भोपाल(Bhopal)।कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान प्रदेश लौटे श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए रोजगार सेतु पोर्टल बनाया गया. नौकरी की आस में इस पोर्टल पर प्रदेश के 7 लाख 27 हजार लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. लेकिन इसमें से सिर्फ 44 हजार 775 लोगों को ही रोजगार मिला. यह स्थिति तब है जब लोगों को रोजगार देने के लिए श्रम विभाग ने पोर्टल से अलग-अलग क्षेत्रों के 37 हजार 88 नियोक्ताओं को जोड़ा है.
रोजगार पोर्टल से श्रमिकों को मिलेगा रोजगार
कोरोना वायरस के चलते देश के अलग-अलग राज्यों में काम करने वाले करीब 14 लाख श्रमिक मध्यप्रदेश वापस लौटे थे. इन श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए राज्य सरकार ने श्रमिकों की मैपिंग कराकर कौशल के आधार पर रोजगार देने के लिए पोर्टल लॉन्च करने का दावा किया था.इसके माध्यम से श्रमिकों को मध्यप्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.अलग-अलग कौशल के हिसाब से रोजगार उपलब्ध कराने रोजगार सेतु पोर्टल पर 727058 श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन कराया गया.श्रमिकों को रोजगार देने के लिए से 30088 नियुक्त अभी जोड़े गए. इनमें बड़े उद्योग 602 एमएसएमई 4901 प्लेसमेंट एजेंसी 684 ठेकेदार 7068 बिल्डर 656 है दूसरी लहर में 44300 श्रमिकों का पंजीयन कराया गया था. लेकिन अभी तक सिर्फ 44775 श्रमिकों के हाथों को काम ही मिल पाया है. वहीं 46944 श्रमिकों को अभी ऑफर लेटर मिलने का इंतजार है.
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कोरोना की पहली लहर में रोजगार सेतु पोर्टल पर रजिस्टर्ड हुए 727058
कोरोना की दूसरी लहर में पंजीकृत हुए 44302 श्रमिक
रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में गए 7398 श्रमिक
प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने वाले नियोक्ता से 37088
रोजगार मिला 44775
40944 श्रमिकों को ऑफर लेटर का इंतजार
वापस लौटे श्रमिकों के बच्चों का नहीं हो सका दाखिला
कोरोना की पहली और दूसरी लहर में प्रवासी श्रमिकों के साथ 5 से 18 साल तक की 2 लाख 6 हजार 425 बच्चे भी थे. लेकिन इनमें से सिर्फ 82 हजार 387 बच्चों का ही स्कूल में दाखिला कराया जा सका .जबकि एक लाख 31 हजार 40 बच्चों को शालाओं में प्रवेश के लिए लक्षित किया गया है. उधर रोजगार हेतु पोर्टल के माध्यम से श्रमिकों को रोजगार न मिलने के सवाल पर विभाग के प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा कहते हैं कि विभाग ने रोजगार मेले की मदद से रोजगार देने के लिए पत्र लिखा है. प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का काम पंचायत रोजगार विभाग का है.