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अच्छी खबर : MP में पॉजिटिविटी रेट घटकर 17.9% हुआ, 'प्राणवायु' और रेमडेसिविर की भी कमी नहीं

मध्य प्रदेश में अब ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी को कुछ हद तक दूर कर लिया गया हैं. लिहाजा पॉजिटिविटी रेट में लगातार कमी देखने को मिल रही हैं.

no shortage of oxygen and Remedisvir
ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी हुई दूर
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Published : May 8, 2021, 7:19 PM IST

भोपाल। पिछले दो महीनों में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के चलते मध्य प्रदेश में हजारों मौतें हुई. सरकार कोरोना मरीजों को न तो ऑक्सीजन मुहैया करा पाई और न ही बेड. इसका नतीजा यह हुआ कि कई रोगियों की सांसे थम गईं. प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान समेत सभी नेता जनता की चिंता नहीं बल्कि चुनाव कैसे जीता जाए, इस बात को लेकर ज्यादा फिक्रमंद थे. उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं था कि जनता का क्या हाल हैं ?.

इधर अगर पिछले 15 दिनों से लेकर अब तक की बात की जाए, तो प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को कुछ हद तक दूर कर लिया गया हैं. सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि छह मई को 647 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली हैं, जबकि अप्रैल महीने में प्रदेश में सिर्फ 398 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली थी, जो बहुत कम थी. इसके चलते लगातार ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौत हो रही थी.

ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी हुई दूर
अब हालात थोड़े बदलने लगे हैं

संक्रमण की दरें अब घटने लगी हैं, लेकिन गांव में बढ़ते संक्रमण के चलते सरकार चिंतित हैं. गांव में न तो डॉक्टर्स हैं और न ही कोरोना जांच किट. ऐसे में जो लोग बीमार हो रहे हैं, उन्हें झोलाछाप डॉक्टर टाइफाइड बताकर इलाज कर रहे हैं. इसी के चलते मरीजों की मौत भी हो रही हैं. गांवों में ऑक्सीमीटर भी उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते लोगों को इलाज के लिए शहरों की तरफ जाना पड़ रहा हैं.

पीपुल्स अस्पताल के मैनेजर उदय दीक्षित का कहना है कि जिस तरह से सरकार के प्रयास चल रहे हैं. लगातार ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की आपूर्ति की जा रही हैं. उसको देखते हुए काफी हद तक ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी को दूर कर लिया गया हैं.

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने क्या कहा ?

वहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी जानकारी दे रहे हैं कि अब प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं हो रही हैं. भोपाल में 105 टन ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही हैं. यह जरूरत से पांच टन ज्यादा हैं. अस्पतालों का ऑक्सीजन बैकअप भी 10 घंटे तक पहुंच गया हैं. इंदौर में भी औसतन रोज 123 टन ऑक्सीजन मिल रही हैं. भोपाल के सबसे बड़े प्रोसेसिंग प्लांट भारतीय एयर प्रोडक्ट से सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़ और शाजापुर जिले में ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही हैं. उन्होंने कहा कि एक महीने में कई ऑक्सीजन प्लांट काम करने लगेंगे औक कई जिले आत्मनिर्भर बन जायेंगे.

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने क्या कहा ?

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का कहना है कि पिछले दो-तीन दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई हैं. वहीं जो पूर्व में अस्पताल में एडमिट थे या घरों में आइसोलेट थे, वे भी स्वस्थ होकर वापस अपने घर लौट रहे हैं.

पॉजिटिविटी रेट हो रहा कम

मध्य प्रदेश में लगातार पॉजिटिविटी रेट कम हो रही हैं. अप्रैल माह में जब कोरोना कर्फ्यू लगा, तो धीरे-धीरे एक महीने बाद संक्रमण की दर में 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. पिछले 15 दिनों में संक्रमण की दर 23.6 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 17.9 प्रतिशत हो गई हैं.

रेमडेसिविर मध्य प्रदेश में ही बने

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ऐसी कोशिश की जाए कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य दवाओं का प्रोडक्शन प्रदेश में ही हों. वहीं ऑक्सीजन उत्पादन के लिए नई नीति लागू कर दी गई हैं.

पीएम मोदी से हुई फोन पर चर्चा

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम मोदी से फोन पर चर्चा की. सीएम ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को लिए पीएम को अवगत कराया.


ऑक्सीजन की कमी के बीच, केंद्र सरकार ने MP को दी एक हजार नयी मशीनें


हर दिन मिली इतनी मीट्रिक टन ऑक्सीजन

  • 1 मई को 548 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 2 मई को 537 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 3 मई को 684 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 4 मई को 677 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 5 मई को 563 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 6 मई को 647 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
    no-shortage-of-oxygen-and-remedisvir
    हर दिन मिली इतनी मीट्रिक टन ऑक्सीजन


    अप्रैल माह में ऑक्सीजन की स्थिति
  • 8 अप्रैल को 264 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 15 अप्रैल को 298 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 19 अप्रैल को 414 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 20 अप्रैल को 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
    no-shortage-of-oxygen-and-remedisvir
    अप्रैल माह में ऑक्सीजन की स्थिति


    रेमडेसिविर इंजेक्शन की स्थिति
  • अभी तक 210356 इंजेक्शन मध्य प्रदेश में आ चुके हैं. अब अस्पतालों को पर्याप्त मात्रा में रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलने लगे हैं. हांलाकि जितनी मात्रा में चाहिए, उतनी मात्रा में नहीं मिल पा रहे हैं.

