भोपाल। मध्य प्रदेश एनएसयूआई ने स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उच्च शिक्षा विभाग की इस योजना के अंतर्गत विद्यार्थियों के रोजगार संबंधी कार्यक्रमों को संचालित किया जाता था. मध्य प्रदेश एनएसयूआई ने उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त पर इस मामले में गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए हैं एवं राज्यपाल से शिकायत की है.
क्या है स्वामी विवेकानंद कैरियर मार्गदर्शन योजना
मध्य प्रदेश सरकार की उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत संचालित होने वाली ऐसी योजना की शुरुआत 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने की थी. इस योजना के तहत मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में प्रत्येक छात्र से प्रति वर्ष फीस ली जाती थी और उच्च शिक्षा विभाग रोजगार संबंधी कार्यक्रमों में यह राशि खर्च करता था.
उच्च शिक्षा आयुक्त पर गड़बड़ी के आरोप
मध्यप्रदेश एनएसयूआई के प्रदेश प्रवक्ता सुहृद तिवारी ने इस योजना की राशि में गड़बड़ी के आरोप उच्च शिक्षा विभाग के आयुक्त डॉ उमेश प्रताप सिंह पर लगाए हैं. एनएसयूआई का आरोप है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा ये राशि भोपाल में विभागीय स्तर पर जमा कराने के लिए कहा गया था. लेकिन उमेश प्रताप सिंह द्वारा पैसा व्यक्तिगत खातों में जमा कराकर करोड़ों रूपये की हेराफेरी की गई. एनएसयूआई ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को शिकायत कर जांच की मांग की है.
सरकार की मेहरबानी पर उठाए सवाल
एनएसयूआई प्रदेश प्रवक्ता सोहेल तिवारी ने कहा है कि आयुक्त डॉ. उमेश प्रताप सिंह पर पहले भी आर्थिक अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं. इस घोटाले के सूत्रधार भी वही बताए जा रहे हैं. इसके बावजूद सरकार इन्हें महत्वपूर्ण पद से नहीं हटा रही है.