भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले उपचुनाव को लेकर दोनों राजनीतिक दल जनता पर जमकर डोरे डाल रहे हैं. दोनों ही पार्टी के दिग्गज मैदान में जी जान लगाए है और जनता से वोट मांग रहे है. इस समय दोनों पार्टियों की नजर सोशल मीडिया पर भी हैं, क्योंकि अब हर एक वोटर के हाथ मे स्मार्ट फोन और इंटरनेट है. उसकी हर राजनीतिक घटना पर नजर है. लिहाजा बीजेपी और कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया टीम को एक्टिव कर रखा है और रोज पार्टी के बड़े नेता समीक्षा करते हैं कि किसको कितने व्यूज और लाइक्स मिले.
बीजेपी ने चुनावी मैदान में तैनात की आईटी टीम
बीजेपी की आईटी टीम की बात करें, तो उपचुनाव में बीजेपी ने वाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर पर अपनी टीम को एक्टिव किया है. जहां उपचुनाव होना है वहां सभी 11 विधानसभा क्षेत्रों में 11 सोशल मीडिया प्रभारी और सह प्रभारी बनाए गए हैं. इसी तरह उपचुनाव के 51 मंडल के 51 प्रभारी और सह प्रभारी बनाए गए हैं.
बूथ स्तर पर आईटी कार्यकर्ता तैनात
सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के चलते पार्टी ने बूथ पर कार्यकर्ताओं के लिए एक वाट्सएप ग्रुप बनाया गया है, जिस पर रोज की प्लानिंग शेयर की जा रही है. प्रचार को धार देने के लिए उपचुनाव वाली सीट के विधायक और सांसदों के प्रोफाइल भोपाल में बैठी टीम हैंडल कर रही है. प्रदेश स्तर पर सोशल मीडिया टीम पूरे प्रचार को मॉनिटर कर रही, वाट्सएप ग्रुप में एक तरफा संवाद नहीं होता बल्कि दोनों तरफ से संवाद हो इसके लिए बाकायदा पार्टी रोज फीडबैक लेती है.
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फॉलोवर्स में कांग्रेस से पिछड़ी बीजेपी
बीजेपी के सोशल प्लेटफार्म पर निष्क्रियता के चलते प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने फटकार लगाई थी.आईटी का काम देख रहे संयोजक शिवराज डाबी को हटाया गया और प्रदेश बीजेपी में आईटी सेल को बदला गया. इसके बावजूद कांग्रेस सोशल मीडिया पर सत्ताधारी दल बीजेपी से काफी आगे दिख रही है. एमपी कांग्रेस के टि्वटर पर फॉलोअर्स अब 10 लाख के करीब हो गए हैं. वहीं, बीजेपी के फॉलोअर्स की संख्या पिछले 4 महीने में 7 लाख 72 हजार से बढ़कर साढ़े 8 लाख तक पहुंच गई है. एमपी कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर फॉलोअर्स की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है. बता दें कि कांग्रेस की सभी राज्य इकाईयों की तुलना में मध्य प्रदेश कांग्रेस के ट्वीटर पर सबसे ज्यादा फॉलोअर्स हैं.
ट्वीटर पर कांग्रेस है बीजेपी से आगे
सक्रियता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि चाहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हो या फिर संगठन के नेता, सभी कहते हैं कि कांग्रेस से ट्वीट में विश्वास रखती है, क्योंकि शिवराज सरकार सहित केन्द्र सरकार पर सवाल खड़े करने वाले ट्वीट बहुत तेजी के साथ रिट्वीट किए जा रहे हैं. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद से ही कांग्रेस लगातार सोशल मीडिया पर खुद को मजबूत करने में लगी है. और उसे लगता है युवा वोटर्स के साथ साथ पढ़ा लिखा वर्ग उंसके ट्वीट को पढ़ेगा.