भोपाल। पिछले दो महीनों में ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी के चलते मध्य प्रदेश में हजारों मौतें हुई. सरकार कोरोना मरीजों को न तो ऑक्सीजन मुहैया करा पाई और न ही बेड. इसका नतीजा यह हुआ कि कई रोगियों की सांसे थम गईं. प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान समेत सभी नेता जनता की चिंता नहीं बल्कि चुनाव कैसे जीता जाए, इस बात को लेकर ज्यादा फिक्रमंद थे. उन्हें इस बात से कोई सरोकार नहीं था कि जनता का क्या हाल हैं ?.

इधर अगर पिछले 15 दिनों से लेकर अब तक की बात की जाए, तो प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को कुछ हद तक दूर कर लिया गया हैं. सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि छह मई को 647 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली हैं, जबकि अप्रैल महीने में प्रदेश में सिर्फ 398 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली थी, जो बहुत कम थी. इसके चलते लगातार ऑक्सीजन की कमी से कोरोना मरीजों की मौत हो रही थी.

ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी हुई दूर
अब हालात थोड़े बदलने लगे हैं

संक्रमण की दरें अब घटने लगी हैं, लेकिन गांव में बढ़ते संक्रमण के चलते सरकार चिंतित हैं. गांव में न तो डॉक्टर्स हैं और न ही कोरोना जांच किट. ऐसे में जो लोग बीमार हो रहे हैं, उन्हें झोलाछाप डॉक्टर टाइफाइड बताकर इलाज कर रहे हैं. इसी के चलते मरीजों की मौत भी हो रही हैं. गांवों में ऑक्सीमीटर भी उपलब्ध नहीं है, जिसके चलते लोगों को इलाज के लिए शहरों की तरफ जाना पड़ रहा हैं.

पीपुल्स अस्पताल के मैनेजर उदय दीक्षित का कहना है कि जिस तरह से सरकार के प्रयास चल रहे हैं. लगातार ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की आपूर्ति की जा रही हैं. उसको देखते हुए काफी हद तक ऑक्सीजन और रेमडेसिविर की कमी को दूर कर लिया गया हैं.

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने क्या कहा ?

वहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा भी जानकारी दे रहे हैं कि अब प्रदेश में ऑक्सीजन की किल्लत नहीं हो रही हैं. भोपाल में 105 टन ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही हैं. यह जरूरत से पांच टन ज्यादा हैं. अस्पतालों का ऑक्सीजन बैकअप भी 10 घंटे तक पहुंच गया हैं. इंदौर में भी औसतन रोज 123 टन ऑक्सीजन मिल रही हैं. भोपाल के सबसे बड़े प्रोसेसिंग प्लांट भारतीय एयर प्रोडक्ट से सीहोर, विदिशा, रायसेन, राजगढ़ और शाजापुर जिले में ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही हैं. उन्होंने कहा कि एक महीने में कई ऑक्सीजन प्लांट काम करने लगेंगे औक कई जिले आत्मनिर्भर बन जायेंगे.

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी ने क्या कहा ?

स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का कहना है कि पिछले दो-तीन दिनों में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आई हैं. वहीं जो पूर्व में अस्पताल में एडमिट थे या घरों में आइसोलेट थे, वे भी स्वस्थ होकर वापस अपने घर लौट रहे हैं.

पॉजिटिविटी रेट हो रहा कम

मध्य प्रदेश में लगातार पॉजिटिविटी रेट कम हो रही हैं. अप्रैल माह में जब कोरोना कर्फ्यू लगा, तो धीरे-धीरे एक महीने बाद संक्रमण की दर में 5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. पिछले 15 दिनों में संक्रमण की दर 23.6 प्रतिशत थी, जो अब घटकर 17.9 प्रतिशत हो गई हैं.

रेमडेसिविर मध्य प्रदेश में ही बने

सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि ऐसी कोशिश की जाए कि रेमडेसिविर इंजेक्शन और अन्य दवाओं का प्रोडक्शन प्रदेश में ही हों. वहीं ऑक्सीजन उत्पादन के लिए नई नीति लागू कर दी गई हैं.

पीएम मोदी से हुई फोन पर चर्चा

प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पीएम मोदी से फोन पर चर्चा की. सीएम ने कोरोना संक्रमण की वर्तमान स्थिति को लिए पीएम को अवगत कराया.


ऑक्सीजन की कमी के बीच, केंद्र सरकार ने MP को दी एक हजार नयी मशीनें


हर दिन मिली इतनी मीट्रिक टन ऑक्सीजन

  • 1 मई को 548 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 2 मई को 537 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 3 मई को 684 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 4 मई को 677 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 5 मई को 563 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 6 मई को 647 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
    no-shortage-of-oxygen-and-remedisvir
    हर दिन मिली इतनी मीट्रिक टन ऑक्सीजन


    अप्रैल माह में ऑक्सीजन की स्थिति
  • 8 अप्रैल को 264 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 15 अप्रैल को 298 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 19 अप्रैल को 414 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
  • 20 अप्रैल को 130 मीट्रिक टन ऑक्सीजन
    no-shortage-of-oxygen-and-remedisvir
    अप्रैल माह में ऑक्सीजन की स्थिति


    रेमडेसिविर इंजेक्शन की स्थिति
  • अभी तक 210356 इंजेक्शन मध्य प्रदेश में आ चुके हैं. अब अस्पतालों को पर्याप्त मात्रा में रेमडेसिविर इंजेक्शन मिलने लगे हैं. हांलाकि जितनी मात्रा में चाहिए, उतनी मात्रा में नहीं मिल पा रहे हैं.
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