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अवॉर्ड वापसी पर ETV भारत से बोले पद्मश्री अशोक चक्रधर, सम्मान देने वाले और आयोजक का यह अपमान

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Published : Sep 14, 2022, 10:55 PM IST

पद्मश्री और देश के बड़े कवियों में से एक अशोक चक्रधर का मानना है कि जितने भी साहित्यकार या कवि अवार्ड वापसी करते हैं, यह गलत है, क्योंकि अवार्ड जब आपको दिया जाता है तो यह आपकी कला के प्रति सम्मान का प्रतीक होता है. इसको वापस करना उस सम्मान और देने वाले का अपमान है. वहीं फिल्मों के बायकॉट किए जाने पर भी उन्होंने अपनी राय रखी.Ashok Chakradhar's opinion on Hindi language, Padmashree Ashok Chakradhar, Ashok Chakradhar talks to ETV Bharat

Ashok Chakradhar talks to ETV bharat
अशोक चक्रधर ने की ईटीवी भारत से बात

भोपाल। पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ कवि अशोक चक्रधर ने अवार्ड वापसी करने वाले साहित्यकार और कलाकारों पर निशाना साधा है. अशोक चक्रधर का कहना है कि यह जो अवार्ड वापस करते हैं. इसको वह सही नहीं मानते.अशोक चक्रधर के अनुसार जो सम्मान दिया जाता है, वह उस कलाकार और साहित्यकार को उसकी कला के प्रति दिया जाता है. ऐसे में सम्मान वापस कर कर सम्मान देने वाले व्यक्ति या आयोजक और उस सम्मान का आप अपमान करते हैं. अशोक चक्रधर भोपाल में आयोजित कवि समेलन और साहित्यकार सम्मान समारोह के दौरान मौजूद थे. इस दौरान ईटीवी भारत ने उनसे कई मुद्दों पर चर्चा की.Ashok Chakradhar's opinion on Hindi language, Padmashree Ashok Chakradhar, Ashok Chakradhar talks to ETV Bharat


फिल्मों के बॉयकॉट पर बोले अशोक चक्रधर: देश के अंदर फिल्मों के बॉयकॉट को लेकर भी अशोक चक्रधर ने अपनी बेबाक राय रखी. उनका कहना था कि इन फिल्मों का बॉयकॉट इसलिए हो रहा है, क्योंकि भूतकाल में या अभी के समय इनसे जुड़े कलाकार या लोगों ने इस तरह के बयान दिए हैं. जो जनता को पसंद नहीं आते. इसलिए इन कलाकारों को ऐसे बयानों से बचना चाहिए, नहीं तो इनकी फिल्मों का बायकॉट होगा

अशोक चक्रधर ने की ईटीवी भारत से बात

PM Modi को गोविंद सिंह की सियासी शुभकामनाएं, चिट्ठी में डिमांड, Birthday पर करें एमपी को कुपोषण मुक्त की घोषणा



हिंदी की स्थिति पर भी रखी बात: हिंदी दिवस के मौके पर भोपाल पहुंचे अशोक चक्रधर ने आज के समय में हिंदी की स्थिति पर भी अपनी बात रखी. अशोक चक्रधर का कहना है कि हिंदी पर हमें गर्व है, लेकिन यह किस मुकाम पर है, यह इसके आकलन को तय करता है. अगर हिंदी मन में ज्यादा बेहतर है और आपको हिंदी प्रिय हैं तो ऊंचे मुकाम पर है. वैसे भी आज के समय में सभी भाषाओं का मिलाजुला समावेश चल रहा है. सभी भाषाओं का उपयोग भी हो रहा है.

अंग्रेजी भाषा पर किया कटाक्ष: वहीं उन्होंने अंग्रेजी भाषा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अंग्रेजी भारतीय भाषा में स्थान नहीं ले सकती, वह तो सिर्फ भारत के शब्दों को ढूंढती हैं और अपने अंग्रेजी में शामिल कर लेती है. आज के समय में अंग्रेजी का 10,00000वां शब्द जय हो है, जो हिंदी का है.

