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Pegasus Spyware: भारतीयों की जासूसी के लिए NSO को किसने किया भुगतान? - फोन टैपिंग

फोन के आविष्कार ने जिंदगी को जितना आसान किया था, बढ़ती तकनीक के साथ ये फोन उतना ही सिरदर्द बनता जा रहा है क्योंकि आये दिन फोन टैपिंग या फोन के जरिए जासूसी करने को लेकर विवाद होता रहा है. हाल ही में इजरायल की कमर्शियल कंपनी एनएसओ के बनाए (Pegasus Spyware) से भारतीयों की जासूसी कराने को लेकर सड़क से सदन तक बवाल मचा है, ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि आखिर भारतीयों की जासूसी के लिए कंपनी को भुगतान किया तो किसने?

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Published : Jul 21, 2021, 11:48 AM IST

Updated : Jul 21, 2021, 12:00 PM IST

भोपाल। पेगासस (Pegasus Spyware) सिर्फ एक नाम ही नहीं है, ये नाम बहुत ही चमत्कारी है, इसका नामकरण भी ग्रीस के दैवीय घोड़े के नाम पर रखा गया है क्योंकि इसका काम भी वैसा ही चमत्कारी है. आजकल इसी के नाम पर सड़क से सदन तक कोहराम मचा है, हर इंसान हैरान परेशान है क्योंकि पेगासस कभी भी किसी के भी बेडरूम से बाथरूम तक और दरवाजे से लेकर खिड़कियों को बिना किसी रोकटोक के तोड़कर अंदर दाखिल हो सकता है, यानि कोई ऐसी लक्ष्मण रेखा नहीं है जो इसे आपके राज तक पहुंचने से रोक सके.

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पेगासस जासूसी विवाद ने राजनीतिक खलबली पैदा कर दी है. विपक्ष अचानक ही सरकार पर हमलावर हो गई है, जिससे संसद का मानसून सत्र भी प्रभावित हो रहा है. इतने बवाल के बाद भी सरकार ने पेगासस को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. पेगासस स्पाइवेयर इजरायली कंपनी एनएसओ (NSO Group) ग्रुप का प्रोडक्ट है. कंपनी का दावा है कि वह इसे सिर्फ सरकारों को ही बेचती है. मीडिया रिपोर्ट ने एनएसओ की क्लाइंट लिस्ट में भारत की एजेंसी का नाम शामिल होने का दावा किया है. वह कौन सी एजेंसी है, किसी को पता नहीं है.

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अब सवाल उठता है कि जब कंपनी सिर्फ सरकारों को ही जासूसी साफ्टवेयर पेगासस की बिक्री करती है, तब भारत की एजेंसी को बिना भुगतान के कंपनी कैसे सेवाएं दे रही थी, यदि भुगतान किया गया तो किसने जासूसी के लिए एनएसओ को भुगतान किया है. इस पर भारत सरकार कोई स्पष्टीकरण नहीं दे रही है, बल्कि ये आरोप लगा रही है कि देश की छवि खराब करने के लिए ये साजिश रची गई है. वहीं बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर लिखा- यह बिल्कुल स्पष्ट है कि (Pegasus Spyware) एक कमर्शियल कंपनी है, जोकि पेड कॉन्ट्रैक्ट पर ही काम करती है. इसलिए अपरिहार्य प्रश्न उठता है कि भारतीय ऑपरेशन के लिए NSO को किसने भुगतान किया. भारत सरकार नहीं तो कौन? देश की जनता को ये बताना मोदी सरकार का कर्तव्य है.

  • Pegasus is the Product Swami ji, NSO is the commercial company from Israel. Your most favoured Nation. You are the only person who can get facts you want to know from ModiShah and NSO. Who paid them? Valid question. https://t.co/FJY4xQh5YV

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) July 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने समर्थन करते हुए लिखा- स्वामी जी पेगासस प्रोडक्ट है और एनएसओ इजरायल की व्यावसायिक कंपनी है, इजरायल आपका पसंदीदा देश है. आप ही एकमात्र पर्सन हैं जोकि मोदी-शाह और एनएसओ से इस बात की जानकारी हासिल कर सकते हैं कि एनएसओ को जासूसी के लिए किसने भुगतान किया है, जोकि एक वाजिब सवाल भी है.

