भोपाल। कोरोना काल में हर वर्ग आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. ऐसे में शैक्षणिक संस्थान तो बंद हैं, लेकिन फीस का लेन देन चालू है, क्योंकि कोरोना के चलते प्राइवेट स्कूलों को भी बेहद नुकसान हुआ है. ऐसे में अभिभावकों से फीस वसूलना उनकी मजबूरी बन गई है, लेकिन कोरोना संकट की वजह से अभिभावकों के पास भी फीस देने के लिए पैसे नहीं है. ऐसे में अभिभवक पालक संघ ने एक बार फिर फीस रेगुलेशन एक्ट लागू करने की मांग उठाई है.
प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री ने अभिभावकों की शिकायतों के लिए शिकायत पोर्टल बनाने की बात कही है, स्कूल शिक्षा विभाग जल्द ही शिकायत पोर्टल की शुरुवात करेगा, जिसके तहत अभिभावक अपनी शिकायतों को पोर्टल पर भेज सकेंगे और ऑनलाइन शिकायत मिलते ही तुरंत अभिभावक की शिकायत पर संज्ञान लिया जाएगा.
अभिभावक पालक संघ ने इस पोर्टल के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि, पोर्टल तो बन जाएगा, इसके लिए शिक्षा विभाग का धन्यवाद, लेकिन असल में अभिभावकों की शिकायत कहीं नहीं सुनी जाती. पालक संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल विश्वकर्मा ने बताया कि, अभिभवक पालक संघ 2014 से फीस रेगुलेशन एक्ट लिए संघर्ष कर रहा है.
साल 2018 में फीस रेगुलेशन एक्ट आया. लेकिन अब तक इसे लागू नहीं किया गया. जिसकी वजह से आज अभिभावकों की शिकायतें धरी की धरी रह जाती हैं. कई बार जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के चक्कर काटने के बावजूद भी, उनकी शिकायतों पर संज्ञान नहीं लिया जाता. कोरोना काल में स्कूलों द्वारा दिए जा रहे दबाव से परेशान अभिभावकों ने एक बार फिर फीस रेगुलेशन एक्ट को लागू करने की मांग उठाई है. जिसके लिए अभिभावक पालक संघ ने स्कूल शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर अभिभावकों की समस्याओं से अवगत कराया है.
पालक संघ का कहना है कि, अगर आज फीस रेगुलेशन एक्ट लागू होता, तो निजी स्कूल इस तरह की मनमानी नहीं करते. सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा और इस कोरोना काल में अभिभावकों की समस्याओं को देखते हुए फीस रेगुलेशन एक्ट लागू करना होगा.