ETV Bharat / state

हमारी संस्था ने हिंदू, मुस्लिम, ईसाई सभी ढोंगियों का किया है भंडाफोड़, बोले सुरेश झुरमुरे-अंधश्रद्धा से मुक्ति ही सबसे बड़ी देशभक्ति - ईश्वर का नहीं ढोंग का है विरोध

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के विरुद्ध नागपुर की संस्था अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष सुरेश झुरमुरे ने ईटीवी से खास बातचीत के दौरान कहा है कि अंधश्रद्धा से मुक्ति ही सबसे बड़ी देशभक्ति है. उनकी संस्था आज भी 30 लाख रुपए की चुनौती पर कायम है. बोले, हमने हिंदू, मुस्लिम और ईसाई सभी समुदाय के ढोंगियों का भंडाफोड़ किया है. साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि हम धीरेंद्र शास्त्री की रामभक्ति का विरोध नहीं कर रहे हैं.

bageshwar dham dhirendra Krishna Shastri
अंधश्रद्धा से मुक्ति ही सबसे बड़ी देशभक्ति सुरेश झुरमुरे
author img

By

Published : Jan 23, 2023, 4:31 PM IST

भोपाल/नागपुर। बाबा बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री के बहाने अंधश्रध्दा को लेकर पूरे देश में छिड़ी बहस के साथ अब सनातन हिंदू को निशाना बनाने के आरोप लगाए जा रहे हैं. अंधश्रध्दा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष सुरेश झुरमुरे इस बयान के साथ सामने आए हैं कि इस समय में अंधश्रध्दा से मुक्ति सबसे बड़ी देशभक्ति है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में झुरमुरे ने कहा कि जो आरोप हम पर लगाया जा रहा है कि समिति हिंदू आस्था पर हमला कर रही है, हमारा ये कहना है कि हम अंधविश्वास से हिंदुओं को नहीं तो किसे बचाएंगे.

bageshwar dham dhirendra Krishna Shastri
हमारी संस्था ने हिंदू, मुस्लिम, ईसाई सभी ढोंगियों का किया है भंडाफोड़

ईश्वर का नहीं ढोंग का है विरोधः अंधश्रध्दा निर्मुलन समिति भले अभी चर्चा में आई हो लेकिन महाराष्ट्र में ये संस्था बीते चालीस सालों से काम कर रही है. सुरेश झुरमुरे बताते हैं, हमने हिंदू, मुस्लिम, इसाई सबका भंडाफोड़ किया है. अंधश्रध्दा से मुक्ति सबसे बड़ी देशभक्ति है. वे कहते हैं महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के बाहर सात-आठ राज्यों में हमारी समिति काम करती है. झुरमुरे के मुताबिक हमारा विरोध ईश्वर का है ही नहीं. हमारा विरोध ढोंग और पाखंड के विरुद्ध है. वैज्ञानिक सोच का निर्माण करना हम सबकी जिममेदारी है. संविधान में 51 एएच में इसका उल्लेख है. हमने कई देवियों और बाबाओं का भंडाफोड़ किया है. माहारष्ट्र में 2013 में अंधविश्वास के खिलाफ जादू टोने के खिलाफ कानून पारित हुआ. इस कानून को सभी दलों का इसे समर्थन भी मिला है. झुरमुरे कहते हैं अंधविश्वास के खिलाफ इस लड़ाई में श्याम मानव की भूमिका अहम है. 1982 में उनके प्रयासों से नागपुर में समिति गठित हुई, जिसकी बदौलत इस कानून का ठीक ढंग से अमल हो पाया.

विवादों में Bageshwar Dham के सरकार! किसी ने जताया विरोध, किसी ने किया समर्थन

ढोंगी बाबाओं को हो सकती है सात साल की सजाः सुरेश झुरमुरे बताते हैं अंधविश्वास विरोधी कानून के के तहत 6 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है. इसके साथ पांच हजार से पचास हजार तक के दंड का प्रावधान है. झुरमुरे के अनुसार महाराष्ट्र में इसके विशेष प्रयास हुए कि कानून बनने के बाद इसका अमल नीचे तक हो. इसके लिए समिति गठित की गई. सामाजिक न्याय विभाग के कैबिनेट मंत्री इसके अध्यक्ष हैं.

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की राम भक्ति का विरोध नहींः सुरेश झुरमुरे ईटीवी भारत से बातचीत में कहते हैं बाबा धीरेंद्र महाराज की राम भक्ति का विरोध नहीं है. हम धर्म के खिलाफ तो हैं ही नहीं. हमने धर्म के आधार पर कभी किसी का विरोध नहीं किया. ये तो संविधान ने हर व्यक्ति को अधिकार दिया है पूजा स्वातंत्र अधिकार है. लेकिन धीरेंद्र महाराज ने नागपुर में दिव्य दरबार के दौरान प्रेत दरबार लगाया था. दिव्य शक्ति से बताया कि तुम्हारा नाम जान सकते हैं. जो भ्रम फैलाया, ये गलत है, भूत-प्रेत की बात कही ये गलत है.

