भोपाल। एम्स में एक हजार लीटर क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ हुआ. इस दौरान चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) भी मौजूद रहे. इस प्लांट के माध्यम से एम्स के मरीजों को ऑक्सीजन की सुविधा मुहैया कराई जाएगी. इस मौके पर मंत्री सारंग ने कहा कि एक समय कोविड में लोगों ने ऑक्सीजन की कमी को देखा और महसूस किया है. इस प्लांट के माध्यम से आने वाले समय में अब मरीजों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होगी.
ट्रॉमा, इमरजेंसी ब्लॉक को होगी ऑक्सीजन की आपूर्ति
मंत्री विश्वास सारंग और एम्स भोपाल अध्यक्ष प्रो. वायके गुप्ता ने पीएसए प्लांट यानी ऑक्सीजन जनरेटिंग प्लांट का उद्घाटन एम्स परिसर में किया. अब एम्स भोपाल में ऑक्सीजन संसाधनों को मजबूत किया जाएगा. प्लांट एक हजार लीटर क्षमता का है, जो ट्रॉमा और इमरजेंसी ब्लॉक को ऑक्सीजन की आपूर्ति करेगा.
वातावरण की हवा से बनेगी ऑक्सीजन
ऑक्सीजन पैदा करने वाला संयंत्र वातावरण की हवा से ऑक्सीजन का उत्पादन करता है. मशीन हवा को कंप्रेसर से खिंचती है, जो ड्रायर, कार्बन और जिओलाइट फिल्टर की एक श्रृंखला के माध्यम से मशीन में पहुंचती है और हवा की सभी अशुद्धता और नाइट्रोजन को हटा देती है. इससे 93-96% शुद्ध ऑक्सीजन का उत्पादन होता है. इस प्लांट से एम्स भोपाल में लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन पर निर्भरता कम होगी.
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अब एम्स भोपाल में ऑक्सीजन संसाधनों के अलग-अलग तौर-तरीके होंगे. ऑक्सीजन सिलेंडर, मैनिफोल्ड, 30 केएल का लिक्विड मेडिकल टैंक, पीएसए प्लांट और 150 से ज्यादा ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के माध्यम से ऑक्सीजन का परिवहन होगा.