भोपाल। कोरोना संक्रमण के कारण भले ही यह साल खराब साबित हुआ हो, लेकिन प्रदेश के लिए गेहूं खरीदी के मामले में यह साल काफी बेहतर साबित हुआ है. क्योंकि इस साल देश में सबसे ज्यादा गेहूं खरीदी का रिकॉर्ड मध्य प्रदेश के नाम दर्ज हुआ है, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं खरीदी का रिकॉर्ड बनाने के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार धान की भी अब तक की सबसे बड़ी खरीद करने की तैयारी में जुट गई है. वहीं प्रदेश सरकार ने इस साल 40 लाख टन धान खरीदी करने का लक्ष्य रखा है.
प्रदेश में धान खरीदी का काम 25 नवंबर से शुरू हो जाएगा और इसके लिए किसानों को 15 अक्टूबर तक अपना पंजीयन कराना होगा. प्रदेशभर की मंडियों में धान की खरीदी का यह काम एक माह से अधिक समय तक चलेगा जिसकी तैयारियों के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं.
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कृषि सहकारिता और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि, कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी तरह की सावधानियां बरती जाएं और किसी भी तरह की लापरवाही ना बरती जाए साथ ही किसानों की धान खरीदी के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जाएं.
बता दे इस साल अच्छे मानसून की वजह से प्रदेश में 145 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बोवनी की गई है. सोयाबीन के बाद धान का रकबा प्रदेश में सर्वाधिक है, लेकिन अति वर्षा और बाढ़ की वजह से 16 लाख किसानों की फसलें प्रभावित हुई हैं. ज्यादातर जगह धान की फसल काफी अच्छी रही है, जिसे देखते हुए कृषि विभाग का अनुमान है कि इस बार उत्पादन अच्छा होगा. इस आधार पर खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग ने धान खरीदी की तैयारियां शुरू कर दी हैं, और केंद्र सरकार को लक्ष्य स्वीकृति का प्रस्ताव भी भेजा गया है.
इसके अलावा अरहर खरीदने के लिए 376 करोड़ रुपए उड़द के लिए 760 करोड़ रुपए और मूंग के लिए 24 करोड़ रुपए की खरीदी का प्रस्ताव बनाया गया है. जानकारी के मुताबिक प्रदेश में हुई अच्छी बारिश के बाद अच्छी खरीदी की संभावनाओं को देखते हुए केंद्र भी बढ़ाने की तैयारी की जा रही है, साथ ही धान भरने के लिए प्लास्टिक की बोरी का उपयोग किया जाएगा धान के सुरक्षित भंडारण के लिए गोदामों की व्यवस्था भी बेहतर करने का काम शुरू कर दिया गया है.