ETV Bharat / state

मध्यप्रदेश की खदानों में जल्द शुरू होगा खनन, NGT ने रोक हटाई - sand mining in mp

एमपी में रेत के नए ठेकों पर पर्यावरणीय मंजूरी के बिना ही खनन करने की अनुमति एनजीटी ने दे दी है, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के रोक लगाने के बाद से ही एनजीटी और सरकार में खींचतान चल रही थी.

NGT
एनजीटी
author img

By

Published : Jun 3, 2020, 5:20 PM IST

भोपाल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मध्यप्रदेश में रेत के नए ठेकों पर पर्यावरणीय मंजूरी के बिना रेत खनन शुरू करने पर लगी रोक हटा दिया है, जिसके चलते लंबे समय से एनजीटी और सरकार में खींचतान चल रही थी. आखिरकार एनजीटी ने रेत खदानों से खनन किए जाने पर रोक लगाने से राहत दे दी है. अब प्रदेश की सभी खदानों में खनन शुरू हो सकेगा और सरकार इसके लिए कुछ क्लीयरेंस के बाद ठेका जारी कर सकेगी.

खनन पर लगी रोक हटी

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि यदि ठेकेदार मौजूदा माइनिंग लीज की समय अवधि में ही खदान का क्षेत्र बढ़ाता है तो पर्यावरणीय अनुमति लेनी होगी, यदि वो लीज में अनुमति प्राप्त क्षेत्र में ही खनन करता है तो अनुमति लेना जरूरी नहीं है.

NGT lifts ban on sand mining in mp
खुल सकेंगी बंद खदानें

माइनिंग कॉर्पोरेशन के वकील ओम शंकर श्रीवास्तव का कहना है कि एनजीटी ने बड़ा कदम उठाते हुए खदानों से उत्खनन को लेकर जो रोक लगाई गई थी, उसे फिलहाल हटा दिया है. इससे खनन कारोबार पुनः प्रारंभ हो सकेगा, पिछली सरकार की रेत नीति स्पष्ट नहीं थी, जिसे लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई है, कोर्ट के फैसले के बाद 38 जिलों में बंद पड़ी खदानें फिर से शुरू हो जाएंगी. इस फैसले के बाद ठेकेदारों को फायदा हुआ है, उन्हें दोबारा पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं लेनी होगी, पुरानी स्वीकृति ही ट्रांसफर हो जाएगी.

NGT lifts ban on sand mining in mp
आदेश हुए जारी

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 3 मार्च को प्रदेश में रेत के नए ठेकों पर पर्यावरणीय मंजूरी के बिना खनन पर रोक लगा दी थी, जिससे प्रदेश सरकार की नई रेत नीति को बड़ा झटका लगा था क्योंकि इस नीति के तहत खदानों के ठेके देने का अधिकार पंचायतों को मिला था, प्रदेश में पंचायतों के पास 300 से अधिक खदानें ऐसी हैं, जिनकी पर्यावरणीय मंजूरी 2020 तक है.

कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री रहे प्रदीप जायसवाल की अगुआई में नई रेत नीति बनी थी, उन्होंने दावा किया था कि इसके माध्यम से सरकार को अच्छा राजस्व मिलेगा. कमलनाथ सरकार ने राजस्व में बढ़ोत्तरी के उद्देश्य से ही नई रेत नीति लागू की थी, जिसमें पंचायतों को ठेका देने का अधिकार दिया गया था, लेकिन पर्यावरणीय मंजूरी के विषय में सही निर्णय नहीं लिया गया था, जिसके बाद एनजीटी ने स्वतः संज्ञान लेकर खदानों से खनन करने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

भोपाल। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने मध्यप्रदेश में रेत के नए ठेकों पर पर्यावरणीय मंजूरी के बिना रेत खनन शुरू करने पर लगी रोक हटा दिया है, जिसके चलते लंबे समय से एनजीटी और सरकार में खींचतान चल रही थी. आखिरकार एनजीटी ने रेत खदानों से खनन किए जाने पर रोक लगाने से राहत दे दी है. अब प्रदेश की सभी खदानों में खनन शुरू हो सकेगा और सरकार इसके लिए कुछ क्लीयरेंस के बाद ठेका जारी कर सकेगी.

खनन पर लगी रोक हटी

एनजीटी ने अपने आदेश में कहा है कि यदि ठेकेदार मौजूदा माइनिंग लीज की समय अवधि में ही खदान का क्षेत्र बढ़ाता है तो पर्यावरणीय अनुमति लेनी होगी, यदि वो लीज में अनुमति प्राप्त क्षेत्र में ही खनन करता है तो अनुमति लेना जरूरी नहीं है.

NGT lifts ban on sand mining in mp
खुल सकेंगी बंद खदानें

माइनिंग कॉर्पोरेशन के वकील ओम शंकर श्रीवास्तव का कहना है कि एनजीटी ने बड़ा कदम उठाते हुए खदानों से उत्खनन को लेकर जो रोक लगाई गई थी, उसे फिलहाल हटा दिया है. इससे खनन कारोबार पुनः प्रारंभ हो सकेगा, पिछली सरकार की रेत नीति स्पष्ट नहीं थी, जिसे लेकर कोर्ट में सुनवाई हुई है, कोर्ट के फैसले के बाद 38 जिलों में बंद पड़ी खदानें फिर से शुरू हो जाएंगी. इस फैसले के बाद ठेकेदारों को फायदा हुआ है, उन्हें दोबारा पर्यावरणीय स्वीकृति नहीं लेनी होगी, पुरानी स्वीकृति ही ट्रांसफर हो जाएगी.

NGT lifts ban on sand mining in mp
आदेश हुए जारी

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 3 मार्च को प्रदेश में रेत के नए ठेकों पर पर्यावरणीय मंजूरी के बिना खनन पर रोक लगा दी थी, जिससे प्रदेश सरकार की नई रेत नीति को बड़ा झटका लगा था क्योंकि इस नीति के तहत खदानों के ठेके देने का अधिकार पंचायतों को मिला था, प्रदेश में पंचायतों के पास 300 से अधिक खदानें ऐसी हैं, जिनकी पर्यावरणीय मंजूरी 2020 तक है.

कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री रहे प्रदीप जायसवाल की अगुआई में नई रेत नीति बनी थी, उन्होंने दावा किया था कि इसके माध्यम से सरकार को अच्छा राजस्व मिलेगा. कमलनाथ सरकार ने राजस्व में बढ़ोत्तरी के उद्देश्य से ही नई रेत नीति लागू की थी, जिसमें पंचायतों को ठेका देने का अधिकार दिया गया था, लेकिन पर्यावरणीय मंजूरी के विषय में सही निर्णय नहीं लिया गया था, जिसके बाद एनजीटी ने स्वतः संज्ञान लेकर खदानों से खनन करने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.