भोपाल। राजधानी भोपाल में प्यारे मियां मामले में नाबालिग की मौत के बाद अंतिम संस्कार मामले में सियासी घमासान शुरू हो गया है. प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस में बैठक बुलाकर एसआईटी जांच के आदेश दिए. वहीं इस मामले में विपक्ष भी प्रदेश सरकार पर हावी हो गया है. पूर्व मंत्री व स्थानीय विधायक पीसी शर्मा ने सीबीआई जांच की मांग उठाई है.
हाथरस से भी दयनीय स्थिति
नाबालिग के अंतिम संस्कार मामले में विधायक पीसी शर्मा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरह नाबालिग बच्ची का अंतिम संस्कार किया गया है. वह हाथरस से भी दयनीय स्थिति में किया गया है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि शुरू से ही पूरे मामले में लीपापोती की जा रही है. यह घटना हाथरस से भी बड़ी है. जिन पर भी आरोप लगे हैं, अगर इसकी सीबीआई जांच की जाती है तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.एसआईटी जांच से कुछ भी निकलने वाला नहीं है, इसलिए सीबीआई जांच होनी चाहिए.
राहुल गांधी ने की हाथरस की घटना से की तुलना
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा है कि हाथरस जैसी अमानवीय तक कितनी दोहरायी जाएगी. भाजपा सरकार महिला सुरक्षा में तो फेल है ही,पीड़ितों और उनके परिवार से मानवीय व्यवहार करने में असमर्थ भी है.
कमलनाथ का ट्वीट
कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि बेहद निंदनीय, बेहद शर्मनाक. शिवराज सरकार में भांजियां कही भी सुरक्षित नहीं. प्रदेश की राजधानी में यौन शोषण की शिकार मासूम बच्चियां बालिका गृह में भी सुरक्षित नहीं. कितनी अमानवीयता, मृत पीड़िता को उसके घर तक नहीं जाने दिया, उससे अपराधियों जैसा व्यवहार.
उसके परिवार को अंतिम रीति- रिवाजों से भी वंचित किया गया , यह कैसी निष्ठुर व्यवस्था ? कहां है ज़िम्मेदार ? प्रदेश को कितना शर्मशार करेंगे ? मामला बेहद गंभीर, मामले की सीबीआई जांच हो, बाक़ी बालिकाओं को भी पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जावे.
पढ़ें:प्यारे मियां यौन शोषण मामला: पुलिस ने पीड़िता का सीधे कराया अंतिम संस्कार, मां करती रही घर पर इंतजार
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है. मामले की सीबीआई जांच हो. बाकी बालिकाओं को भी पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जाए. उनके इलाज की भी समुचित व्यवस्था हो. दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई है.
सीएम हाउस में मुख्यमंत्री ने दिए एसआईटी गठित के आदेश
नाबालिग की मौत के बाद सीएम हाउस में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आला अधिकारियों की बैठक बुलाई और उसमें एसआईटी जांच के आदेश दे दिए हैं. सीएम ने निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं.
क्या है मामला
प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में बुधवार को एक नाबालिग की मौत हो गई थी. जिसके बाद यूपी के हाथरस गैंगरेप जैसी स्थिति देखने को मिली. पीड़िता के मौत के बाद गुरुवार को पुलिस शव को हमीदिया अस्पताल से सीधे भदभदा विश्राम घाट ले गई. जहां पुलिस की निगरानी में विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में पीड़िता ही फरियादी भी थी. पीड़िता के परिजन घर पर बेटी के शव का इंतजार कर रहे थे. लेकिन पुलिस उन्हें शव सौंपना ही नहीं चाहती थी. पीड़िता की मां ने बताया कि वह अपनी बेटी के शव का घर पर इंतजार करती रही और पुलिस ने सीधे अंतिम संस्कार विश्राम घाट पर करा दिया.