समय के साथ बदलते रहना चाहिए: कवि सम्मेलनों के बदले मुकाम और माहौल पर भी अशोक चक्रधर ने अपने विचार रखे. उनका कहना था कि कवि सम्मेलनों में मंच पर लाफ्टर और कॉमेडी का भी उपयोग होता है, लेकिन यह समावेश आज की जरूरत है और जैसी जरूरत होगी वैसा प्रस्तुत किया जाएगा. समय के साथ सब बदलता है और हमें भी बदलना चाहिए.Ashok Chakradhar's opinion on Hindi language, Padmashree Ashok Chakradhar, Ashok Chakradhar talks to ETV Bharat

भोपाल। पद्मश्री से सम्मानित वरिष्ठ कवि अशोक चक्रधर ने अवार्ड वापसी करने वाले साहित्यकार और कलाकारों पर निशाना साधा है. अशोक चक्रधर का कहना है कि यह जो अवार्ड वापस करते हैं. इसको वह सही नहीं मानते.अशोक चक्रधर के अनुसार जो सम्मान दिया जाता है, वह उस कलाकार और साहित्यकार को उसकी कला के प्रति दिया जाता है. ऐसे में सम्मान वापस कर कर सम्मान देने वाले व्यक्ति या आयोजक और उस सम्मान का आप अपमान करते हैं. अशोक चक्रधर भोपाल में आयोजित कवि समेलन और साहित्यकार सम्मान समारोह के दौरान मौजूद थे. इस दौरान ईटीवी भारत ने उनसे कई मुद्दों पर चर्चा की.Ashok Chakradhar's opinion on Hindi language, Padmashree Ashok Chakradhar, Ashok Chakradhar talks to ETV Bharat


फिल्मों के बॉयकॉट पर बोले अशोक चक्रधर: देश के अंदर फिल्मों के बॉयकॉट को लेकर भी अशोक चक्रधर ने अपनी बेबाक राय रखी. उनका कहना था कि इन फिल्मों का बॉयकॉट इसलिए हो रहा है, क्योंकि भूतकाल में या अभी के समय इनसे जुड़े कलाकार या लोगों ने इस तरह के बयान दिए हैं. जो जनता को पसंद नहीं आते. इसलिए इन कलाकारों को ऐसे बयानों से बचना चाहिए, नहीं तो इनकी फिल्मों का बायकॉट होगा

अशोक चक्रधर ने की ईटीवी भारत से बात

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हिंदी की स्थिति पर भी रखी बात: हिंदी दिवस के मौके पर भोपाल पहुंचे अशोक चक्रधर ने आज के समय में हिंदी की स्थिति पर भी अपनी बात रखी. अशोक चक्रधर का कहना है कि हिंदी पर हमें गर्व है, लेकिन यह किस मुकाम पर है, यह इसके आकलन को तय करता है. अगर हिंदी मन में ज्यादा बेहतर है और आपको हिंदी प्रिय हैं तो ऊंचे मुकाम पर है. वैसे भी आज के समय में सभी भाषाओं का मिलाजुला समावेश चल रहा है. सभी भाषाओं का उपयोग भी हो रहा है.

अंग्रेजी भाषा पर किया कटाक्ष: वहीं उन्होंने अंग्रेजी भाषा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अंग्रेजी भारतीय भाषा में स्थान नहीं ले सकती, वह तो सिर्फ भारत के शब्दों को ढूंढती हैं और अपने अंग्रेजी में शामिल कर लेती है. आज के समय में अंग्रेजी का 10,00000वां शब्द जय हो है, जो हिंदी का है.

समय के साथ बदलते रहना चाहिए: कवि सम्मेलनों के बदले मुकाम और माहौल पर भी अशोक चक्रधर ने अपने विचार रखे. उनका कहना था कि कवि सम्मेलनों में मंच पर लाफ्टर और कॉमेडी का भी उपयोग होता है, लेकिन यह समावेश आज की जरूरत है और जैसी जरूरत होगी वैसा प्रस्तुत किया जाएगा. समय के साथ सब बदलता है और हमें भी बदलना चाहिए.Ashok Chakradhar's opinion on Hindi language, Padmashree Ashok Chakradhar, Ashok Chakradhar talks to ETV Bharat

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