भोपाल। डीजीपी वीके सिंह ने अनुसूचित जाति-जनजाति के लोगों से थानों में सही व्यवहार करने की एडवाइजरी जारी की, जिसको लेकर कांग्रेस सरकार में ही दो धड़े बन गए हैं. आदिवासी विकास विभाग के मंत्री ओमकार सिंह मरकार ने डीजीपी का समर्थन किया तो वहीं गृहमंत्री ने नाराजगी जताई है, गृहमंत्री बाला बच्चन ने पूरे मामले पर कहा है कि थानों में लोगों की जाति पूछकर कार्रवाई नहीं की जाती है. साथ ही उन्होंने कहा है कि वो इस मामले में डीजीपी से बात करेंगे.
दरअसल डीजीपी वीके सिंह ने सभी जिलों के एसपी को एडवाइजरी कर सियासी बवाल खड़ा कर दिया गया है. डीजीपी ने राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का हवाला देते हुए निर्देश दिए हैं कि, हिरासत के दौरान अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों के साथ अभद्र व्यवहार या मारपीट ना की जाए. डीजीपी के इस पत्र से यह आशय निकाला जा रहा है कि सामान्य वर्ग के साथ मारपीट की जा सकती है.
मामले में गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा मध्यप्रदेश में जाति पूछकर कार्रवाई नहीं की जाती, बल्कि संवैधानिक व्यवस्था के आधार पर कार्रवाई की जाती है. उन्होंने कहा कि कानून सभी के लिए समान है. इस डीजीपी से इस संबंध में बात करेंगे कि उन्होंने किस आशय से यह पत्र लिखा है. वहीं बीजेपी के सवाल उठाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि, प्रदेश की सरकार बीजेपी के बयानों और उनकी इच्छा से नहीं चलेगी.