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IAS अफसर की मौत के 7.5 साल बाद परिजनों को मिलेगा एक करोड़ मुआवजा - death of IAS officer

मध्यप्रदेश कैडर के IAS अधिकारी टी धर्मराव की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद उनके परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा दिए जाने के आदेश राजधानी की विशेष अदालत ने दिए हैं. जानिए पूरी खबर

Order of one crore compensation to family after 7 and a half years of death of IAS officer
IAS अफसर की मौत के साढ़े 7 साल बाद परिजनों को एक करोड़ मुआवजे का आदेश
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Published : Jan 29, 2021, 5:30 PM IST

Updated : Jan 29, 2021, 9:37 PM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश कैडर के IAS अधिकारी टी धर्मराव की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद उनके परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा दिए जाने के आदेश राजधानी की विशेष अदालत ने दिए हैं. यह मुआवजा नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड भुगतान करेगी. साल 2013 में 3 आईएएस अफसरों का परिवार लेह लद्दाख घूमने गया था. जहां सड़क दुर्घटना में आईएएस अधिकारी टी धर्माराव और उनकी पत्नी समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी.

तत्कालीन गृहमंत्री के ओएसडी और उनकी पत्नी को भी मुआवजा

दरअसल साल 2013 में तीन अफसरों का परिवार लेह लद्दाख घूमने गया था. जिसमें टी धर्मा राव अशोक अवस्थी और शिवेंद्र सिंह के परिवार शामिल थे. इस दौरान तीनों परिवार इनोवा कार में बैठकर लेह-खारदुंगला जा रहे थे. लेकिन कार चालक की लापरवाही से कार 300 फीट गहरी खाई में नीचे जा गिरी. जिसमें टी धर्मा राव उनकी पत्नी विद्या राव और कुमुद सिंह की मौत हो गई थी. इस दुर्घटना में सुरेंद्र सिंह अशोक अवस्थी और मंजरी अवस्थी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस मामले में मुआवजे को लेकर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने इंश्योरेंस कंपनी को टी धर्मा राव के परिजनों को एक करोड़ रुपए और अशोक अवस्थी और उनकी पत्नी को 8 लाख 81 हजार रुपए के भुगतान करने का आदेश दिया है. वहीं मृतक कुमुद सिंह के परिजनों को 5 लाख 57 हजार रुपए दिए जाने के आदेश दिए गए हैं.

साढ़े 7 साल बाद कोर्ट ने दिए आदेश

मृतकों की परिजनों की ओर से राजधानी की विशेष अदालत में एडवोकेट एलबी यादव ने कोर्ट में दावा पेश किया था. एडवोकेट की ओर से आईएएस अधिकारी टी धर्मा राव की मौत को लेकर क्षतिपूर्ति में तीन करोड़ की राशि का दावा अदालत में पेश किया गया था. जिसके बाद मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण की पीठासीन अधिकारी कविता वर्मा ने सभी मामलों में सुनवाई करते हुए नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को राशि का भुगतान करने के आदेश दिए. ये सुनवाई पूरे साढ़े 7 साल चली.

कार मालिक और इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ किया था दावा पेश

दरअसल एडवोकेट बीएल यादव ने भोपाल की विशेष अदालत में कार मालिक, कार ड्राइवर और कार का इंश्योरेंस कवर करने वाली कंपनी नेशनल इंश्योरेंस लिमिटेड के खिलाफ कोर्ट में दावा पेश किया था. हालांकि दुर्घटना में कार ड्राइवर की भी मौत हो गई थी. एडवोकेट में क्षतिपूर्ति में तीन करोड़ की मुआवजा राशि का दावा पेश किया था. जिसके बाद विशेष अदालत में लगातार इस मामले को लेकर सुनवाई चलती रही और अब मोटर दुर्घटना अधिकरण कि पीठासीन अधिकारी ने इंश्योरेंस कंपनी को भुगतान करने के आदेश दिए हैं.

भोपाल: मध्यप्रदेश कैडर के IAS अधिकारी टी धर्मराव की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद उनके परिजनों को एक करोड़ का मुआवजा दिए जाने के आदेश राजधानी की विशेष अदालत ने दिए हैं. यह मुआवजा नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड भुगतान करेगी. साल 2013 में 3 आईएएस अफसरों का परिवार लेह लद्दाख घूमने गया था. जहां सड़क दुर्घटना में आईएएस अधिकारी टी धर्माराव और उनकी पत्नी समेत तीन लोगों की मौत हो गई थी.

तत्कालीन गृहमंत्री के ओएसडी और उनकी पत्नी को भी मुआवजा

दरअसल साल 2013 में तीन अफसरों का परिवार लेह लद्दाख घूमने गया था. जिसमें टी धर्मा राव अशोक अवस्थी और शिवेंद्र सिंह के परिवार शामिल थे. इस दौरान तीनों परिवार इनोवा कार में बैठकर लेह-खारदुंगला जा रहे थे. लेकिन कार चालक की लापरवाही से कार 300 फीट गहरी खाई में नीचे जा गिरी. जिसमें टी धर्मा राव उनकी पत्नी विद्या राव और कुमुद सिंह की मौत हो गई थी. इस दुर्घटना में सुरेंद्र सिंह अशोक अवस्थी और मंजरी अवस्थी गंभीर रूप से घायल हो गए थे. इस मामले में मुआवजे को लेकर सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद विशेष अदालत ने इंश्योरेंस कंपनी को टी धर्मा राव के परिजनों को एक करोड़ रुपए और अशोक अवस्थी और उनकी पत्नी को 8 लाख 81 हजार रुपए के भुगतान करने का आदेश दिया है. वहीं मृतक कुमुद सिंह के परिजनों को 5 लाख 57 हजार रुपए दिए जाने के आदेश दिए गए हैं.

साढ़े 7 साल बाद कोर्ट ने दिए आदेश

मृतकों की परिजनों की ओर से राजधानी की विशेष अदालत में एडवोकेट एलबी यादव ने कोर्ट में दावा पेश किया था. एडवोकेट की ओर से आईएएस अधिकारी टी धर्मा राव की मौत को लेकर क्षतिपूर्ति में तीन करोड़ की राशि का दावा अदालत में पेश किया गया था. जिसके बाद मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण की पीठासीन अधिकारी कविता वर्मा ने सभी मामलों में सुनवाई करते हुए नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को राशि का भुगतान करने के आदेश दिए. ये सुनवाई पूरे साढ़े 7 साल चली.

कार मालिक और इंश्योरेंस कंपनी के खिलाफ किया था दावा पेश

दरअसल एडवोकेट बीएल यादव ने भोपाल की विशेष अदालत में कार मालिक, कार ड्राइवर और कार का इंश्योरेंस कवर करने वाली कंपनी नेशनल इंश्योरेंस लिमिटेड के खिलाफ कोर्ट में दावा पेश किया था. हालांकि दुर्घटना में कार ड्राइवर की भी मौत हो गई थी. एडवोकेट में क्षतिपूर्ति में तीन करोड़ की मुआवजा राशि का दावा पेश किया था. जिसके बाद विशेष अदालत में लगातार इस मामले को लेकर सुनवाई चलती रही और अब मोटर दुर्घटना अधिकरण कि पीठासीन अधिकारी ने इंश्योरेंस कंपनी को भुगतान करने के आदेश दिए हैं.

Last Updated : Jan 29, 2021, 9:37 PM IST
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