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आज से MP में ऑनलाइन क्लासेस रहेंगी बंद, AUPS का फैसला - स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार

प्रदेश में 15 दिसंबर 2020 से ऑनलाइन क्लासेस नहीं लगेंगी, जिसका फैसला एसोसिएशन ऑफ अन-एडेड प्राइवेट स्कूल मध्यप्रदेश द्वारा लिया गया है. पढ़िए पूरी खबर...

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15 दिसंबर से बंद होगी ऑनलाइन क्लासेस
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Published : Dec 14, 2020, 8:53 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 6:35 AM IST

भोपाल। एसोसिएशन ऑफ अन-एडेड प्राइवेट स्कूल मध्यप्रदेश (AUPSMP) ने ऑनलाइन क्लासेस नहीं लेने का फैसला लिया है. एसोसिएशन का आरोप है कि, उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते 15 दिसंबर 2020 से ऑनलाइन क्लासेस नहीं चलाने का फैसला लिया गया है.

बता दें कि, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मुलाकात हो चुकी है, लेकिन कोई समस्या का हल नहीं निकला.

15 दिसंबर से बंद होगी ऑनलाइन क्लासेस

ये हैं 11 प्रमुख मांगें

1. सरकार 31 मार्च 2021 तक पहली से आठवीं कक्षा तक स्कूल बंद रखे जाने का फैसला तत्काल वापस ले.

2. 9वीं से 12वीं तक की क्लासेस खोली जाए, क्योंकि कक्षा पहली से 8वीं तक कक्षा बंद होने के चलते क्लास खाली पड़ी है. इन क्लासेस में शारीरिक दूरी के नियमानुसार कक्षाओं में बिठाया जा सकता है.

3. नियमित स्कूल के साथ-साथ ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर पाना किसी भी विद्यालय के लिए संभव नहीं है. इसे समाप्त किया जाए. साथ ही पालकों से लिखित सहमति लेने की आवश्यकता को भी शिथिल किया जाए, क्योंकि उनकी सहमति के बिना छात्र वैसे भी स्कूल नहीं आ सकेंगे.

4. दिसंबर माह में कक्षा 9वीं से 12वीं की कक्षाओं के सफलतापूर्वक संचालन के बाद कक्षा छठवीं से आठवीं तक के स्कूल 4 जनवरी 2021 से खोले जाएं.

5. पहली से 5वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेस पहले की तरह चालू रहे. इन कक्षाओं को शुरू करने का फैसला 15 जनवरी 2021 के बाद लिया जाए.

6. सभी प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन शिक्षण के साथ-साथ टेस्ट और परीक्षाएं भी ले रहे हैं. इसलिए सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों की अगली कक्षा में पदोन्नति ऑफलाइन, ऑनलाइन असाइनमेंट सहित असेसमेंट पर आधारित हो. केवल प्रोजेक्ट वर्क पर आधारित जनरल प्रोमोशन किसी भी सूरत में न दिया जाए.

7. शिक्षण संस्थानों के बिजली बिल उपयोग के अनुसार लेते हुए पुराने बिल समायोजित किए जाए. संपत्ति कर, स्कूल के वाहनों का रोड टैक्स और परमिट शुल्क साल 2020-21 का शून्य किया जाए.

8. उच्च न्यायलय के निर्णयानुसार सभी विद्यालय शिक्षण शुल्क के साथ-साथ परीक्षा शुल्क भी लेने के अधिकारी हैं. इसलिए परीक्षा शुल्क लेने की छूट दी जाए. साथ ही नियमित स्कूल खुलने पर वार्षिक, विकास शुल्क सहित ट्रांसपोर्ट फीस लेने की अनुमति दी जाए.

9. राज्य सरकार और उच्च न्यायालय के आदेशानुसार जो पालक अपने बच्चों का शिक्षण शुल्क अभी भी जमा नहीं कर रहे हैं, उन्हें अगली कक्षा में किसी भी सूरत में प्रमोट न किया जाए.

10. सरकार प्राइवेट स्कूल संचालकों के साथ मिलकर मंथन करे, ताकि प्रदेश में विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की अकादमिक क्षति न हो.

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने लगाया आरोप

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि, पिछले चार दिनों से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन की मांग कर रहे थे, लेकिन अनुमति नहीं मिली. इसलिए अब कलेक्टर के सामने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे.