समिति ने हिंदू, मुस्लिम, इसाई सबका भंडाफोड़ कियाः सुरेश झुरमुरे फिर वही बात दोहराते हुए कहते हैं कि अब भी तीस लाख रुपए की चुनौती दिए हुए हैं. सच में दिव्य शक्ति है तो महाराज नागपुर आएं. दूध का दूध पानी का पानी कर दें. हमने तो यही कहा था, लेकिन बाबा भाग गए. दूसरा हमारी समिति ने हिंदू, मुस्लिम, इसाई सबका भंडाफोड़ किया है. झुरमुरे कहते हैं अब कहा जा रहा है कि हम हिंदू धर्म पर हमला कर रहे हैं. बल्कि हकीकत ये है कि हम हिंदू धर्म को अंधविश्वास से बचा रहे हैं.

भोपाल/नागपुर। बाबा बागेश्वर धाम धीरेंद्र शास्त्री के बहाने अंधश्रध्दा को लेकर पूरे देश में छिड़ी बहस के साथ अब सनातन हिंदू को निशाना बनाने के आरोप लगाए जा रहे हैं. अंधश्रध्दा निर्मूलन समिति के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष सुरेश झुरमुरे इस बयान के साथ सामने आए हैं कि इस समय में अंधश्रध्दा से मुक्ति सबसे बड़ी देशभक्ति है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में झुरमुरे ने कहा कि जो आरोप हम पर लगाया जा रहा है कि समिति हिंदू आस्था पर हमला कर रही है, हमारा ये कहना है कि हम अंधविश्वास से हिंदुओं को नहीं तो किसे बचाएंगे.

bageshwar dham dhirendra Krishna Shastri
हमारी संस्था ने हिंदू, मुस्लिम, ईसाई सभी ढोंगियों का किया है भंडाफोड़

ईश्वर का नहीं ढोंग का है विरोधः अंधश्रध्दा निर्मुलन समिति भले अभी चर्चा में आई हो लेकिन महाराष्ट्र में ये संस्था बीते चालीस सालों से काम कर रही है. सुरेश झुरमुरे बताते हैं, हमने हिंदू, मुस्लिम, इसाई सबका भंडाफोड़ किया है. अंधश्रध्दा से मुक्ति सबसे बड़ी देशभक्ति है. वे कहते हैं महाराष्ट्र और महाराष्ट्र के बाहर सात-आठ राज्यों में हमारी समिति काम करती है. झुरमुरे के मुताबिक हमारा विरोध ईश्वर का है ही नहीं. हमारा विरोध ढोंग और पाखंड के विरुद्ध है. वैज्ञानिक सोच का निर्माण करना हम सबकी जिममेदारी है. संविधान में 51 एएच में इसका उल्लेख है. हमने कई देवियों और बाबाओं का भंडाफोड़ किया है. माहारष्ट्र में 2013 में अंधविश्वास के खिलाफ जादू टोने के खिलाफ कानून पारित हुआ. इस कानून को सभी दलों का इसे समर्थन भी मिला है. झुरमुरे कहते हैं अंधविश्वास के खिलाफ इस लड़ाई में श्याम मानव की भूमिका अहम है. 1982 में उनके प्रयासों से नागपुर में समिति गठित हुई, जिसकी बदौलत इस कानून का ठीक ढंग से अमल हो पाया.

विवादों में Bageshwar Dham के सरकार! किसी ने जताया विरोध, किसी ने किया समर्थन

ढोंगी बाबाओं को हो सकती है सात साल की सजाः सुरेश झुरमुरे बताते हैं अंधविश्वास विरोधी कानून के के तहत 6 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा का प्रावधान है. इसके साथ पांच हजार से पचास हजार तक के दंड का प्रावधान है. झुरमुरे के अनुसार महाराष्ट्र में इसके विशेष प्रयास हुए कि कानून बनने के बाद इसका अमल नीचे तक हो. इसके लिए समिति गठित की गई. सामाजिक न्याय विभाग के कैबिनेट मंत्री इसके अध्यक्ष हैं.

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र शास्त्री की राम भक्ति का विरोध नहींः सुरेश झुरमुरे ईटीवी भारत से बातचीत में कहते हैं बाबा धीरेंद्र महाराज की राम भक्ति का विरोध नहीं है. हम धर्म के खिलाफ तो हैं ही नहीं. हमने धर्म के आधार पर कभी किसी का विरोध नहीं किया. ये तो संविधान ने हर व्यक्ति को अधिकार दिया है पूजा स्वातंत्र अधिकार है. लेकिन धीरेंद्र महाराज ने नागपुर में दिव्य दरबार के दौरान प्रेत दरबार लगाया था. दिव्य शक्ति से बताया कि तुम्हारा नाम जान सकते हैं. जो भ्रम फैलाया, ये गलत है, भूत-प्रेत की बात कही ये गलत है.

समिति ने हिंदू, मुस्लिम, इसाई सबका भंडाफोड़ कियाः सुरेश झुरमुरे फिर वही बात दोहराते हुए कहते हैं कि अब भी तीस लाख रुपए की चुनौती दिए हुए हैं. सच में दिव्य शक्ति है तो महाराज नागपुर आएं. दूध का दूध पानी का पानी कर दें. हमने तो यही कहा था, लेकिन बाबा भाग गए. दूसरा हमारी समिति ने हिंदू, मुस्लिम, इसाई सबका भंडाफोड़ किया है. झुरमुरे कहते हैं अब कहा जा रहा है कि हम हिंदू धर्म पर हमला कर रहे हैं. बल्कि हकीकत ये है कि हम हिंदू धर्म को अंधविश्वास से बचा रहे हैं.

For All Latest Updates

TAGGED:

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.