भोपाल। पेगासस (Pegasus Spyware) सिर्फ एक नाम ही नहीं है, ये नाम बहुत ही चमत्कारी है, इसका नामकरण भी ग्रीस के दैवीय घोड़े के नाम पर रखा गया है क्योंकि इसका काम भी वैसा ही चमत्कारी है. आजकल इसी के नाम पर सड़क से सदन तक कोहराम मचा है, हर इंसान हैरान परेशान है क्योंकि पेगासस कभी भी किसी के भी बेडरूम से बाथरूम तक और दरवाजे से लेकर खिड़कियों को बिना किसी रोकटोक के तोड़कर अंदर दाखिल हो सकता है, यानि कोई ऐसी लक्ष्मण रेखा नहीं है जो इसे आपके राज तक पहुंचने से रोक सके.

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पेगासस जासूसी विवाद ने राजनीतिक खलबली पैदा कर दी है. विपक्ष अचानक ही सरकार पर हमलावर हो गई है, जिससे संसद का मानसून सत्र भी प्रभावित हो रहा है. इतने बवाल के बाद भी सरकार ने पेगासस को लेकर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. पेगासस स्पाइवेयर इजरायली कंपनी एनएसओ (NSO Group) ग्रुप का प्रोडक्ट है. कंपनी का दावा है कि वह इसे सिर्फ सरकारों को ही बेचती है. मीडिया रिपोर्ट ने एनएसओ की क्लाइंट लिस्ट में भारत की एजेंसी का नाम शामिल होने का दावा किया है. वह कौन सी एजेंसी है, किसी को पता नहीं है.

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अब सवाल उठता है कि जब कंपनी सिर्फ सरकारों को ही जासूसी साफ्टवेयर पेगासस की बिक्री करती है, तब भारत की एजेंसी को बिना भुगतान के कंपनी कैसे सेवाएं दे रही थी, यदि भुगतान किया गया तो किसने जासूसी के लिए एनएसओ को भुगतान किया है. इस पर भारत सरकार कोई स्पष्टीकरण नहीं दे रही है, बल्कि ये आरोप लगा रही है कि देश की छवि खराब करने के लिए ये साजिश रची गई है. वहीं बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्विटर पर लिखा- यह बिल्कुल स्पष्ट है कि (Pegasus Spyware) एक कमर्शियल कंपनी है, जोकि पेड कॉन्ट्रैक्ट पर ही काम करती है. इसलिए अपरिहार्य प्रश्न उठता है कि भारतीय ऑपरेशन के लिए NSO को किसने भुगतान किया. भारत सरकार नहीं तो कौन? देश की जनता को ये बताना मोदी सरकार का कर्तव्य है.

  • Pegasus is the Product Swami ji, NSO is the commercial company from Israel. Your most favoured Nation. You are the only person who can get facts you want to know from ModiShah and NSO. Who paid them? Valid question. https://t.co/FJY4xQh5YV

    — digvijaya singh (@digvijaya_28) July 21, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

वहीं सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने समर्थन करते हुए लिखा- स्वामी जी पेगासस प्रोडक्ट है और एनएसओ इजरायल की व्यावसायिक कंपनी है, इजरायल आपका पसंदीदा देश है. आप ही एकमात्र पर्सन हैं जोकि मोदी-शाह और एनएसओ से इस बात की जानकारी हासिल कर सकते हैं कि एनएसओ को जासूसी के लिए किसने भुगतान किया है, जोकि एक वाजिब सवाल भी है.

Last Updated : Jul 21, 2021, 12:00 PM IST
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