गौरतलब है कि, कोरोना संकट के चलते सरकार ने 31 मार्च तक क्लासेस नहीं लगाने का फैसला लिया है. स्कूल में क्लासेस नहीं लगने की वजह से अब तक ऑनलाइन क्लासेस लग रही थी, लेकिन उस पर भी अब ग्रहण लगता हुआ नजर आ रहा हैं.

भोपाल। एसोसिएशन ऑफ अन-एडेड प्राइवेट स्कूल मध्यप्रदेश (AUPSMP) ने ऑनलाइन क्लासेस नहीं लेने का फैसला लिया है. एसोसिएशन का आरोप है कि, उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है, जिसके चलते 15 दिसंबर 2020 से ऑनलाइन क्लासेस नहीं चलाने का फैसला लिया गया है.

बता दें कि, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार से एसोसिएशन के पदाधिकारियों की मुलाकात हो चुकी है, लेकिन कोई समस्या का हल नहीं निकला.

15 दिसंबर से बंद होगी ऑनलाइन क्लासेस

ये हैं 11 प्रमुख मांगें

1. सरकार 31 मार्च 2021 तक पहली से आठवीं कक्षा तक स्कूल बंद रखे जाने का फैसला तत्काल वापस ले.

2. 9वीं से 12वीं तक की क्लासेस खोली जाए, क्योंकि कक्षा पहली से 8वीं तक कक्षा बंद होने के चलते क्लास खाली पड़ी है. इन क्लासेस में शारीरिक दूरी के नियमानुसार कक्षाओं में बिठाया जा सकता है.

3. नियमित स्कूल के साथ-साथ ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन कर पाना किसी भी विद्यालय के लिए संभव नहीं है. इसे समाप्त किया जाए. साथ ही पालकों से लिखित सहमति लेने की आवश्यकता को भी शिथिल किया जाए, क्योंकि उनकी सहमति के बिना छात्र वैसे भी स्कूल नहीं आ सकेंगे.

4. दिसंबर माह में कक्षा 9वीं से 12वीं की कक्षाओं के सफलतापूर्वक संचालन के बाद कक्षा छठवीं से आठवीं तक के स्कूल 4 जनवरी 2021 से खोले जाएं.

5. पहली से 5वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए ऑनलाइन क्लासेस पहले की तरह चालू रहे. इन कक्षाओं को शुरू करने का फैसला 15 जनवरी 2021 के बाद लिया जाए.

6. सभी प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन शिक्षण के साथ-साथ टेस्ट और परीक्षाएं भी ले रहे हैं. इसलिए सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों की अगली कक्षा में पदोन्नति ऑफलाइन, ऑनलाइन असाइनमेंट सहित असेसमेंट पर आधारित हो. केवल प्रोजेक्ट वर्क पर आधारित जनरल प्रोमोशन किसी भी सूरत में न दिया जाए.

7. शिक्षण संस्थानों के बिजली बिल उपयोग के अनुसार लेते हुए पुराने बिल समायोजित किए जाए. संपत्ति कर, स्कूल के वाहनों का रोड टैक्स और परमिट शुल्क साल 2020-21 का शून्य किया जाए.

8. उच्च न्यायलय के निर्णयानुसार सभी विद्यालय शिक्षण शुल्क के साथ-साथ परीक्षा शुल्क भी लेने के अधिकारी हैं. इसलिए परीक्षा शुल्क लेने की छूट दी जाए. साथ ही नियमित स्कूल खुलने पर वार्षिक, विकास शुल्क सहित ट्रांसपोर्ट फीस लेने की अनुमति दी जाए.

9. राज्य सरकार और उच्च न्यायालय के आदेशानुसार जो पालक अपने बच्चों का शिक्षण शुल्क अभी भी जमा नहीं कर रहे हैं, उन्हें अगली कक्षा में किसी भी सूरत में प्रमोट न किया जाए.

10. सरकार प्राइवेट स्कूल संचालकों के साथ मिलकर मंथन करे, ताकि प्रदेश में विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की अकादमिक क्षति न हो.

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने लगाया आरोप

एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि, पिछले चार दिनों से शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन की मांग कर रहे थे, लेकिन अनुमति नहीं मिली. इसलिए अब कलेक्टर के सामने अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन करेंगे.

गौरतलब है कि, कोरोना संकट के चलते सरकार ने 31 मार्च तक क्लासेस नहीं लगाने का फैसला लिया है. स्कूल में क्लासेस नहीं लगने की वजह से अब तक ऑनलाइन क्लासेस लग रही थी, लेकिन उस पर भी अब ग्रहण लगता हुआ नजर आ रहा हैं.

Last Updated : Dec 15, 2020, 6:35 AM IST
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