भोपाल। किताबों की सूची नहीं देने और मनमर्जी की किताबें स्कूलों में चलाने के चलते जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने राजधानी के छह स्कूलों को नोटिस दिया है. कक्षाएं नहीं लगने के बावजूद मनमानी फीस वसूलने वाले निजी स्कूल अगले शेक्षणिक सत्र की शुरुवात होते ही एक बार फिर किताबों के नाम पर मोटी कमाई करने की तैयारी कर रहे हैं. नियमों के अनुसार निजी स्कूलों को जनवरी तक किताबों की सूची जारी करनी थी, लेकिन फरवरी आधा बीत जाने के बाद भी स्कूलों ने न तो सूची जारी की है और न ही यह स्पष्ट किया है कि पिछले वर्ष के किताबों के सेट में कोई बदलाव होगा या नहीं. इस मामले में सेट की सूची सार्वजनिक करने की मांग कर रहे छोटे किताब दुकानदारों ने छह स्कूलों की नामजद शिकायत की है.
15 जनवरी तक स्कूलों को देनी थी सूची
प्रदेश के निजी स्कूलों के प्रतिवर्ष यह शिकायते आती है कि कोर्स से हटके स्कूल अलग-अलग विषयों की किताब खरीदने के लिए अभिभावकों को परेशान करते हैं. इस वर्ष भी कोरोना के बीच स्कूल खुलने के साथ ही निजी स्कूलों ने किताबों को लेकर मनमानी शुरू कर दी है. स्कूल शिक्षा विभाग ने पिछले वर्ष से यह नियम लागू किया है, कि सभी निजी स्कूलों को किताबों की सूची विभाग के पोर्टल पर भेजनी होगी. इस वर्ष 15 जनवरी तक सूची मंगाई गई थी. लेकिन 1 माह बाद भी अब तक कई स्कूलों ने विभाग को सूची नहीं दी. इसी बीच कुछ स्कूलों की शिकायत जिला शिक्षा अधिकारी कार्यलय में आई जिसके बाद 6 निजी स्कूलों को नोटिस भेजा गया है.
भोपालः कोरोना काल में साफ-सफाई को लेकर लापरवाही, 12 स्कूलों को नोटिस जारी
छह निजी स्कूलों को नोटिस
जिला शिक्षा अधिकारी नितिन सक्सेना ने बताया कि निजी स्कूलों के खिलाफ अभी अभिभावकों की प्रतिवर्ष किताबों को लेकर शिकायते आती है. इस वर्ष भी जनवरी माह में कुछ स्कूलों की शिकायतें आई थी. जिनसे जवाब मांगा गया था और किताबों की सूची विभाग के पोर्टल पर सार्वजनिक करने को कहा गया था. लेकिन राजधानी के बड़े निजी स्कूल जिसमें सागर पब्लिक, डीपीएस, संस्कार वेली शामिल हैं. ऐसे 6 स्कूलों को सूची नहीं देने पर विभाग द्वारा नोटिस दिया गया है. अगर 3 दिनों में स्कूलों ने जवाब नहीं दिया तो स्कूलों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.