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DGP की एडवाइजरी पर गृहमंत्री की खरी-खरी, कहा- जाति पूछकर नहीं की जाती कार्रवाई - dgp latter

डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी को एडवाइजरी जारी करके थानों में एससी- एसटी वर्ग के लोगों से सही व्यवहार करने का आदेश दिया, तो सियासी बवाल मच गया. एक तरफ कमलनाथ सरकार के मंत्री ओमकार सिंह मरकार ने डीजीपी का मसर्थन किया है, तो वहीं गृहमंत्री ने उन्हें खरी- खरी सुना दी.

डीजीपी के पत्र पर गृहमंत्री का बयान
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Published : Nov 6, 2019, 2:42 PM IST

भोपाल। डीजीपी वीके सिंह ने अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों से थानों में सही व्यवहार करने की एडवाइजरी जारी की, जिसको लेकर कांग्रेस सरकार में ही दो धड़े बन गए हैं. आदिवासी विकास विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकार ने डीजीपी का समर्थन किया तो वहीं गृहमंत्री ने नाराजगी जताई है, गृहमंत्री बाला बच्चन ने पूरे मामले पर कहा है कि थानों में लोगों की जाति पूछकर कार्रवाई नहीं की जाती है. साथ ही उन्होंने कहा है कि वो इस मामले में डीजीपी से बात करेंगे.

डीजीपी के पत्र पर गृहमंत्री का बयान

दरअसल डीजीपी वीके सिंह ने सभी जिलों के एसपी को एडवाइजरी कर सियासी बवाल खड़ा कर दिया गया है. डीजीपी ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का हवाला देते हुए निर्देश दिए हैं कि, हिरासत के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार या मारपीट ना की जाए. डीजीपी के इस पत्र से यह आशय निकाला जा रहा है कि सामान्य वर्ग के साथ मारपीट की जा सकती है.

मामले में गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा मध्यप्रदेश में जाति पूछकर कार्रवाई नहीं की जाती, बल्कि संवैधानिक व्यवस्था के आधार पर कार्रवाई की जाती है. उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए समान है. इस डीजीपी से इस संबंध में बात करेंगे कि उन्होंने किस आशय से यह पत्र लिखा है. वहीं बीजेपी के सवाल उठाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि, प्रदेश की सरकार बीजेपी के बयानों और उनकी इच्छा से नहीं चलेगी.

भोपाल। डीजीपी वीके सिंह ने अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों से थानों में सही व्यवहार करने की एडवाइजरी जारी की, जिसको लेकर कांग्रेस सरकार में ही दो धड़े बन गए हैं. आदिवासी विकास विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकार ने डीजीपी का समर्थन किया तो वहीं गृहमंत्री ने नाराजगी जताई है, गृहमंत्री बाला बच्चन ने पूरे मामले पर कहा है कि थानों में लोगों की जाति पूछकर कार्रवाई नहीं की जाती है. साथ ही उन्होंने कहा है कि वो इस मामले में डीजीपी से बात करेंगे.

डीजीपी के पत्र पर गृहमंत्री का बयान

दरअसल डीजीपी वीके सिंह ने सभी जिलों के एसपी को एडवाइजरी कर सियासी बवाल खड़ा कर दिया गया है. डीजीपी ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का हवाला देते हुए निर्देश दिए हैं कि, हिरासत के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार या मारपीट ना की जाए. डीजीपी के इस पत्र से यह आशय निकाला जा रहा है कि सामान्य वर्ग के साथ मारपीट की जा सकती है.

मामले में गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा मध्यप्रदेश में जाति पूछकर कार्रवाई नहीं की जाती, बल्कि संवैधानिक व्यवस्था के आधार पर कार्रवाई की जाती है. उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए समान है. इस डीजीपी से इस संबंध में बात करेंगे कि उन्होंने किस आशय से यह पत्र लिखा है. वहीं बीजेपी के सवाल उठाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि, प्रदेश की सरकार बीजेपी के बयानों और उनकी इच्छा से नहीं चलेगी.

Intro:भोपाल। अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों को हिरासत मैं लेने के मामले में डीजीपी की एडवाइजरी पर गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहां है कि जाति देखकर कार्रवाई नहीं की जाती है और इस मामले में वे डीजीपी को बुलाकर बात करेंगे।


Body:दरअसल डीजीपी वीके सिंह द्वारा सभी जिलों के एसपी को जारी की गई एडवाइजरी से मध्यप्रदेश में सियासी बवाल उठ खड़ा हुआ है। डीजीपी ने अपने पत्र में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग द्वारा हिरासत के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के साथ मारपीट करने पर कड़ी आपत्ति जताए जाने का हवाला देते हुए निर्देश दिए हैं कि पुलिस हिरासत में किसी भी अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार या मारपीट ना की जाए। डीजीपी के इस पत्र से यह आशय निकाला जा रहा है कि सामान्य वर्ग के साथ मारपीट की जा सकती है। हालांकि जब इसको लेकर गृहमंत्री बाला बच्चन से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा मध्यप्रदेश में जाति पूछ कर कार्रवाई नहीं की जाती बल्कि जो संवैधानिक व्यवस्था बनी है उसी के आधार पर पुलिस कार्रवाई करती है। गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि कानून सभी के लिए समान है और गे डीजीपी से इस संबंध में बात करेंगे कि उन्होंने किस आशय से यह पत्र लिखा है। मामले को लेकर बीजेपी द्वारा सवाल उठाए जाने गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि मध्य प्रदेश की सरकार बीजेपी के बयानों और उनकी इच्छा से नहीं चलेगी।


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