भोपाल। प्रदेश की भाजपा सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस ने कई मामलों पर संगठन की ओर से जांच दल और समितियां बनाईं, लेकिन विभिन्न जांच दलों की रिपोर्ट और समितियों की सिफारिशों का सरकार पर कोई असर नहीं हुआ. सरकार की तरफ से न तो इन पर कोई एक्शन लिया गया, न ही कांग्रेस इन मुद्दों को लेकर सरकार को घेर पाई है. (mp congress committee)
कांग्रेस ने दो साल में बनाईं दो दर्जन जांच समितियां
कांग्रेस संगठन का कहना है कि हम जांच रिपोर्ट और समितियों की सिफारिश के माध्यम से प्रशासन और सरकार जनता की आवाज पहुंचाने का काम करते हैं. कांग्रेस ने 2 साल में लगभग 2 दर्जन जांच समितियां बनाईं. कई बार समितियों का ऐलान प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए किया गया, लेकिन जांच समितियों की रिपोर्ट आने के बाद कांग्रेस ने उसका क्या किया, यह कभी उसने सार्वजनिक नहीं होने दिया है. (congress strategy for mp election 2023)
शासन प्रशासन नहीं लेता कोई एक्शन
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के संगठन प्रभारी चंद्रप्रभास शेखर का कहना है कि आम जनता पर हो रहे अन्याय और अत्याचार के खिलाफ निष्पक्ष जांच को लेकर कांग्रेस द्वारा समय-समय पर जांच समितियों और जांच दलों का गठन किया जाता है. इसकी रिपोर्ट पीसीसी चीफ को सौंपी जाती है. इसके साथ ही रिपोर्ट जिला प्रशासन और सरकार को भी भेजी जाती है. चंद्र प्रभास शेखर ने कहा कि शासन प्रशासन का दायित्व है कि कांग्रेस द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर एक्शन ले, लेकिन वह कोई कार्रवाई नहीं करता है. इसमें सारा दोष शासन प्रशासन का है. (mp administration on congress committee report)
कथावाचक मामले में भी बनाई थी समिति
सीहोर में कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा रुद्राक्ष वितरण समारोह को लेकर प्रशासन की कार्रवाई के चलते प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पूर्व मंत्री पीसी शर्मा की अध्यक्षता में एक समिति बनाई थी. यह समिति प्रदीप मिश्रा से मुलाकात करने सीहोर गई थी. कांग्रेस संगठन प्रभारी चंद्रशेखर का कहना है कि कथावाचक प्रदीप मिश्रा के मामले में उनके सम्मान को दृष्टिगत रखते हुए पीसीसी चीफ कमलनाथ ने प्रतिनिधि मंडल को सीहोर भेजा था. बाद में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की प्रदीप मिश्रा से बातचीत और गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा द्वारा इस मामले में हस्तक्षेप के बाद पूरे मामले का पटाक्षेप हो गया.
इन मामलों में बनाई गई जांच समिति
- राजधानी के पास बैरसिया की गौशाला में गायों की मौत के मामले में कांग्रेस ने जांच समिति बनाई. समिति यहां पर गई थी. अपनी रिपोर्ट भी तैयार की. अब यह मामला पूरी तरह से दब चुका है.
- विदिशा के गंजबासौदा में कुआं धंसकने से हुई मौतों के मामले में जांच समिति बनाई गई. समिति में विधायक के साथ ही संगठन के लोगों को भी रखा गया. समिति ने अपनी रिपोर्ट पीसीसी चीफ को भी दी.
- देवास जिले के नेमावर में एक ही परिवार के 5 लोगों की हत्या के मामले में भी कांग्रेस की तरफ से जांच समिति बनाई गई. समिति में आदिवासी जनप्रतिनिधियों के अलावा विधायक और कई पदाधिकारी शामिल थे.
- मुरैना में जहरीली शराब पीने से हुई मौतों के मामले में भी कांग्रेस ने जांच समिति बनाई.
- गुना में दलित दंपति से मारपीट के मामले में जांच समिति बनाई गई. इसमें भी आदिवासी विधायकों को शामिल किया गया. साथ ही कांग्रेस के कुछ पदाधिकारी भी इसमें शामिल किए गए थे.
- शहडोल के अस्पताल में 11 बच्चों की मौत के मामले में कांग्रेस ने जांच कमेटी बनाई, लेकिन इसकी रिपोर्ट का कांग्रेस ने क्या किया, किसी को पता नहीं चल सका.
- खरगोन जिले की खैरकुंडी गांव में आदिवासी व्यक्ति की पुलिस प्रताड़ना में मौत को लेकर भी जांच समिति बनाई गई थी. इसमें कांग्रेस के विधायक और जनप्रतिनिधि शामिल थे.
- नीमच जिले के सिंगोली में हुई घटना को लेकर कांग्रेस संगठन के पदाधिकारियों और विधायकों की जांच समिति बनाई गई थी.
सरकार को घेरने में नाकामयाब रही कांग्रेस
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार जाने और भाजपा की सरकार बनने के दो साल में एक भी मामला ऐसा सामने नहीं आया है, जिसके जरिए कांग्रेस ने जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर जनता के बीच बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार को घेरा हो. जांच दल और समितियां बनाई जाती हैं. उनकी रिपोर्ट भी पीसीसी चीफ तक पहुंचती है, लेकिन उसके बाद नतीजा सिफर ही रहा है.
मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की नवनियुक्त अध्यक्ष विभा पटेल ने गुरुवार को पीसीसी कार्यालय पहुंचकर पदभार ग्रहण कर लिया. पटेल ने कहा कि आधी आबादी की आवाज को मध्यप्रदेश में और सशक्त किया जाएगा. उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनेगी. बुधवार को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष पद के लिए नियुक्ति आदेश जारी होने के बाद गुरुवार को विभा पटेल ने अध्यक्ष का पद ग्रहण कर लिया.