भोपाल। सूडान में फंसे भारतीय व्यापारी जयंत केवलानी भोपाल पहुंच गए हैं. आज सुबह की फ्लाइट से वह दिल्ली से भोपाल पहुंचे. इस दौरान एयरपोर्ट पर उनके परिवार ने जोरदार स्वागत किया. हालांकि परिजन बेहद भावुक नजर आए और घर के चिराग के लौटने पर आंखों से खुशी के आंसू भी छलक आए. जयंत ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि एक समय तो ऐसा लग रहा था कि बचेंगे भी कि नहीं, लेकिन भारत सरकार पर उन्होंने भरोसा नहीं छोड़ा था. उन्हे पूरा यकीन था कि देश की सरकार वापस लेकर आएगी, ठीक वैसे ही जैसे अब तक युद्धग्रस्त देशों से भारतीयों को निकाल कर लाती रही है. जयंत ने कहा कि जिस तरह से वहां पर उनके दिन और रात गुजरे, अधिकतर समय दहशत में ही रहा. बाहर गोलियों की आवाजें आती रहती थीं और अंदर डर और भय का माहौल था.
सूडान में बिजली-पानी की दिक्कत: जयंत केवलानी बताते हैं कि ''उनके साथ में कई भारतीय लोग भी थे और सभी एक दूसरे को ढांढस बंधा रहे थे कि भारत सरकार निश्चित तौर पर उन्हें इवैक्यूवेट करेगी, स्वदेश वापसी होगी.'' जयंत बताते हैं कि वहां पर बिजली और पानी की शुरू में बहुत दिक्कत आ रही थी. लेकिन धीरे-धीरे सभी इंतजाम हो गए. जितने लोग सूडान में साथ में थे वह सभी एक दूसरे का सहयोग कर रहे थे.'' जयंत ने कहा जब वह सूडान पहुंचे थे तो उन्हें पता नहीं था कि हालात इस तरह से खराब हो जाएंगे. फिर उन्होंने परिवार से संपर्क किया, लेकिन परिवार को ज्यादा जानकारी नहीं दी, क्योंकि परिवार में भी डर और दहशत का माहौल था.''
इनवर्टर और कार की बैटरी से करते थे मोबाइल चार्ज: जयंत बताते हैं कि ''सूडान में चल रहे युद्ध के चलते वहां पर बिजली भी कई बार कट हो गई थी. ऐसे में वहां जितने भारतीय फंसे थे वह सभी इनवर्टर और कार की बैटरी से मोबाइल चार्ज करते थे. क्योंकि मोबाइल ही एक सहारा था जिससे परिवार से संपर्क किया जा सके.'' जयंत ने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और कहा कि ''उनके कारण ही भारतीय लोग वापस यहां आ पाए हैं. जयंत को उम्मीद है कि अन्य लोग जो वहां अभी भी फंसे हैं, जल्द से जल्द भारत सकुशल आ जाएंगे. जयंत ने मीडिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भी धन्यवाद दिया.''
बेटे के आने की खुशी सबसे ज्यादा: इधर जयंत के माता पिता बेटे के वापस आने पर बेहद खुश हैं. जयंत की मां कहती हैं कि ''सबसे पहले वह मंदिर गईं और अब जयंत को हलवा बनाकर खिलाएंगी. उसके पहले भगवान को भोग लगाएंगे, बेटे के आने की खुशी सबसे ज्यादा हैं.'' वहीं जयंत के पिता नरेंद्र कहते हैं कि ''पिछले कई दिन किस तरह से गुजरे वह उनका परिवार ही जानता है, डर और दहशत थी, क्योंकि घर का इकलौता बेटा वहां फंसा हुआ था. लेकिन अब वह आ गया है, ऐसे में भगवान के साथ सभी का धन्यवाद जिन्होंने जयंत की वापसी में सहयोग किया है.''
Also Read: संबंधित इन खबरों को भी पढ़ें |
खुशी से झूम उठी बहन: जयंत की बहन वंशिका बताती हैं कि ''भाई ने जब जेद्दाह से अपनी सेल्फी हमें भेजी थी, तो थोड़ा सुकून हो गया था, लेकिन उससे ज्यादा बात नहीं हो पाई, क्योंकि वहां पर नेटवर्क का इश्यू था. कंट्री चेंज होने के चलते नेटवर्क में प्रॉब्लम आ रही थी. ऐसे में कई बार जयंत का मोबाइल स्विच ऑफ बताता रहा. फिर दिल्ली आने पर जयंत ने मैसेज कर बताया कि वह सुरक्षित पहुंच गया है और उसके साथी भी सुरक्षित हैं, अब भाई साथ में है तो खुशी के साथ सुकून भी है.''
जयंत से मिले विधायक रामेश्वर शर्मा: क्षेत्र के विधायक रामेश्वर शर्मा जयंत से मिलने उसके घर पहुंचे. रामेश्वर शर्मा ने जयंत का स्वागत किया और कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सब चीजें संभव हैं, उन्होंने पूरे परिवार को शुभकामनाएं दीं.