भोपाल/ जबलपुर. हाईकोर्ट के आदेश के बाद पटवारियों को खत्म करना पड़ी. आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में पटवारी 6 अगस्त से लगातार हड़ताल पर थे. हड़ताल को लेकर कोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई गई जिसपर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पटवारियों को झटका दिया है. कोर्ट ने उन्हें वापस पर काम पर लौटने का आदेश देते हुए सरकार को भी उनकी मांगों पर 2 महीने में विचार कर निराकरण करने का निर्देश दिया है.
हड़ताल से लोगों को हो रही थी परेशानी
पटवारियों की अनिश्तिकालीन हड़ताल को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल की गई जनहित याचिका में कहा गया था कि मध्यप्रदेश में पटवारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 6 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे हैं. इस हड़ताल की वजह से प्रदेश में राजस्व का कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है. किसानों को भी पटवारियों की इस हड़ताल की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. किसानों के जरूरी काम रूके हुए हैं. इन परेशानियों का जिक्र करते हुए एडवोकेट मनोज कुशवाहा और दो अन्य किसानों की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई गई थी. याचिका में।मांग की गई थी कि पटवारियों की हड़ताल तत्काल खत्म कराई जाए, क्योंकि इस हड़ताल की वजह से प्रदेश की जनता को तमाम तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
काम पर लौटें पटवारी, सरकार करे मांगों का निराकरण
जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने पटवारियों को निर्देश दिया है कि वह तत्काल हड़ताल खत्म कर काम पर वापस लौटें साथ ही सरकार को निर्देश दिए हैं कि पटवारियों की जो भी मांगे हैं उस पर सरकार 2 माह में विचार कर निराकरण करें.
ये हैं पटवारियों की तीन मांगे
प्रदेश भर के पटवारी अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 17 दिनों से हड़ताल पर हैं. इन मांगों में 2800 रुपये वेतनमान, CPTC परीक्षा और गृह जिले में स्थानान्तरण की नीति परिवर्तन की शासन से मांग कर रहे हैं. यह पहली बार नहीं है कि पटवारी 17 दिन से हड़ताल पर हैं, इसके पहले भी वे 45 दिन हड़ताल पर चले गए थे. इसके बाद सरकार ने उनकी मांगों पर विचार करने का आश्ववासन दिया था, लेकिन कोई सुनवाई न होने के चलते वे कलमबंद हड़ताल पर चले गए थे. हड़ताल को लेकर प्रदेश पटवारी संघ ने दावा किया था कि हड़ताल में प्रदेश भर के 19 हजार पटवारी शामिल हैं.