक 346 केस संक्रमण के सामने आ चुके हैं. जिनमें से 10 मरीजों की मौत दर्ज की गई है. वहीं 112 मरीज पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिए गए हैं.

राजधानी में कोरोना का कहर

15-55 साल के व्यक्ति चपेट में

अगर हम आंकड़ों पर नजर डाले तो भोपाल में एक भी ऐसा आयु वर्ग नहीं है, जो कोरोना वायरस के चपेट में न आया हो. शहर में 9 दिन की बच्ची से लेकर 90 साल के बुजुर्ग तक को कोरोना वायरस ने संक्रमित किया है. एक आयु वर्ग ऐसा भी है जो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. इन आंकड़ों के बारे में कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने कहा कि भोपाल में आंकड़ों के विश्लेषण से यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस ने 15 साल से लेकर 55 साल तक के व्यक्तियों को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में लिया है. करीब 85- 90 प्रतिशत संक्रमित मरीज इसी आयु वर्ग से हैं. जिनकी संख्या 311 के आसपास है.

स्वास्थ्य महकमा भी लड़ रहा जंग

इस आयु वर्गों के अलावा 56 साल से ऊपर के संक्रमित मरीजों की संख्या 51 के आसपास है. जो करीब 7 -10 प्रतिशत है. वहीं शहर में करीब 26 ऐसे संक्रमित मरीज हैं, जिनकी उम्र 15 साल या उससे भी कम है. जो कि 5-7 प्रतिशत है. हालांकि जिस आयु वर्ग को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया है. उनमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी,कर्मचारी, पुलिसकर्मी और डॉक्टर्स भी शामिल हैं. यह ऐसा वर्ग है जो कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है. यही वजह है कि इस उम्र के व्यक्ति सबसे ज्यादा कोरोना की चपेट में आए हैं.

ज्यादा उम्र के व्यक्ति हो रहे स्वस्थ

साथ ही राहत देने वाली बात यह भी है कि इसी उम्र के सबसे ज्यादा मरीज ठीक भी हुए हैं. ठीक होने वाले मरीजों में करीब 78 वह मरीज हैं, जिनकी उम्र 15 से 55 साल तक है. अब भी इसी आयु वर्ग के व्यक्तियों में संक्रमण होने का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है.

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के कहर के चलते इंदौर के बाद राजधानी भोपाल दूसरा हॉटस्पॉट बन चुका है. हर दिन यहां संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है. आंकड़ों की बात करें तो अब तक 346 केस संक्रमण के सामने आ चुके हैं. जिनमें से 10 मरीजों की मौत दर्ज की गई है. वहीं 112 मरीज पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिए गए हैं.

राजधानी में कोरोना का कहर

15-55 साल के व्यक्ति चपेट में

अगर हम आंकड़ों पर नजर डाले तो भोपाल में एक भी ऐसा आयु वर्ग नहीं है, जो कोरोना वायरस के चपेट में न आया हो. शहर में 9 दिन की बच्ची से लेकर 90 साल के बुजुर्ग तक को कोरोना वायरस ने संक्रमित किया है. एक आयु वर्ग ऐसा भी है जो इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. इन आंकड़ों के बारे में कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने कहा कि भोपाल में आंकड़ों के विश्लेषण से यह बात सामने आई है कि कोरोना वायरस ने 15 साल से लेकर 55 साल तक के व्यक्तियों को सबसे ज्यादा अपनी चपेट में लिया है. करीब 85- 90 प्रतिशत संक्रमित मरीज इसी आयु वर्ग से हैं. जिनकी संख्या 311 के आसपास है.

स्वास्थ्य महकमा भी लड़ रहा जंग

इस आयु वर्गों के अलावा 56 साल से ऊपर के संक्रमित मरीजों की संख्या 51 के आसपास है. जो करीब 7 -10 प्रतिशत है. वहीं शहर में करीब 26 ऐसे संक्रमित मरीज हैं, जिनकी उम्र 15 साल या उससे भी कम है. जो कि 5-7 प्रतिशत है. हालांकि जिस आयु वर्ग को कोरोना ने अपनी चपेट में लिया है. उनमें स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी,कर्मचारी, पुलिसकर्मी और डॉक्टर्स भी शामिल हैं. यह ऐसा वर्ग है जो कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहा है. यही वजह है कि इस उम्र के व्यक्ति सबसे ज्यादा कोरोना की चपेट में आए हैं.

ज्यादा उम्र के व्यक्ति हो रहे स्वस्थ

साथ ही राहत देने वाली बात यह भी है कि इसी उम्र के सबसे ज्यादा मरीज ठीक भी हुए हैं. ठीक होने वाले मरीजों में करीब 78 वह मरीज हैं, जिनकी उम्र 15 से 55 साल तक है. अब भी इसी आयु वर्ग के व्यक्तियों में संक्रमण होने का सबसे ज्यादा खतरा बना हुआ है.

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